भोपाल. मध्यप्रदेश में सुरक्षा एजेंसी के रडार पर अब विवादित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) भी आ गया है. इस संगठन से खरगोन हिंसा के कनेक्शन की जांच भी चल रही है. सूत्रों के अनुसार इंटेलिजेंस ने पीएफआई की एमपी में सक्रियता बढ़ने पर सरकार को अपनी रिपोर्ट भेजी है. अब सरकार जल्द इस संगठन पर प्रतिबंध लगा सकती है. इस मामले में रिटायर्ड डीजीपी का कहना है ‘ये बड़ा षड्यंत्र है, ऐसे लोगों की पहचान होनी चाहिए.
पीएफआई (PFI) एक इस्लामिक संगठन है. इसका गठन 2006 में केरल में हुआ और उसका मुख्यालय दिल्ली में बताया जाता है. मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा के बाद आरोप लगे कि इसके लिए फंडिंग PFI ने की थी. इन आरोपों के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इसके कनेक्शन की जांच शुरू की. हाल ही में मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने आरोप लगाया था कि PFI ने खरगोन में आगजनी और पथराव के लिए फंड दिया था.
सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर PFI
खबर है कि प्रदेश में PFI तेजी से अपने पैर पसार रहा है. इस संगठन से प्रदेश को बड़ा खतरा भी बताया जा रहा है. इस पर सिमी से कनेक्शन के आरोप भी लगे हैं. सूत्रों के अनुसार प्रदेश में PFI के 650 से ज्यादा सदस्य सक्रिय हैं. यह संख्या तेजी से बढ़ रही है. इस संगठन का इंदौर, उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम, खरगोन सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में नेटवर्क है. सूत्रों के अनुसार खरगोन हिंसा से तार जोड़ने के साथ प्रदेश में बढ़ रही संगठन की सक्रियता की वजह से इंटेलिजेंस के कान भी खड़े हो गए हैं. उसने एक रिपोर्ट सरकार को सौंपी है. सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर अब जल्द ही संगठन पर प्रतिबंध लगाने का फैसला कर सकती है.
ऐसे फैलाया नेटवर्क
इस संगठन की कई अलग-अलग शाखाएं हैं. महिलाओं के लिए नेशनल वीमेंस फ्रंट (NWF – National Women’s Front) और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI Campus Front of India) हैं. सूत्रों के अनुसार इन संगठनों के जरिए देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है.
ये बड़ा षड्यंत्र है, ऐसे लोगों की पहचान हो
रिटायर्ड डीजीपी आरएलएस यादव ने कहा हमारा समाज लड़ना नहीं चाहता है. कोई लड़ाना चाहता है. हमारी सबसे पुरानी संस्कृति है. ये संस्कृति एक साथ रहने की, अच्छा व्यवहार करने की और एक दूसरे के धर्म को मानने की है. इसके पीछे कुछ लोग और संगठन हैं, जो षड्यंत्र कर रहे हैं. यह स्थानीय कारणों से नहीं हो रहा है. यह देश के लिए बड़ा षड्यंत्र है. हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे में दूसरे देश नहीं चाहते कि हम आगे बढ़ें. उन्हें लगता है कि उनका सामान फिर कौन खरीदेगा. अंग्रेजों के समय से स्लीपर सेल बनाये जा रहे हैं. ये लोग हथियार चलाना नहीं बल्कि लोगों को भड़काते हैं. उनमें जहर घोलते हैं. पूरे देश में कई वर्षों से शांति थी, लेकिन अब झगड़े शुरू हो गए हैं. इसमें जिम्मेदारी सरकार की और पुलिस की है. ऐसे लोगों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाए.
PFI पर नज़र
सुरक्षा एजेंसियां कई साल से PFI की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं. इनकी संदिग्ध गतिविधियों के सबूत और इनपुट इकट्ठे किए जा रहे हैं.
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Tags: Madhya pradesh latest news, Terror Funding, Terrorism In India
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