राजधानी भोपाल में अस्पताल (Government Hospitals) हाउसफुल हो गए हैं. यहां पर सारे बेड मरीज़ों से फुल हो चुके हैं. एक भी बेड (bed) अब खाली नहीं है. सरकार ने कोविड केयर सेंटर जरूर तेजी से तैयार किए हैं, लेकिन वहां पर ऑक्सीजन सपोर्ट बेड नहीं होने की वजह से यह स्थिति बन रही है.
एम्स, हमीदिया और जेपी अस्पताल में अब बेड की बिल्कुल गुंजाइश नहीं है. तीनों सरकारी अस्पतालों में एक भी बिस्तर नहीं बचे हैं. शहर में हर दिन 1800 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन वाले मरीजों के इलाज पर डेढ़ से दो लाख रुपये खर्च हो रहे हैं. वेंटीलेटर वाले मरीजों पर इससे ज्यादा खर्च आ रहा है.
वहीं सरकार से करार वाले निजी अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन निशुल्क मिलेगा. सरकार से जिन अस्पतालों का अनुबंध नहीं उन्हें 1568 रुपए में ये इंजेक्शन दिया जाएगा. इंजेक्शन के लिए ये पैसा रेडक्रॉस अस्पताल में जमा कराना होगा. अभी तक 7 कंपनियों से 1,88, 000 से अधिक इंजेक्शन के डोज मिल चुके हैं. जबकि 30 अप्रैल तक 95000 डोज और मिलेंगे.
भोपाल में हाल ही में खुले प्रदेश के पहले ड्राइव इन सिनेमा में 1 मई से वैक्सिनेशन शुरू हो जाएगा. वैसे तो यहां कार में बैठकर फिल्म देखने का इंतज़ाम था. लेकिन अब कोरोना काल में यहां लोग कार में बैठकर टीका लगवा सकेंगे. ड्राइव इन सिनेमा में रोजाना शाम 6:00 से रात 9:00 बजे तक वैक्सीन लगेगी. एक दिन में 18 साल से अधिक उम्र के 300 लोगों को टीका लगाया जाएगा. एक दिन में 100 कारों की एंट्री की व्यवस्था की गई है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
FIRST PUBLISHED : April 26, 2021, 13:28 IST