एंबुलेंस चालक पर गंभीर आरोप लगे हैं.
भोपाल.कोरोना ड्यूटी (corona duty) में तैनात एमपी के डॉक्टरों (doctors) को सैलरी नहीं मिल रही. इस वजह से अब सरकार पर सवाल खड़े होने लगे हैं. भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) में अस्थाई रूप से नियुक्त एमबीबीएस डॉक्टर्स को वेतन नहीं दिया गया है. अब डॉक्टर अपनी सैलरी के लिए दर-दर गुहार लगा रहे हैं. जबकि कांग्रेस ने इस मामले को मुद्दा बनाते हुए सरकार पर निशाना साधा है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा मोदी सरकार ने डॉक्टरों को कोरोना वॉरियर्स बता कर थाली तो बजवा दी,लेकिन मध्यप्रदेश में उन्हें हालातों के भरोसे छोड़ दिया.
बचे हुए वेतन के लिए भटक रहे डॉक्टर
गुप्ता ने गांधी मेडिकल कॉलेज में अस्थाई रूप से नियुक्त 25 एमबीबीएस डॉक्टर्स को पूरा वेतन न दिए जाने की घोर आलोचना की है. उन्होंने कहा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निर्देश पर गांधी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कोरोना ड्यूटी के लिए 60 हजार मासिक वेतन पर रखे गए चिकित्सा अधिकारियों को कोई डेढ़ महीने की सैलरी नहीं दी है. जान हथेली पर रखने वाले इन डॉक्टरों को बचे हुए वेतन के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. भूपेन्द्र गुप्ता ने यह भी बताया कि गांधी मेडिकल कॉलेज में कुल 310 मेडिकल टीचर्स हैं इनमें से 170 को मई महीने की सैलरी नहीं मिली है.तब सरकार का किल कोरोना का दावा कितना असली है कितना नकली है इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.
कांग्रेस ने की ये मांग
कांग्रेस ने मांग की कि तत्काल डॉक्टर्स के वेतन का भुगतान किया जाए ताकि वह कोरोना के मरीजों का शांति से इलाज कर सकें. गुप्ता ने सरकार को आगाह किया कि जिस तरह से भोपाल में नये नये हॉट स्पॉट रोज सामने आ रहे हैं वह खस्ताहाल स्वास्थ्य विभाग की बानगी है. बिना वेतन के डॉक्टर और क्या कर सकते हैं? वहीं प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा शिवराज सरकार में डॉक्टरों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है और कांग्रेस की गलत आरोप लगाने की आदत हो गई है.
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