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मध्य प्रदेश में 7 साल में 229 दंगे : क्या पीएफआई भड़का रहा है साम्प्रदायिक तनाव, खरगोन की जांच में मिला बड़ा इनपुट

PFI Connection in Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश में बीते 7 साल में हुए 229 दंगों में कई देश विरोधी गतिविधियां सामने आई थीं. साल 2015 में दंगे के 62 मामले दर्ज किए गए. इनमें 179 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई, जबकि 135 आरोपियों को सजा भी मिली. 2016 में 59 मामले दर्ज हुए. इनमें 177 आरोपी गिरफ्तार हुए, जबकि 109 आरोपियों को सजा मिली. साल 2017 में 39 मामले दर्ज हुए. इनमें 125 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. जबकि 75 को सजा हुई. 2018 में 24 दंगों में 79 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. इनमें से 31 को सजा सुनाई गयी. 2019 में 15 मामलों में 52 लोग गिरफ्तार किए गए इनमें से 21 आरोपियों को सजा हुई. साल 2020 में 20 मामले दर्ज हुए. इनमें 70 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. इनमें से 34 को सजा सुनाई गयी. साल 2021 में 9 मामले दर्ज हुए. इनमें 26 आरोपी गिरफ्तार किए गए, जबकि18 आरोपियों को सजा हुई. इस साल 2022 में फरवरी तक एक मामला दर्ज हुआ. इनमें दो आरोपी गिरफ्तार हुए और दोनों को सजा हुई.

PFI Connection in Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश में बीते 7 साल में हुए 229 दंगों में कई देश विरोधी गतिविधियां सामने आई थीं. साल 2015 में दंगे के 62 मामले दर्ज किए गए. इनमें 179 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई, जबकि 135 आरोपियों को सजा भी मिली. 2016 में 59 मामले दर्ज हुए. इनमें 177 आरोपी गिरफ्तार हुए, जबकि 109 आरोपियों को सजा मिली. साल 2017 में 39 मामले दर्ज हुए. इनमें 125 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. जबकि 75 को सजा हुई. 2018 में 24 दंगों में 79 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. इनमें से 31 को सजा सुनाई गयी. 2019 में 15 मामलों में 52 लोग गिरफ्तार किए गए इनमें से 21 आरोपियों को सजा हुई. साल 2020 में 20 मामले दर्ज हुए. इनमें 70 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. इनमें से 34 को सजा सुनाई गयी. साल 2021 में 9 मामले दर्ज हुए. इनमें 26 आरोपी गिरफ्तार किए गए, जबकि18 आरोपियों को सजा हुई. इस साल 2022 में फरवरी तक एक मामला दर्ज हुआ. इनमें दो आरोपी गिरफ्तार हुए और दोनों को सजा हुई.

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भोपाल. मध्यप्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है. पता चला है मध्यप्रदेश में पिछले कुछ समय में हुए दंगों में पीएफआई का हाथ था. इन दंगों की अब नए सिरे से जांच की जा रही है. पीएफआई के दंगे से जुड़े तार पर बारीकी से पड़ताल की जा रही है.

सूत्रों ने बताया सिर्फ खरगोन ही नहीं बल्कि पिछले 7 साल में जितने भी दंगे हुए हैं, उनमें पीएफआई की भूमिका को लेकर नए सिरे से जांच शुरू कर दी गई है. एटीएस, एसटीएफ अब पीएफआई के कनेक्शन की बारीकी से जांच कर रही है. जांच एजेंसियों को दंगों में PFI का हाथ होने का शक है.

मध्य प्रदेश में बीते 7 साल में 229 दंगे हुए
-खरगोन दंगे में पीएफआई का नाम सामने आया था
-प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ाने की कोशिश
-सोशल मीडिया पर इंटेलिजेंस की नजर

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मध्य प्रदेश में दंगे
मध्य प्रदेश में बीते 7 साल में हुए 229 दंगों में कई देश विरोधी गतिविधियां सामने आई थीं. साल 2015 में दंगे के 62 मामले दर्ज किए गए. इनमें 179 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई, जबकि 135 आरोपियों को सजा भी मिली. 2016 में 59 मामले दर्ज हुए. इनमें 177 आरोपी गिरफ्तार हुए, जबकि 109 आरोपियों को सजा मिली. साल 2017 में 39 मामले दर्ज हुए. इनमें 125 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. जबकि 75 को सजा हुई. 2018 में 24 दंगों में 79 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. इनमें से 31 को सजा सुनाई गयी. 2019 में 15 मामलों में 52 लोग गिरफ्तार किए गए इनमें से 21 आरोपियों को सजा हुई. साल 2020 में 20 मामले दर्ज हुए. इनमें 70 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. इनमें से 34 को सजा सुनाई गयी. साल 2021 में 9 मामले दर्ज हुए. इनमें 26 आरोपी गिरफ्तार किए गए, जबकि18 आरोपियों को सजा हुई. इस साल 2022 में फरवरी तक एक मामला दर्ज हुआ. इनमें दो आरोपी गिरफ्तार हुए और दोनों को सजा हुई.

पीएफआई का नेटवर्क ध्वस्त करने की चुनौती
पुलिस अधिकारियों का कहना है सोशल मीडिया पर साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर इंटेलिजेंस विंग और सोशल मीडिया सेल की नजर है. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. पीएफआई के नेटवर्क को ध्वस्त करना जांच एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. स्टेट के साथ सेंट्रल की जांच एजेंसियों की जांच लगातार जारी है.

Tags: Madhya pradesh latest news, PFI, Terrorism In India

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