War against Corona : सरकार की सख्ती पर कैलाश विजयवर्गीय ने उठाए सवाल

कैलाश विजयवर्गीय ने लिखा-ये बेहद आपत्तिजनक फैसला है. मेरा आग्रह है कि प्रशासन इस फैसले पर पुनर्विचार करे.
Bhopal.कैलाश विजयवर्गीय का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब खुद सीएम शिवराज (CM Shivraj) ये कह चुके हैं कि कोरोना की रोकथाम के लिए सख्त फैसले लेने होंगे.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: March 27, 2021, 8:11 AM IST
भोपाल.एक तरफ जहां कोरोना (Corona) के कहर को कम करने के लिए सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही है. लेकिन बीजेपी के नेता ही अपनी सरकार के फैसलों का विरोध कर रहे हैं. इंदौर में होलिका दहन रोकने के जिला प्रशासन के फैसले पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने सवाल उठा दिए हैं. विजयवर्गीय ने फैसले का विरोध करते हुए एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि होलिका दहन रोकना अनुचित.
कैलाश विजयवर्गीय लिखते हैं-इंदौर जिला प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से होलिका दहन नहीं करने के आदेश दिए हैं. ये बेहद आपत्तिजनक फैसला है. मेरा आग्रह है कि प्रशासन इस फैसले पर पुनर्विचार करे. इससे जनता की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी. कैलाश विजयवर्गीय का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब खुद सीएम शिवराज ये कह चुके हैं कि कोरोना की रोकथाम के लिए सख्त फैसले लेने होंगे.
कांग्रेस को मिला मौका
कैलाश विजयवर्गीय की इस आपत्ति के साथ ही विपक्ष को एक बार फिर बोलने का मौका मिल गया है. कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल खड़े करते हुए कहा बीजेपी और सरकार में एक मत से कोई फैसला नहीं हो रहा. बीजेपी में गिरोहबंदी की राजनीति हो रही है. इंदौर भोपाल इसीलिए हॉट स्पॉट बन गया है क्योंकि बीजेपी नेता अपनी अपनी दुकान चला रहे हैं.
क्या अब जनता मानेगी ?
सरकार और जिला प्रशासन की ओर से कोरोना के प्रकोप को देखते हुए होली पर्व को सीमित करना और कैलाश विजयवर्गीय का उसका विरोध करना आखिरकार आम जनता पर कितना असर डालेगा ? कैलाश विजयवर्गीय इंदौर के बीजेपी के बड़े नेता हैं और उनके जिला प्रशासन के फैसले पर आपत्ति उठाने के बाद यह तय माना जा रहा है कि जनता भी जिला प्रशासन के फैसले को गंभीरता से अब न ले. ऐसे में अगर कोरोना का कहर बढ़ता है तो फिर इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा ?
कैलाश विजयवर्गीय लिखते हैं-इंदौर जिला प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से होलिका दहन नहीं करने के आदेश दिए हैं. ये बेहद आपत्तिजनक फैसला है. मेरा आग्रह है कि प्रशासन इस फैसले पर पुनर्विचार करे. इससे जनता की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी. कैलाश विजयवर्गीय का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब खुद सीएम शिवराज ये कह चुके हैं कि कोरोना की रोकथाम के लिए सख्त फैसले लेने होंगे.
कांग्रेस को मिला मौका
कैलाश विजयवर्गीय की इस आपत्ति के साथ ही विपक्ष को एक बार फिर बोलने का मौका मिल गया है. कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल खड़े करते हुए कहा बीजेपी और सरकार में एक मत से कोई फैसला नहीं हो रहा. बीजेपी में गिरोहबंदी की राजनीति हो रही है. इंदौर भोपाल इसीलिए हॉट स्पॉट बन गया है क्योंकि बीजेपी नेता अपनी अपनी दुकान चला रहे हैं.
सरकार और जिला प्रशासन की ओर से कोरोना के प्रकोप को देखते हुए होली पर्व को सीमित करना और कैलाश विजयवर्गीय का उसका विरोध करना आखिरकार आम जनता पर कितना असर डालेगा ? कैलाश विजयवर्गीय इंदौर के बीजेपी के बड़े नेता हैं और उनके जिला प्रशासन के फैसले पर आपत्ति उठाने के बाद यह तय माना जा रहा है कि जनता भी जिला प्रशासन के फैसले को गंभीरता से अब न ले. ऐसे में अगर कोरोना का कहर बढ़ता है तो फिर इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा ?