अंडर 19 में भोपाल की बेटी सौम्या का चयन हुआ.
रिपोर्ट – आदित्य तिवारी
भोपाल. मध्यप्रदेश की राजधानी की रहने वाली स्कूली छात्रा सौम्या तिवारी ने छह साल पहले लड़कों के साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया था. उस समय सौम्या से प्रतिस्पर्धा करने के लिए कोई लड़की नहीं थी. नवंबर से न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच मैचों की घरेलू श्रृंखला के लिए अब सौम्या को भारत की महिला अंडर-19 टीम में उप-कप्तान बनाया गया है. यह सीरीज़ 27 नवंबर से 6 दिसंबर तक खेली जानी है. सौम्या भोपाल के ही ईदगाह हिल्स स्थित सेंट जोसेफ कॉन्वेंट में 12वीं की छात्रा है और एक आक्रामक ऑलराउंडर है.
सौम्या ने बताया जब मैं क्लास छह में थी, तब मेरी बहन मुझे कोच सुरेश चेनानी के नेतृत्व में अरेरा क्रिकेट अकादमी ले कर गई थी. वहां लड़कियां नहीं खेलती थीं. मैंने उनसे अनुरोध किया कि मुझे लड़कों के साथ खेलने की अनुमति दें. यहीं से ट्रेनिंग की शुरूआत हुई. 17 वर्षीय सौम्या ने कहा कि लड़कों के साथ खेलना मेरे लिए एक आशीर्वाद साबित हुआ. इसने मुझे अन्य लड़कियों पर बढ़त दी. आगे कहा कि भारतीय हॉकी टीम की स्टार गोलकीपर खुशबू खान को भी पुरुषों के साथ ही प्रशिक्षण लेना पड़ा था.
सौम्या के पिता मनीष तिवारी राज्य सरकार के कर्मचारी हैं. वह भी क्रिकेट प्रेमी हैं और खुद भी खेलते हैं. सौम्या ने कहा पिता को खेलते देखकर ही उन्हें प्रेरणा मिली. ‘हर समय मेरा साथ देने के लिए मैं अपने माता-पिता और बड़ी बहन की शुक्रगुजार हूं.’ सौम्या ने हाल में समाप्त हुई चतुष्कोणीय महिला अंडर-19 टी-20 शृंखला में 102 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए, जिसमें नाबाद 65 रन सीरीज में दूसरा सर्वोच्च स्कोर है. सीरीज में श्रीलंका, वेस्टइंडीज, टीम इंडिया ए और टीम इंडिया बी खेल रही हैं.
सौम्या की कप्तानी में मध्यप्रदेश ने इस साल की शुरुआत में बीसीसीआई की तरफ से आयोजित अंतर्राज्यीय महिला अंडर-19 टी-20 टूर्नामेंट में कर्नाटक को 26 रन से हराकर खिताब जीता था. एमपी टीम की कप्तान के रूप में सौम्या ने आठ पारियों में 255 रन बनाए, जिसमें 27 चौके और दो छक्के शामिल थे. इस तरह वह शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में उभरी. उन्होंने एक गेंदबाज़ के रूप में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, आठ मैचों में 15 विकेट झटके और सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज़ बनीं.
इधर सौम्या के कोच सुरेश चेनानी ने कहना है कि मैंने कुछ सालों के लिए लड़कियों को प्रशिक्षण देना बंद कर दिया था. लेकिन सौम्या के खेल ने मुझे लड़कियों को कोचिंग फिर से शुरू करने के लिए मजबूर कर दिया है. मैंने उसे लड़कों के साथ खेलने के लिए कहा था, जो उसके लिए बड़ा फायदेमंद साबित हुआ. अगर वह निरंतरता बनाए रखेगी तो वह जल्द ही भारतीय टीम में जगह बना लेगी.
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Tags: Bhopal news, Women cricket
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