भोपाल. मध्यप्रदेश में चुनावी साल में सरकार अवैध कॉलोनियों के बिजली कनेक्शन स्थाई करने जा रही है. इसका लाभ प्रदेश की 17 सौ से ज्यादा अवैध कॉलोनियों को मिलेगा जहां 70 हजार बिजली कनेक्शन स्थाई कर दिए जाएंगे. सरकार ने इसका मसौदा तैयार कर लिया है. और विद्युत नियामक आयोग ने नियमों में संशोधन कर विधि विभाग को मसौदा भेज दिया है.
न्यूज 18 को मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में गजट नोटिफिकेशन जल्दी जारी हो सकता है. अवैध कॉलोनियों में रह रही बड़ी आबादी को प्रभावित करने वाला सरकार का ये फैसला निकाय चुनाव को देखते हुए लिया गया है. सरकार की ओर से दी जा रही ये राहत अवैध कॉलोनियों में रह रहे लोगों के लिए उम्मीद भी है कि जब बिजली कनेक्शन स्थाई होगा. कॉलोनियों के वैध होने में भी अब बहुत देर नहीं है. सवाल ये भी कि शहर सरकार को ध्यान में रखकर एन चुनाव के पहले लिया गया सरकार का ये फैसला कितना असर दिखाएगा.
17 सौ कॉलोनियों को लाभ
प्रदेश की 1700 से ज्यादा अवैध कॉलोनियों में लगे 70 हजार अस्थाई बिजली कनेक्शन जल्द स्थाई हो जाएंगे. स्थाई बिजली कनेक्शन के लिए विद्युत नियामक आयोग ने नियमों में संशोधन कर मसौदा विधि विभाग को भेज दिया है. गजट नोटिफिकेशन भी इसी हफ्ते आ सकता है.
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ये एक पंक्ति की सूचना नहीं
प्रदेश की बड़ी आबादी के लिए ये राहत के साथ उम्मीद की खबर है. राहत ये कि अब अवैध कॉलोनियों में रहते हुए भी उन लोगों को बिजली कनेक्शन मिल जाएगा. इससे बिजली की दोगुनी कीमत चुकाने से राहत मिलेगी और उममीद ये कि इस फैसले के साथ अवैध कॉलोनियों के वैध हो जाने का रास्ता खुल जाएगा.
एक लाइन और खंभा-एक परिवार डेढ़ लाख खर्च
हालांकि कांग्रेस की निगाह में अचानक अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों पर ये राहत की बरसात बीजेपी के चुनावी स्टंट से ज्यादा कुछ नहीं है. प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और विभागीय अफसरों ने इसके लिए पूरे प्रदेश में सर्वे कराया. इस सर्वे में बिजली लाइन और खंभों का कॉस्ट कैलकुलेशन कर पता चला कि एक परिवार को एक किलोवॉट का कनेक्शन देने पर करीब डेढ़ लाख रु. खर्च होते हैं. इसके बाद पिछले साल दिसंबर में पावर मैनेजमेंट कंपनी ने नियामक आयोग में याचिका दायर की थी. उस पर सुनवाई के बाद आयोग ने संशोधन किया. अभी तक ये प्रावधान था कि अगर प्राइवेट कॉलोनियों में कॉलोनाइजर इलेक्ट्रिफिकेशन नहीं कराते तो स्थाई कनेक्शन नहीं दिया जाता था. दस्तावेज के अभाव में भी लोग बढ़ी कीमत देकर टेम्परेरी कनेक्शन पर बिजली इस्तेमाल करते थे. इस लिहाज से देखिए तो बड़ी राहत की खबर है. पर बीजेपी सरकार का ये कितना अचूक सियासी दांव है…ये अभी कहना मुश्किल है.
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