संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण पर ब्रेक! सरकार का नया प्लान

मध्य प्रदेश में संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण पर ब्रेक (Break on regularization of contract employees in Madhya Pradesh)
कमलनाथ सरकार (kamalnath) के इस नये प्लान में कई पेंच हैं. क्योंकि इस प्रोत्साहन अंक का लाभ सिर्फ उन कर्मचारियों को मिलेगा जिन्हें नौकरी करते हुए पांच साल हो चुके हों. प्रदेश में इस वक़्त पौने तीन लाख संविदा कर्मचारी (Contract employees) हैं और इनमें से सिर्फ 26 हज़ार पांच साल पुराने हैं.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: November 27, 2019, 2:17 PM IST
भोपाल.मध्यप्रदेश (madhya pradesh) के करीब पौने तीन लाख संविदा कर्मचारियों (Contract employees) के नियमितिकरण (Regularization) पर ब्रेक लगता नजर आ रहा है.ऐसा इसलिए, क्योंकि सरकार (kamalnath government) अब सीधी भर्ती के ज़रिए इन कर्मचारियों को नियमित करने का प्लान लेकर आ रही है. उसमें शामिल होने वाले संविदा कर्मचारियों को प्रोत्साहन अंक दिया जाएगा. हालांकि सरकार के इस नये प्लान में कई पेंच हैं. क्योंकि इस प्रोत्साहन अंक का लाभ सिर्फ उन कर्मचारियों को मिलेगा जिन्हें नौकरी करते हुए पांच साल हो चुके हों. प्रदेश में इस वक़्त पौने तीन लाख संविदा कर्मचारी हैं और इनमें से सिर्फ 26 हज़ार पांच साल पुराने हैं.
अपनी नौकरी नियमित होने की उम्मीद लगाए बैठे प्रदेश के लाखों संविदा कर्मचारियों के लिए ये ख़बर किसी शॉक से कम नहीं. सरकार अब इन्हें नियमित करती नज़र नहीं आ रही है. अब वो नया प्लान लेकर आयी है. प्लान ये है कि संविदा कर्मचारियों को सीधे नियमित करने के बजाए, वो खाली पदों पर सीधी भर्ती की तैयारी में है. इस भर्ती में जो संविदा कर्मचारी शामिल होंगे उन्हें विशेष प्रोत्साहन अंक देकर भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी.
वचन पत्र का वादा
विधान सभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था. सत्ता में आने के बाद विधि मंत्री पीसी शर्मा ने खाली पदों पर वरिष्ठता के हिसाब से संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के निर्देश दिए थे. लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग ने जब इन कर्मचारियों की नियुक्ति की फाइलें खंगालीं तो कई तरह की गड़बड़ी सामने आयी. इसलिए कर्मचारियों को सीधे नियमित नहीं करने का फैसला विभाग ने लिया.अब इस सीधी भर्ती के ज़रिए उन्हें नियमित करने का रास्ता निकाला गया.5 साल पुराने कर्मचारियों को प्राथमिकता
इस सीधी भर्ती के ज़रिए नियमित करने में भी पेंच हैं. बताया जा रहा है जो सीधी भर्ती होगी, उसमें भी सिर्फ उन संविदा कर्मचारियों को बोनस अंक की सुविधा मिलेगी जिन्हें नौकरी करते हुए पांच साल से ज़्यादा वक्त हो गया.बीजेपी सरकार ने संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण की जो नीति बनाई थी, उसमें बीस फीसदी कोटा संविदाकर्मियों के लिए आरक्षित रखा था.
नये नियम में खामीसत्ता में आने के बाद कमलनाथ सरकार ने संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए मंत्रियों की एक कमेटी बनाई थी. उसमें पीसी शर्मा भी शामिल हैं,लेकिन अब तक कमेटी कोई सार्थक नतीजा नहीं दे सकी. आशा-उषा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सहायिका और कार्यकर्ता, किसान मित्र, साक्षर भारत प्रोजेक्ट, बिजली कंपनियों के कर्मचारी सहित करीब पौने तीन लाख संविदा कर्मचारी हैं. व्यापम की भर्ती परीक्षा या फिर दूसरी विभागीय परीक्षा के जरिए भर्ती हुए 72 हजार कर्मचारी हैं. इनमें से पांच साल पुराने कर्मचारियों की संख्या सिर्फ 26 हजार है. यानि पौने तीन लाख संविदा कर्मचारियों में से सीधी भर्ती का लाभ सिर्फ 26 हज़ार कर्मचारियों को ही मिलेगा.
ये भी पढ़ें-इंदौर एयरपोर्ट ने दिव्यांग यात्रियों से कहा- May I help you
इंदौर में बिल्डर के घर डाका, गार्ड को बंधक बनाकर घर में दाख़िल हुए डकैत
अपनी नौकरी नियमित होने की उम्मीद लगाए बैठे प्रदेश के लाखों संविदा कर्मचारियों के लिए ये ख़बर किसी शॉक से कम नहीं. सरकार अब इन्हें नियमित करती नज़र नहीं आ रही है. अब वो नया प्लान लेकर आयी है. प्लान ये है कि संविदा कर्मचारियों को सीधे नियमित करने के बजाए, वो खाली पदों पर सीधी भर्ती की तैयारी में है. इस भर्ती में जो संविदा कर्मचारी शामिल होंगे उन्हें विशेष प्रोत्साहन अंक देकर भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी.
वचन पत्र का वादा
विधान सभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था. सत्ता में आने के बाद विधि मंत्री पीसी शर्मा ने खाली पदों पर वरिष्ठता के हिसाब से संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के निर्देश दिए थे. लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग ने जब इन कर्मचारियों की नियुक्ति की फाइलें खंगालीं तो कई तरह की गड़बड़ी सामने आयी. इसलिए कर्मचारियों को सीधे नियमित नहीं करने का फैसला विभाग ने लिया.अब इस सीधी भर्ती के ज़रिए उन्हें नियमित करने का रास्ता निकाला गया.5 साल पुराने कर्मचारियों को प्राथमिकता
इस सीधी भर्ती के ज़रिए नियमित करने में भी पेंच हैं. बताया जा रहा है जो सीधी भर्ती होगी, उसमें भी सिर्फ उन संविदा कर्मचारियों को बोनस अंक की सुविधा मिलेगी जिन्हें नौकरी करते हुए पांच साल से ज़्यादा वक्त हो गया.बीजेपी सरकार ने संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण की जो नीति बनाई थी, उसमें बीस फीसदी कोटा संविदाकर्मियों के लिए आरक्षित रखा था.
नये नियम में खामीसत्ता में आने के बाद कमलनाथ सरकार ने संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए मंत्रियों की एक कमेटी बनाई थी. उसमें पीसी शर्मा भी शामिल हैं,लेकिन अब तक कमेटी कोई सार्थक नतीजा नहीं दे सकी. आशा-उषा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सहायिका और कार्यकर्ता, किसान मित्र, साक्षर भारत प्रोजेक्ट, बिजली कंपनियों के कर्मचारी सहित करीब पौने तीन लाख संविदा कर्मचारी हैं. व्यापम की भर्ती परीक्षा या फिर दूसरी विभागीय परीक्षा के जरिए भर्ती हुए 72 हजार कर्मचारी हैं. इनमें से पांच साल पुराने कर्मचारियों की संख्या सिर्फ 26 हजार है. यानि पौने तीन लाख संविदा कर्मचारियों में से सीधी भर्ती का लाभ सिर्फ 26 हज़ार कर्मचारियों को ही मिलेगा.
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First published: November 27, 2019, 2:17 PM IST