CM कमलनाथ की दरियादिली : राहुल गांधी पर टिप्पणी करने वाले शिक्षक को किया माफ

File Photo- Kamalnath
सीएम कमलनाथ ने लिखा मैं उन शिक्षक से ये ज़रूर कहना चाहता हूं कि वे एक बार गांधी परिवार के इस देश के प्रति त्याग, योगदान का समुचित अध्ययन ज़रूर करें. , जिससे उनके मन में इस परिवार के प्रति यदि कोई ग़लत सोच है तो वो इसे सुधर सके.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: January 29, 2019, 5:41 PM IST
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर टिप्पणी करने वाले रतलाम के शिक्षक को बहाल कर दिया गया है. सीएम कमलनाथ के आदेश पर उनका निलंबन वापस लिया गया. रतलाम के तालोद गांव में सरकारी प्राइमरी स्कूल के शिक्षक बालेश्वर पाटीदार ने सोशल मीडिया में राहुल गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद बाद शिक्षक को निलंबित कर दिया गया था. इससे पहले जबलपुर के एक शिक्षक ने सीएम को डाकू कहा था. उनका निलंबन भी सीएम कमलनाथ के कहने पर ख़त्म कर दिया गया था.
इस संबंध में सीएम कमलनाथ ने एक चिट्ठी लिखी उसमें उन्होंने लिखा- "मुझे अभी -अभी जानकारी मिली है कि रतलाम के आलोट विकासखंड के ग्राम तालोद में एक शासकीय प्राथमिक स्कूल के शिक्षक बालेश्वर पाटीदार को राहुल गांधी जी पर सोशल मीडिया में आपत्तिजनक टिप्पणी करने की वजह से निलंबित कर दिया गया है.
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निश्चित तौर पर उन पर इस तरह की कार्यवाही नियम अंतर्गत ही हुई होगी.शासकीय सेवा में रहते यह आचरण सिविल सेवा नियमो के विपरीत है.इसके पूर्व मेरे ख़िलाफ़ भी जबलपुर के एक शिक्षक ने डाकू शब्द का इस्तेमाल किया था.उन पर भी इसी तरह की कार्रवाई की गयी थी.ये भी पढें - राहुल गांधी के करीबी नेता का छलका दर्द, बोले-मैंने कभी किसी से एक कप चाय नहीं पी
लेकिन तभी मैंने यह सोचा कि जिन शिक्षक पर यह निलंबन की कार्रवाई हुई है, उन्होंने इस पद तक आने के लिये वर्षों मेहनत और तपस्या की होगी. पूरा परिवार उन पर आश्रित होगा. सिर्फ़ एक मुख्यमंत्री पर की गयी उक्त टिप्पणी के कारण शिक्षक को निलंबित किया जाए, तो इसकी सज़ा उनके पूरे परिवार को भुगतना पड़ेगी. ये मुझे नागवार गुज़रा. मैंने शिक्षक को माफ़ करने का निर्णय लेकर उन्हें तत्काल बहाल करने का आदेश दिया.
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शिक्षक समाज को आइना दिखाने का काम करते हैं.एक नई पीढ़ी का निर्माण करते हैं. समाज उन्हें बड़े आदर से देखता है. एक शिक्षक पर कार्रवाई मुझे व्यक्तिगत रूप से ठीक नहीं लगी. इसलिए मैंने उन्हें माफ़ करने का निर्णय लिया.
लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का में शुरू से पक्षधर हूं. लेकिन ये भी सच है कि इसका पालन एक मर्यादा में होना चाहिए.आलोट के उक्त शिक्षक पर हुई कार्रवाई पर मैंने इन्हीं सभी बातों को दोबारा सोचा. मैंने सोचा, मुझ पर टिप्पणी करने वाले शिक्षक को तो मैंने माफ़ कर दिया, लेकिन राहुलजी पर टिप्पणी करने वाले शिक्षक को किस अधिकार से माफ़ करूं. फिर सोचा, मुझ पर टिप्पणी करने वाले एक शिक्षक को हम माफ़ी दे सकते हैं तो राहुल जी पर टिप्पणी करने वाले शिक्षक को सज़ा मिले, ये मुझे ठीक नहीं लग रहा क्योंकि ये कार्रवाई राहुलजी के सोच के विपरीत है. राहुल गांधी अपने ऊपर अशोभनीय और आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले तमाम विरोधियों को माफ़ करते आए हैं. वो कहते आए हैं कि आप जितनी मेरी निंदा करो, जितने मुझे अपशब्द कहो, मैं उतना मज़बूत होता हू.इससे मेरा आत्मविश्वास दृढ़ होता है.
ऐसे में उन पर अशोभनीय टिप्पणी करने वाले शिक्षक पर कार्रवाई हो, ये जानकारी जब राहुल गांधी को मिलेगी तो उन्हें भी ठीक नहीं लगेगा. इसलिए मैंने ये फैसला लिया है कि आलोट के इस शिक्षक को भी माफ़ किया जाए. शिक्षक को तत्काल बहाल किया जाए.
सीएम कमलनाथ ने आगे लिखा है-लेकिन मैं उन शिक्षक से ये ज़रूर कहना चाहता हूं कि वे एक बार गांधी परिवार के इस देश के प्रति त्याग, योगदान का समुचित अध्ययन ज़रूर करें. , जिससे उनके मन में इस परिवार के प्रति यदि कोई ग़लत सोच है तो वो इसे सुधर सके."
इस संबंध में सीएम कमलनाथ ने एक चिट्ठी लिखी उसमें उन्होंने लिखा- "मुझे अभी -अभी जानकारी मिली है कि रतलाम के आलोट विकासखंड के ग्राम तालोद में एक शासकीय प्राथमिक स्कूल के शिक्षक बालेश्वर पाटीदार को राहुल गांधी जी पर सोशल मीडिया में आपत्तिजनक टिप्पणी करने की वजह से निलंबित कर दिया गया है.
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निश्चित तौर पर उन पर इस तरह की कार्यवाही नियम अंतर्गत ही हुई होगी.शासकीय सेवा में रहते यह आचरण सिविल सेवा नियमो के विपरीत है.इसके पूर्व मेरे ख़िलाफ़ भी जबलपुर के एक शिक्षक ने डाकू शब्द का इस्तेमाल किया था.उन पर भी इसी तरह की कार्रवाई की गयी थी.ये भी पढें - राहुल गांधी के करीबी नेता का छलका दर्द, बोले-मैंने कभी किसी से एक कप चाय नहीं पी
लेकिन तभी मैंने यह सोचा कि जिन शिक्षक पर यह निलंबन की कार्रवाई हुई है, उन्होंने इस पद तक आने के लिये वर्षों मेहनत और तपस्या की होगी. पूरा परिवार उन पर आश्रित होगा. सिर्फ़ एक मुख्यमंत्री पर की गयी उक्त टिप्पणी के कारण शिक्षक को निलंबित किया जाए, तो इसकी सज़ा उनके पूरे परिवार को भुगतना पड़ेगी. ये मुझे नागवार गुज़रा. मैंने शिक्षक को माफ़ करने का निर्णय लेकर उन्हें तत्काल बहाल करने का आदेश दिया.
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शिक्षक समाज को आइना दिखाने का काम करते हैं.एक नई पीढ़ी का निर्माण करते हैं. समाज उन्हें बड़े आदर से देखता है. एक शिक्षक पर कार्रवाई मुझे व्यक्तिगत रूप से ठीक नहीं लगी. इसलिए मैंने उन्हें माफ़ करने का निर्णय लिया.
लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का में शुरू से पक्षधर हूं. लेकिन ये भी सच है कि इसका पालन एक मर्यादा में होना चाहिए.आलोट के उक्त शिक्षक पर हुई कार्रवाई पर मैंने इन्हीं सभी बातों को दोबारा सोचा. मैंने सोचा, मुझ पर टिप्पणी करने वाले शिक्षक को तो मैंने माफ़ कर दिया, लेकिन राहुलजी पर टिप्पणी करने वाले शिक्षक को किस अधिकार से माफ़ करूं. फिर सोचा, मुझ पर टिप्पणी करने वाले एक शिक्षक को हम माफ़ी दे सकते हैं तो राहुल जी पर टिप्पणी करने वाले शिक्षक को सज़ा मिले, ये मुझे ठीक नहीं लग रहा क्योंकि ये कार्रवाई राहुलजी के सोच के विपरीत है. राहुल गांधी अपने ऊपर अशोभनीय और आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले तमाम विरोधियों को माफ़ करते आए हैं. वो कहते आए हैं कि आप जितनी मेरी निंदा करो, जितने मुझे अपशब्द कहो, मैं उतना मज़बूत होता हू.इससे मेरा आत्मविश्वास दृढ़ होता है.
ऐसे में उन पर अशोभनीय टिप्पणी करने वाले शिक्षक पर कार्रवाई हो, ये जानकारी जब राहुल गांधी को मिलेगी तो उन्हें भी ठीक नहीं लगेगा. इसलिए मैंने ये फैसला लिया है कि आलोट के इस शिक्षक को भी माफ़ किया जाए. शिक्षक को तत्काल बहाल किया जाए.
सीएम कमलनाथ ने आगे लिखा है-लेकिन मैं उन शिक्षक से ये ज़रूर कहना चाहता हूं कि वे एक बार गांधी परिवार के इस देश के प्रति त्याग, योगदान का समुचित अध्ययन ज़रूर करें. , जिससे उनके मन में इस परिवार के प्रति यदि कोई ग़लत सोच है तो वो इसे सुधर सके."