भोपाल. देश के नायकों के आंगन की मिट्टी एकत्र करते और प्रेम सद्भाव का संदेश देते हुए भारतीय जन नाट्य संघ की सांस्कृतिक यात्रा ‘ढाई आखर प्रेम’ बीते शुक्रवार को भोपाल पहुंची. छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश से होते हुए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंचने पर इस यात्रा का जनगीतों के साथ जोशीला स्वागत किया गया. मुख्य कार्यक्रम गांधी भवन में हुआ, जहां का प्रेरणा स्थल ‘हम गली-गली में प्यार की शम्मा जलायेंगे’, ‘जब तक रोटी के प्रश्नों पर रखा रहेगा भारी पत्थर…, जैसे जनगीतों, नगीन तनवीर के कबीर गायन से गुंजायमान होता रहा. मंच पर देश के सामने मौजूदा चुनौतियों पर केन्द्रित नाटक चंपक वन और डकैत चूहे का मंचन भी हुआ.
इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा का पड़ाव दो दिनों का था. शुक्रवार को अंतिम दिन शहर के विभिन्न इलाकों में इप्टा के साथी जनगीत गाते, जनसंवाद करते हुए नफरत के खिलाफ प्रेम की अलख जगाते रहे. शाम को इप्टा के साथियों की यात्रा इंदौर के लिए रवाना हो गई, जहां 22 मई को 44 दिन की इस यात्रा का समापन होगा. आज़ादी के 75वें वर्ष में पांच राज्यों से होकर गुजरने वाली “ढाई आखर प्रेम” की सांस्कृतिक यात्रा के दौरान 250 अधिक स्थानों पर कार्यक्रम हो चुके हैं. गांधीनगर से भोपाल में प्रवेश पर और वहां से यात्रा के गांधीभवन का भव्य स्वागत किया गया.
कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश वेदा ने कहा कि यह यात्रा संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और प्रेम का संदेश लेकर गांव, देहात, शहर कस्बों से होते हुए जनता के साथ संवाद करते हुए गुजर रही है. हमारा मकसद लोगों की मानसिकता पर जमी गर्द को झाड़ना और उसे देश में नफरत फैला रही ताकतों के खिलाफ जगाना और सकारात्मक वैचारिक ऊर्जा का संचार करना है. स्वागत भाषण देते हुए भोपाल की आयोजन समिति के अध्यक्ष राजेश जोशी ने कहा कि भोपाल में इप्टा की यह यात्रा सांस्कृतिक आंदोलन के लिए मील का पत्थर साबित होगी और नए संस्कृति कर्म की शुरुआत करेगी, जो प्रेम और भाईचारे-बहनापे की तहजीब को आगे ले जाएगा.
इससे पहले गांधी भवन में यात्रा में शामिल इप्टा के 21 साथियों का स्वागत करते हुए उन्हें 20 किताबों और पुस्तिकाओं का सेट दिया गया. यह पुस्तिकाएं और किताबें एकलव्य, एका और इप्टा की ओर से दी गईं. यात्रा के साथ जो साथी भोपाल पहुंचे हैं, उनमें से इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश वेदा (लखनऊ), छत्तीसगढ़ के इप्टा अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव (भिलाई), अशोक शिरोड़े (बिलासपुर), विनोद कोष्टी (दिल्ली), वर्षा (दिल्ली), मनीष श्रीवास्तव (दिल्ली), मालांचा (दिल्ली), निसार अली (रायपुर), अमिताभ पांडे (दिल्ली), हरनाम सिंह (इंदौर), राहुल (इंदौर), अनिल दुबे (गुना), कृष्णा दुबे (गुना) , योगेश सिंह (गुना), सुमित बुनकर (गुना), ब्रजेश कुशवाहा (गुना), रामदुलारी शर्मा (अशोकनगर), अरबाज खान (अशोक नगर), रजनीश साहिल (दिल्ली), मृगेन्द्र (अशोकनगर) और विहान उर्फ चीकू (दिल्ली) शामिल हैं.
20 मई को सुबह 10 बजे भोपाल के हम्माल ट्रांसपोर्ट यूनियन इतवारा चौराहे पर इलाके में सद्भावना यात्रा निकाली गई. दोपहर में ऐशबाग क्षेत्र, हाथीखाना बुधवारा में सद्भावना यात्रा निकाल इप्टा के साथियों ने कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी. बता दें कि देश के असली नायकों को याद करते हुए और कबीर के प्रेम के संदेश को लेकर यह यात्रा 9 अप्रैल को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से शुरू हुई थी. खास बात यह है कि छत्तीसगढ़, झारखंड में इस यात्रा के दौरान लोकनाट्य शैली नाचा और उसकी गम्मत के साथी लगातार अपनी प्रस्तुतियां दे रहे थे.
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