आयकर ने जब्त की पवन कुमार अहलूवालिया की आठ करोड़ की बेनामी सम्पत्ति

न्यूज18हिंदी
मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग की जांच शाखा ने बेनामी संपत्ति कानून के तहत पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए उद्योगपति पवन कुमार अहलूवालिया की आठ करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है. जब्त की गई पांच हेक्टेयर जमीन सतना जिले के मैहर तहसील के मोर्जा भदनपुर गांव में है.
- ETV MP/Chhattisgarh
- Last Updated: May 26, 2017, 3:06 PM IST
मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग की जांच शाखा ने बेनामी संपत्ति कानून के तहत पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए उद्योगपति पवन कुमार अहलूवालिया की आठ करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है. जब्त की गई पांच हेक्टेयर जमीन सतना जिले के मैहर तहसील के मोर्जा भदनपुर गांव में है.
आयकर सूत्रों के मुताबिक अहलूवालिया ने आदिवासी समुदाय के अपने विश्वासपात्र सुन्दर कौल के नाम से यह जमीन खरीदी थी. कटनी जिले के विजय राघौगढ़ तहसील में आने वाले ग्राम देवरी निवासी सुन्दर कौल मैहर में केजेएस सीमेंट प्लांट में ड्राइवर है. के.जे.एस.सीमेंट के डायरेक्टर और कमल स्पंज स्टील एंड पॉवर लिमिटेड के मालिक पवन कुमार अहलूवालिया को हाल ही में कोयला घोटाले में सीबीआई कोर्ट ने दो वर्ष जेल की सजा सुनाई है.
वर्ष 2012-13 में अहलुवालिया ने सुन्दर कौल के नाम से सतना जिले के भदनपुर में सीमेंट प्लांट के पास ही आदिवासियों की 5 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी. यह सौदा करीब 7 करोड़ 80 लाख रुपए में हुआ था. आयकर विभाग की इन्वेस्टीगेशन विंग ने जब इसकी जांच-पड़ताल की तो पता चला कि सुन्दर कौल के पास खुद का बैंक खाता तक नहीं है.
बाद में सतना कलेक्टर और रीवा रेंज के आईजी को जांच के लिए लिखा गया था. पूछताछ में सुंदर कौल ने बताया था कि जमीन उसकी नहीं है. कौल के बयान से साफ हो गया था कि यह जमीन पवन कुमार अहलूवालिया की ही है. कौल के बयान और पुख्ता दस्तावेजी सबूत मिलने के बाद आयकर विभाग ने चार दिन पहले अहलूवालिया की यह जमीन जब्त कर ली.दरअसल, एमपी में नियम-कानून के तहत आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासी लोग खरीद नहीं सकते. आयकर सूत्रों के मुताबिक अहलूवालिया पर गैरकानूनी तरीके से प्रॉपर्टी खरीदने का मामला चलेगा. दोषी पाए जाने पर बेनामी सम्पत्ति एक्ट के तहत सात साल की सजा भी हो सकती है. बताया जा रहा है कि अहलूवालिया और सुन्दर आयकर विभाग की जब्ती कार्रवाई के बाद से भूमिगत हैं.
आयकर सूत्रों के मुताबिक अहलूवालिया ने आदिवासी समुदाय के अपने विश्वासपात्र सुन्दर कौल के नाम से यह जमीन खरीदी थी. कटनी जिले के विजय राघौगढ़ तहसील में आने वाले ग्राम देवरी निवासी सुन्दर कौल मैहर में केजेएस सीमेंट प्लांट में ड्राइवर है. के.जे.एस.सीमेंट के डायरेक्टर और कमल स्पंज स्टील एंड पॉवर लिमिटेड के मालिक पवन कुमार अहलूवालिया को हाल ही में कोयला घोटाले में सीबीआई कोर्ट ने दो वर्ष जेल की सजा सुनाई है.
वर्ष 2012-13 में अहलुवालिया ने सुन्दर कौल के नाम से सतना जिले के भदनपुर में सीमेंट प्लांट के पास ही आदिवासियों की 5 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी. यह सौदा करीब 7 करोड़ 80 लाख रुपए में हुआ था. आयकर विभाग की इन्वेस्टीगेशन विंग ने जब इसकी जांच-पड़ताल की तो पता चला कि सुन्दर कौल के पास खुद का बैंक खाता तक नहीं है.
बाद में सतना कलेक्टर और रीवा रेंज के आईजी को जांच के लिए लिखा गया था. पूछताछ में सुंदर कौल ने बताया था कि जमीन उसकी नहीं है. कौल के बयान से साफ हो गया था कि यह जमीन पवन कुमार अहलूवालिया की ही है. कौल के बयान और पुख्ता दस्तावेजी सबूत मिलने के बाद आयकर विभाग ने चार दिन पहले अहलूवालिया की यह जमीन जब्त कर ली.दरअसल, एमपी में नियम-कानून के तहत आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासी लोग खरीद नहीं सकते. आयकर सूत्रों के मुताबिक अहलूवालिया पर गैरकानूनी तरीके से प्रॉपर्टी खरीदने का मामला चलेगा. दोषी पाए जाने पर बेनामी सम्पत्ति एक्ट के तहत सात साल की सजा भी हो सकती है. बताया जा रहा है कि अहलूवालिया और सुन्दर आयकर विभाग की जब्ती कार्रवाई के बाद से भूमिगत हैं.