हैकर्स कर रहे आपके घर व दफ्तरों में लगे सीसीटीवी कैमरों से अंदर ताकझांक

हैकर्स की व्यूह रचना को बताते साइबर एक्सपर्ट ज़ोएब खान
अगर आपके घर या दफ्तर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं तो हो सकता है कि कोई बाहर वाली आंखें उनके अंदर इन्हीं के माध्यम से वहां झांक रहीं हों. इस तरह आपके घर-दफ्तर में लगे सीसीटीवी कैमरे से आपकी प्राइवेसी खतरे में है.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: July 3, 2018, 6:18 PM IST
अगर आपके घर या दफ्तर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं तो हो सकता है कि कोई बाहर वाली आंखें उनके अंदर इन्हीं के माध्यम से वहां झांक रहीं हों. इस तरह आपके घर-दफ्तर में लगे सीसीटीवी कैमरे से आपकी प्राइवेसी खतरे में है.ऐसा हो रहा है ‘ऑथेंटिकेशन बाइपास’ या ‘ऑथेंटिकेशन मिस मैनेज्ड' मालवेयर के कारण जो वायरस जैसा ही काम करता है.हैकर्स इस मालवेयर का फायदा उठाकर आपके लगाए कैमरे वाले स्थान के अंदर ताक-झांक कर रहे हैं.
इतना ही नहीं कंपनियों के बोर्ड रूम में होने वाली बैठकों तक में इनकी घुसपैठ है.दरअसल हैकर घर-ऑफिस की सुरक्षा के लिए लगाए गए आईपी बेस्ड सीसीटीवी कैमरों की सेटिंग बदलकर घर-ऑफिस,शॉपिंग मॉल के भीतर की तमाम गतिविधियां न केवल लाइव देख रहे हैं बल्कि सर्वर से डेटा चुराकर यू ट्यूब और दूसरी वेबसाइट पर डाल रहे हैं. वह आपकी कम्पनी की बैठक की जानकारी आपके प्रतिद्वंदी कंपनी को बेच सकते हैं.
जानकारी नहीं होने के कारण लोग इसकी शिकायत ही नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि पता ही नहीं लगता कि कहां इस तरह की गतिविधि हो रही है. हैकर्स सिर्फ डाटा ही नहीं चुरा रहे हैं बल्कि सीसीटीवी के सर्वर पर जाकर कुछ वीडियो डिलीट भी कर रहे हैं. साइबर एक्सपर्ट ज़ोएब खान ने इस बारे में बताया कि चेक करें कि कहीं डिवाइस में पहले से ही टेलनेट इनेवल्ड तो नहीं है.एपीआई में एसक्यूएल इंजेक्शन से लेकर कई तरह की खामियां हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि इससे बचाव का एक ही उपाय है कि वही उपकरण खरीदें जिसमें ऑटो इनवेल्ड वेब एप्लीकेशन न हो.
इतना ही नहीं कंपनियों के बोर्ड रूम में होने वाली बैठकों तक में इनकी घुसपैठ है.दरअसल हैकर घर-ऑफिस की सुरक्षा के लिए लगाए गए आईपी बेस्ड सीसीटीवी कैमरों की सेटिंग बदलकर घर-ऑफिस,शॉपिंग मॉल के भीतर की तमाम गतिविधियां न केवल लाइव देख रहे हैं बल्कि सर्वर से डेटा चुराकर यू ट्यूब और दूसरी वेबसाइट पर डाल रहे हैं. वह आपकी कम्पनी की बैठक की जानकारी आपके प्रतिद्वंदी कंपनी को बेच सकते हैं.
जानकारी नहीं होने के कारण लोग इसकी शिकायत ही नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि पता ही नहीं लगता कि कहां इस तरह की गतिविधि हो रही है. हैकर्स सिर्फ डाटा ही नहीं चुरा रहे हैं बल्कि सीसीटीवी के सर्वर पर जाकर कुछ वीडियो डिलीट भी कर रहे हैं. साइबर एक्सपर्ट ज़ोएब खान ने इस बारे में बताया कि चेक करें कि कहीं डिवाइस में पहले से ही टेलनेट इनेवल्ड तो नहीं है.एपीआई में एसक्यूएल इंजेक्शन से लेकर कई तरह की खामियां हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि इससे बचाव का एक ही उपाय है कि वही उपकरण खरीदें जिसमें ऑटो इनवेल्ड वेब एप्लीकेशन न हो.