मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा ने गुरुवार को राजधानी भोपाल स्थित सरकारी बंगले को खाली कर दिया. राज्य सरकार ने मोतीलाल वोरा को 30 सितंबर से पहले बंगला खाली करने का अल्टीमेटम दिया था.
कांग्रेस के कद्दावर नेता और पार्टी कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा लंबे अरसे बाद राजधानी भोपाल पहुंचे. लेकिन, उनका यह दौरा इस शहर से हमेशा के लिए अलविदा कहने के लिए था. जिस शहर में रहकर उन्होंने अविभाजित मध्य प्रदेश पर राज किया था, उसमें पूर्व मुख्यमंत्री हैसियत के नाते आवंटित बंगले को उन्होंने गुरुवार को खाली कर दिया.
मोतीलाल वोरा को राजधानी के पॉश और हाई प्रोफाइल 74 बंगले में बी-29 का बंगला आवंटित किया गया था. राज्य सरकार ने पिछले दिनों उनसे यह बंगला खाली कराने का फैसला लिया था. गृह विभाग ने उन्हें एक पत्र भेजकर 30 सितंबर तक बंगले को खाली करने का अल्टीमेटम दिया था.
पूर्व मुख्यमंत्री के साथ छत्तीसगढ़ से विधायक और बेटे अरुण वोरा भी बंगले को खाली करने के लिए भोपाल पहुंचें.
अरुण वोरा ने कहा कि इस बंगले से कई पुरानी यादें जुड़ी हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि, बंगला खाली किए जाने का कोई मलाल नहीं है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'सरकार से पूछो, बंगला क्यों खाली कराया जा रहा है.' वोरा परिवार का सारा सामान भोपाल से दुर्ग रवाना किया गया.
दरअसल, शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल विस्तार के बाद नए मंत्रियों के लिए बंगलें की कमी हुई तो राज्य सरकार ने वोरा को आवंटित बंगला खाली कराने का फैसला लिया.
राज्य सरकार की तरफ से यह बंगला राज्यमंत्री ललिता यादव को आवंटित किया गया है. बंगला नहीं मिल पाने से राज्यमंत्री ललिता यादव को गैराज में कार्यालय चलाना पड़ रहा है. वहीं, मंत्री फिलहाल नए पारिवारिक खंड में रह रहीं हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 22, 2016, 13:18 IST