दमोह जेलर का ट्रांसफर, क्या भारी पड़ा BSP विधायक रामबाई से पंगा!

रामबाई के दवाब में हुआ दमोह जेलर का तबादला?
तत्कालीन जेलर रामलाल (jailer ramlal) ने जेल में रामबाई (ram bai) के आरोपी देवर और भतीजे की मनमानी नहीं चलने दी, तब विधायक रामबाई ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.जेलर पर वसूली का आरोप लगाया गया.खुद रामबाई कई बार जेल मंत्री बाला बच्चन से मिलीं
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: November 28, 2019, 3:07 PM IST
भोपाल.पथरिया से बसपा विधायक (bsp mla) रामबाई सिंह (rambai singh) फिर चर्चा में हैं. इस बार मामला दमोह जेलर के ट्रांसफर का है.जेल में हत्या के केस में रामबाई (ram bai) का देवर और भतीजा क़ैद हैं. जेलर ने उन दोनों की वजह से जेल की सुरक्षा को ख़तरा बताते हुए उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग की थी. लगता है यही मांग जेलर पर भारी पड़ गई. जेलर का ट्रांसफर (transfer) कर दिया गया.
राजनीतिक दबाव में ट्रांसफर!
पथरिया से बसपा विधायक रामबाई सिंह का देवर और भतीजा हत्या के मामले में दमोह जेल में बंद है. आरोप है दोनों जेल में उत्पात मचाते हैं.जेलर रामलाल सहलाम ने इन दोनों आरोपियों की वजह से जेल की सुरक्षा को ख़तरा बताया था.उन्होंने जिला अदालत में लिखित में इसकी सूचना दी थी. बताया जा रहा है कोर्ट ने इस पर आरोपियों को दूसरी जेल में शिफ्ट करने की इजाज़त दी थी. इसी अनुमति के आधार पर जेलर रामलाल ने जेल मुख्यालय को पत्र लिखकर आरोपियों को शिफ्ट करने की परमीशन मांगी थी.आरोपी तो दूसरी जेल में शिफ्ट नहीं किए गए, उल्टा जेलर रामलाल का ही ट्रांसफर कर दिया गया. उन्हें जेल मुख्यालय के प्रशिक्षण शाखा भेज दिया गया.
जेलर पर लगाया था वसूली का आरोपअब दमोह जेल के नए जेलर एन एस राणा हैं.यह बात चर्चा में है कि जब तत्कालीन जेलर रामलाल ने जेल में रामबाई के आरोपी देवर और भतीजे की मनमानी नहीं चलने दी, तब विधायक रामबाई ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.जेलर पर वसूली का आरोप लगाया गया.खुद रामबाई कई बार जेल मंत्री बाला बच्चन से मिलीं थीं. हालांकि विधि मंत्री पी सी शर्मा का कहना है, रामबाई के कहने पर ट्रांसफर नहीं हुआ है.ट्रांसफर का अधिकार सीएम के पास है. ट्रांसफर एक सामान्य प्रक्रिया है.
पति के बचाव में आयी थीं रामबाई
यह पहला मामला नहीं है.इससे पहले भी हत्या के मामले में पति का नाम आने पर रामबाई ने हंगामा किया था.राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से ही उनके पति के खिलाफ सिर्फ जांच तक बात सिमट गयी थी. अब जेलर को ने के बाद रामबाई फिर चर्चा में हैं.जेल मुख्यालय इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए है.ये भी पढ़ें-भोपाल में 120 रुपए किलो हुई प्याज, सरकार ने 4 जगह लगाए स्टॉल
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राजनीतिक दबाव में ट्रांसफर!
पथरिया से बसपा विधायक रामबाई सिंह का देवर और भतीजा हत्या के मामले में दमोह जेल में बंद है. आरोप है दोनों जेल में उत्पात मचाते हैं.जेलर रामलाल सहलाम ने इन दोनों आरोपियों की वजह से जेल की सुरक्षा को ख़तरा बताया था.उन्होंने जिला अदालत में लिखित में इसकी सूचना दी थी. बताया जा रहा है कोर्ट ने इस पर आरोपियों को दूसरी जेल में शिफ्ट करने की इजाज़त दी थी. इसी अनुमति के आधार पर जेलर रामलाल ने जेल मुख्यालय को पत्र लिखकर आरोपियों को शिफ्ट करने की परमीशन मांगी थी.आरोपी तो दूसरी जेल में शिफ्ट नहीं किए गए, उल्टा जेलर रामलाल का ही ट्रांसफर कर दिया गया. उन्हें जेल मुख्यालय के प्रशिक्षण शाखा भेज दिया गया.
जेलर पर लगाया था वसूली का आरोपअब दमोह जेल के नए जेलर एन एस राणा हैं.यह बात चर्चा में है कि जब तत्कालीन जेलर रामलाल ने जेल में रामबाई के आरोपी देवर और भतीजे की मनमानी नहीं चलने दी, तब विधायक रामबाई ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.जेलर पर वसूली का आरोप लगाया गया.खुद रामबाई कई बार जेल मंत्री बाला बच्चन से मिलीं थीं. हालांकि विधि मंत्री पी सी शर्मा का कहना है, रामबाई के कहने पर ट्रांसफर नहीं हुआ है.ट्रांसफर का अधिकार सीएम के पास है. ट्रांसफर एक सामान्य प्रक्रिया है.
पति के बचाव में आयी थीं रामबाई
यह पहला मामला नहीं है.इससे पहले भी हत्या के मामले में पति का नाम आने पर रामबाई ने हंगामा किया था.राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से ही उनके पति के खिलाफ सिर्फ जांच तक बात सिमट गयी थी. अब जेलर को ने के बाद रामबाई फिर चर्चा में हैं.जेल मुख्यालय इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए है.
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First published: November 28, 2019, 3:07 PM IST
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