एमपी में बच्चों को चॉकलेट और फ्लेवर्ड मिल्क खिलाकर कोरोना की जांच की जाएगी कॉन्सेप्ट इमेज (फाइल फोटो)
भोपाल.पूरे मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में 1 जुलाई से किल कोरोना (kill corona campaign) कैंपेन शुरू हो रहा है.लेकिन इसमें खास बात है बच्चों का कोरोना टेस्ट. उन्हें चॉकलेट और फ्लेवर्ड मिल्क पिलाकर कोरोना की जांच की जाएगी. इसके पीछे कन्सेप्ट यही है कि जिन्हें कोरोना होता है उनकी सूंघने और स्वाद की ताकत कम हो जाती है. बच्चे क्योंकि ज़ाहिर नहीं कर पाते इसलिए चॉकलेट खिलाकर पता किया जाएगा कि कहीं उसे कोरोना तो नहीं.
1 जुलाई से प्रदेश भर में कोरोना को मात देने किल कोरोना अभियान चलाया जाएगा. सैंपल टेस्ट करने वाली टीम को बच्चों की टेस्टिंग पर खास ध्यान देने के लिए कहा गया है. वायरस की म्यूटेशन लगातार जारी है.ऐसे में कोरोना के लक्षण मरीज़ में दिखाई नहीं देते लेकिन एक्सपर्टस का कहना है कोरोना होने पर सूंघने और स्वाद की क्षमता कम हो जाती है. यही कोरोना वायरस का लक्षण हो सकता है.बड़े तो इस बात को महसूस कर लेंगे लेकिन मासूम बच्चे इसे ना समझ पाए तो ये पूरे परिवार के लिए घातक हो सकता है.
चॉकलेट खिलाओ खुद जान जाओ
इस समस्या को हल करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक फैसला लिया है.डोर-टू-डोर सर्वे हो या अस्पतालों में जांच. स्वास्थ्य अमला बच्चों तो चॉकलेट खिलाकर और फ्लेवर्ड मिल्क पिलाकर इसकी जांच करेगा. इसके साथ ही बच्चों को अलग-अलग खुशबू वाले पदार्थ से उनकी स्वाद और सूंघने की क्षमता जांची जाएगी. जिन बच्चों में ये क्षमता कम पाई जाएगी उनकी क्लीनिकल लक्षणों के आधार पर कोरोना जांच कराई जाएगी.
आदेश जारी
कोविड- 19 की स्टेट लेवल टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी की सिफारिश पर स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. संजय गोयल ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं. अब बच्चों की जांच इसी आधार पर की जाएगी.
वॉर्ड एनालिसिस रिपोर्ट
राजधानी से एक और अच्छी खबर है.वो ये कि भोपाल में कोरोना संक्रमित मरीज़ो के मिलने का दौर जारी है लेकिन संक्रमण का दायरा अब पहले की तुलना में सीमित होने लगा है.ये जानकारी जिला प्रशासन की ओर से बनाई गई संक्रमण की वार्ड आधारित एनालिसिस रिपोर्ट में आयी है. इसमें बताया गया है कि 85 में से 16 वॉर्ड अब ग्रीन जोन में कनवर्ट हो गए हैं.इन वॉर्डो में 14 दिन से एक भी नया मरीज नहीं मिला है. रिपोर्ट के मुताबिक इन 16 में से तीन वॉर्ड ऐसे हैं, जहां संक्रमितों की संख्या 14 दिन पहले 20 से ज्यादा थी. वहीं रेड जोन में शामिल 7 वॉर्ड ऐसे हैं, जो अगले सात दिन में एक भी नया मरीज नहीं मिलने पर ग्रीन जोन वार्ड में कनवर्ट हो सकते हैं. रेड जोन के 8 वॉर्ड ऐसे हैं, जहां लगातार संक्रमण बढ़ रहा है. इनमें बीते 14 दिन में 10 से ज्यादा मरीज मिले हैं.
नयी व्यवस्था के साथ खुले दफ्तर
भोपाल में अनलॉक होने के बाद सरकारी दफ्तरों में कोरोना केस बढ़ रहे थे, लेकिन अब वहां पर विराम लगता दिख रहा है. वहीं बाजार खुलने के बाद पुराने शहर में फिर से कोरोना संक्रमण पांव पसार रहा है.कई दफ्तर जो अब तक वर्क फ्रॉम होम की कार्यशैली पर काम कर रहे थे वो खोल दिए गए हैं.जिला अदालतों को भी खोल दिया गया है.लेकिन जिन वर्कप्लेस को खोला गया है वहां ये हिदायत दी गई है कि कोरोना संक्रमण से बचाव की गाइड लाइन का पूरी तरह पालन किया जाए.खास तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग को मेनटेन किया जाए और मास्क की अनिवार्यता को समझा जाए.
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