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संघ प्रमुख मोहन भागवत ने किया अखंड भारत का समर्थन, बोले- जो गलती हुई उसका सुधार यही है

Bhopal. अमर बलिदानी हेमू कालाणी जन्मशती समारोह भोपाल में आयोजित किया गया जिसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शिरकत की.

Bhopal. अमर बलिदानी हेमू कालाणी जन्मशती समारोह भोपाल में आयोजित किया गया जिसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शिरकत की.

Bhopal News, भोपाल में आज शहीद हेमू कालाणी जन्मशती समारोह आयोजित किया गया. इसमें शामिल होने देश- से हजारों लोग आए. संघ ...अधिक पढ़ें

 भोपाल. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अखंड भारत का समर्थन किया है. संघ प्रमुख भोपाल में आयोजित सिंधु सभा के कार्यक्रम में शामिल होने आए हैं. समारोह के मंच से उन्होंने कहा भारत खंडित हो गया है उसे फिर से बसाना पड़ेगा. इसी कार्यक्रम में मौजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंधी समाज के लिए सौगात का पिटारा खोल दिया.

भोपाल में आज शहीद हेमू कालाणी जन्मशती समारोह आयोजित किया गया. इसमें शामिल होने देश- से हजारों लोग आए. संघ प्रमुख मोहन भागवत यहां मुख्य वक्ता थे. भागवत ने अपने संबोधन में कहा देश में सिंधी समाज का योगदान बराबरी का रहा, पर उल्लेख कम होता है. अपने स्व को बचाने के लिए ये बलिदान हुए. जब सिंधु से हटने की बारी आई तो आपने भारत को नहीं छोड़ा. आप पराक्रमी हैं. 1947 से पहले वह भारत था. सिंधु संस्कृति थी. कोई कहेगा तो बताना पड़ेगा. भारत खंडित हो गया, उसे बसाना पड़ेगा. भागवत आगे बोले- भारत कहें तो हम सिंधु नदी को नहीं भूल सकते. ये नाता नहीं तोड़ सकते. हम कुछ नहीं भूलेंगे. क्योंकि यह कृत्रिम विभाजन है. पाकिस्तान के लोग कह रहे हैं कि यह गलती हो गई. जो अपनी हठधर्मिता के कारण भारत से अलग हुए, वह दुख में हैं. जो भारत के साथ यहां आए, वह फिर से खड़े हो गए. उस समय गलती हुई, उसका सुधार यही है.

पूरा हिंद आपका
कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे. उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत सिंधी भाषा में अभिभादन के साथ की. शिवराज ने सिंध प्रांत की विशेषता बताई और बंटवारे के दौर को याद करते हुए कहा सिंधी समुदाय के लोगों ने अपनी संस्‍कृति, अपने धर्म की रक्षा के लिए अपनी भूमि छोड़ दी. उन्होंने अपना जीवन शून्य से शुरू किया और खुद को स्थापित किया. हमें अपनी जड़ों को छोड़ना पड़े तो इसका दर्द रहता है. युवाओं से आग्रह है कि अपनी जड़ों से जुड़े रहें. संस्कृति, परंपरा, वेशभूषा, भाषा, खानपान, महापुरुष न भूलें. सिंधियों को नागरिकता देने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. आपने सिंध छोड़ा, लेकिन अब पूरा हिंद आपका है.

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सिंधी समाज के लिए घोषणाओं की झड़ी
सीएम शिवराज ने इस मौके पर बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा मप्र की पाठ्य पुस्तकों में सिंधी महापुरुषों का पाठ पढ़ाया जाएगा. सम्राट दाहिर सेन, हेमू कालाणी की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल करेंगे. सिंधु दर्शन के लिए जाने वालों को 25 हजार रुपये अनुदान सरकार देगी. मप्र में सिंधु समाज के महापुरुषों और सिंधु सभ्यता का संग्रहालय बनाया जाएगा. सिंधु साहित्य अकादमी को पांच करोड़ का बजट दिया जाएगा. भोपाल के मनुआभान टेकरी के अलावा इंदौर और जबलपुर में भी बलिदानी हेमू कालाणी की प्रतिमा लगायी जाएगी. मप्र में संग्रहालय बनाएंगे. सिंधु सभ्यता का सभी कुछ रहेगा. सिंधी समाज को पट्टों के लिए 1 प्रतिशत राशि लेकर स्थायी भूमि देंगे. ये आपका अधिकार है.

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