बाबूलाल गौर के इस दावे की शुरुआत उस दिन से हुई जब विधानसभा चुनाव में जीत के बाद 18 जनवरी को दिग्विजय सिंह उनसे मिलने घर गए थे. गौर के घर उन्होंने खाना खाया था. बताया जा रहा है कि उसी दिन दिग्विजय सिंह ने गौर से कहा था कि वे चाहें तो कांग्रेस के टिकट पर भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. गौर ने उस वक्त सिर्फ इतना कहा था कि वो इस पर विचार करेंगे. लेकिन अब गौर का दावा है कि कांग्रेस उन्हें प्रत्याशी बनाने के लिए तैयार है.
बाबूलाल गौर प्रदेश में बीजेपी के वरिष्ठतम लीडर हैं और 40 साल से संघ और पार्टी से जुड़े हुए हैं. वो भोपाल की गोविंदपुरा सीट से लगातार 10 बार विधायक रहे हैं. इस बार पार्टी ने उम्र का हवाला देकर उनका टिकट काट दिया. बाबूलाल गौर की जगह उनकी बहू कृष्णा गौर को गोविंदपुरा सीट से टिकट दिया. लेकिन टिकट देने में बेहद देर की गई. आखिरी सूची में उनका नाम आया. उस दौरान कृष्णा गौर और बाबूलाल गौर ने टिकट हासिल करने के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स भी की थी. चर्चा में ये बात भी रही कि अगर बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो ससुर-बहू दोनों कांग्रेस में जा सकते हैं.
बाबूलाल गौर अरसे से अपनी पार्टी से नाराज़ चल रहे हैं. 75 पार के मापदंड के आधार पर गौर का पहले मंत्री पद छीना गया था और फिर टिकट काट दिया गया था. बीजेपी के ये दिग्गज नेता अपनी साफगोई और बेबाकी के लिए जाने जाते हैं.
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