भोपाल. गुना के एसपी राजीव कुमार मिश्रा को भी हटा दिया गया है. गुना में शिकारी कांड के कारण उन्हें हटाया गया. अवैध गतिविधियों की जानकारी होने के बावजूद समय रहते राजीव कुमार मिश्रा ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. यही कारण रहा था कि उनकी लापरवाही पुलिस विभाग पर भारी पड़ी और तस्करों से मुठभेड़ में 3 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इस मामले में ग्वालियर आईजी अनिल शर्मा को पहले ही हटाया जा चुका है.
गुना कांड में लापरवाही बरतने वाले एसपी राजीव कुमार मिश्रा को सरकार ने हटाकर पुलिस मुख्यालय में अटैच कर दिया है. अब गुना जिले को जल्द नए एसपी मिलेंगे. गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. न्यूज़ 18 ने लापरवाही की खबर को प्रमुखता से दिखाया था। हमने बताया था कि राजीव कुमार मिश्रा को तस्करी और इलाके में चल रही अवैध गतिविधियों के बारे में पता था. इसके बावजूद उन्होंने समय रहते एक्शन नहीं लिया. यदि समय रहते इन तस्करों पर शिकंजा कसा जाता तो ये जघन्य वारदात नहीं होती. पुलिसकर्मियों पर मिलीभगत के भी आरोप लगे थे. एसपी के इस रवैए की वजह से तस्कर बेखौफ थे.
ये है पूरा मामला
गुना जिले में पिछले दिनों काले हिरण का शिकार कर ले जा रहे शिकारियों की फायरिंग में 3 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. गुना जिले के पास आरोन क्षेत्र में 7-8 बदमाशों के होने की सूचना पुलिस को मिली थी. मौके पर पहुंची पुलिस टीम पर बदमाशों ने गोलीबारी कर दी थी. इसमें जांबाज सब- इंस्पेक्टर राजकुमार जाटव, हवलदार नीलेश भार्गव और सिपाही संतराम शहीद हो गए थे. घटना के तत्काल बाद ग्वालियर आईजी अनिल शर्मा को हटा दिया गया था. अब एसपी राजीव मिश्रा को हटाकर पीएचक्यू अटैच कर दिया गया है.
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इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा तस्करी
इस मामले में वरिष्ठ पर्यावरणविद सुदेश वाघमारे ने बताया 5 साल में वनकर्मी, पुलिसकर्मी की तस्करों के साथ आमने सामने मुठभेड़ की 1100 से ज्यादा घटनाएं हुईं. करीब 80 घटनाओं में वनकर्मी और पुलिसकर्मियों को नुकसान हुआ. आमने-सामने की मुठभेड़ में करीब 11 वन कर्मी और पुलिस कर्मी की मौत भी हुई.सुदेश वाघमारे ने बताया कि सतना, भोपाल, होशंगाबाद, इंदौर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, बैतूल में सबसे ज्यादा तस्करी की घटना होती हैं. गुना में तीन पुलिस कर्मियों की हत्या की वजह आधुनिक हथियार की कमी, स्पेशल विंग न होना औऱ मुखबिर तंत्र की कमजोरी है.वन क्षेत्र में लकड़ी की तस्करी, वन्य प्राणि का शिकार, तस्करी और अतिक्रमण की घटनाएं बढ़ रही हैं.
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क्या है ज़रूरत
इन घटनाओं को रोकने के लिए आधुनिक हथियार, स्पेशल टीम, स्मार्ट इंटेलिजेंस, वन कर्मियों को पुलिस की तरह अधिकार, तकनीक से युक्त वाहन उपलब्ध कराने की जरूरत है. उन्होंने कहा हमारे पुलिस और वन कर्मी घटना की सूचना मिलने के बाद तत्काल एक्शन में आ जाते हैं. उनकी तत्परता की वजह से वन क्षेत्र में तस्करों पर शिकंजा कसा जा रहा है. हालांकि तमाम कमियों की वजह से तस्कर बेखौफ हो गए हैं. उन कमियों को दूर करने की जरूरत है.
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