परिसीमन की सियासत: BJP ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग

राकेश सिंह ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद परिसीमन की प्रक्रिया तत्काल रोक देनी चाहिए.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शहरी इलाकों में परिसीमन (Delimitation) की सरकार की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है. इंदौर हाईकोर्ट (Indore High Court) ने नगरीय निकायों में परिसीमन की प्रक्रिया को रोकने का फैसला सुनाया है. वहीं कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में सियासत तेज हो गई है.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: November 13, 2019, 10:12 PM IST
भोपाल. प्रदेश में कांग्रेस सरकार (Congress Government) के नगरीय निकायों में वार्डों से लेकर नगरीय निकायों की सीमा में किए जाने वाले बदलाव पर हाईकोर्ट (High court) का ब्रेक लग गया है. इंदौर हाईकोर्ट बेंच (Indore High court Bench) ने परिसीमन के लिए अपनाई जा रही प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. कोर्ट के फैसले के बाद अब तक परिसीमन की प्रक्रिया का विरोध कर रही बीजेपी (BJP) कांग्रेस सरकार पर आक्रामक हो गई है. बीजेपी ने बिना देरी किए मुख्य सचिव (Chief Secratary) को पत्र लिख परिसीमन की प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग की है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह (Rakesh Singh) ने कहा है कि कोर्ट के फैसले के बाद परिसीमन की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगनी चाहिए.
कोर्ट के फैसले से कांग्रेस को झटका
अब तक शहरों में अपने मुताबिक बदलाव करने में लगी कांग्रेस को कोर्ट के फैसले से बड़ा झटका लगा है. हालांकि कांग्रेस का दावा है कि परिसीमन राज्य सरकार का संवैधानिक अधिकार है, और उसी के तहत नियम प्रक्रियाओं के तहत ही परिसीमन की कार्यवाही की जा रही थी. लेकिन अब कोर्ट के फैसले का परीक्षण कर सरकार अगला कदम उठाएगी. कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने कहा है कि कांग्रेस कोर्ट के फैसले का परीक्षण करेगी और फिर अगला कदम उठाएगी. दुबे ने कहा है कि शहरों की परिसीमन करना राज्य सरकार का संवैधानिक अधिकार है.
लगातार परिसीमन का विरोध कर रही थी बीजेपी प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव करीब हैं. इससे पहले एमपी की कांग्रेस सरकार ने शहरों में परिसीमन की
कार्रवाई तेज करने के लिए कलेक्टरों को निर्देश जारी किए थे. भोपाल में नगर निगम का बंटवारा कर दो नगर निगम बनाये जाने की तैयारी थी, इसको लेकर भी बीजेपी लगातार विरोध दर्ज करा रही थी. अब इंदौर हाईकोर्ट के फैसले के बाद परिसीमन और नगर निगम के बंटवारे की प्रक्रिया पर फिलहाल ब्रेक लगती दिख रही है. इस मामले को बीजेपी अपनी जीत के तौर पर देख रही है तो कांग्रेस हाईकोर्ट के फैसले के परीक्षण में जुट गई है ताकि सरकार अगला कदम उठा सके.
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कोर्ट के फैसले से कांग्रेस को झटका
अब तक शहरों में अपने मुताबिक बदलाव करने में लगी कांग्रेस को कोर्ट के फैसले से बड़ा झटका लगा है. हालांकि कांग्रेस का दावा है कि परिसीमन राज्य सरकार का संवैधानिक अधिकार है, और उसी के तहत नियम प्रक्रियाओं के तहत ही परिसीमन की कार्यवाही की जा रही थी. लेकिन अब कोर्ट के फैसले का परीक्षण कर सरकार अगला कदम उठाएगी. कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने कहा है कि कांग्रेस कोर्ट के फैसले का परीक्षण करेगी और फिर अगला कदम उठाएगी. दुबे ने कहा है कि शहरों की परिसीमन करना राज्य सरकार का संवैधानिक अधिकार है.
लगातार परिसीमन का विरोध कर रही थी बीजेपी प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव करीब हैं. इससे पहले एमपी की कांग्रेस सरकार ने शहरों में परिसीमन की
कार्रवाई तेज करने के लिए कलेक्टरों को निर्देश जारी किए थे. भोपाल में नगर निगम का बंटवारा कर दो नगर निगम बनाये जाने की तैयारी थी, इसको लेकर भी बीजेपी लगातार विरोध दर्ज करा रही थी. अब इंदौर हाईकोर्ट के फैसले के बाद परिसीमन और नगर निगम के बंटवारे की प्रक्रिया पर फिलहाल ब्रेक लगती दिख रही है. इस मामले को बीजेपी अपनी जीत के तौर पर देख रही है तो कांग्रेस हाईकोर्ट के फैसले के परीक्षण में जुट गई है ताकि सरकार अगला कदम उठा सके.
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