हर्ष यादव
हर्ष यादव ने न्यूज 18 से बातचीत में कहा मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के दौरान किसानों को कर्ज़ बांटने का घोटाला अरबों रुपए का हो सकता है. ये लोन सहकारी समितियों के ज़रिए बांटा गया था. हर्ष यादव को तो आशंका है कि कहीं ये व्यापम से भी बड़ा घोटाला ना हो. उन्होंने कहा इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करायी जाना चाहिए.
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ग्रामोद्योग मंत्री के मुताबिक उनके गृह ज़िले सागर में लगभग सभी सहकारी समितियों में किसानों को कर्ज़ के नाम पर गुमराह किया गया. इसमें समिति प्रबंधक, अध्यक्ष से लेकर सहकारिता विभाग के अफसर और बीजेपी नेताओं की मिलीभगत रही. जांच में ये अरबों का घोटाला साबित होगा. मंत्री हर्ष यादव ने कहा,देवरी में एक किसान पर लाखों का कर्ज निकलने से सदमे में उसकी मौत हो गई. उस मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है.
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कमलनाथ सरकार के जय किसान कर्ज़माफी योजना के दौरान ये घोटाले सामने आ रहे हैं. किसानों के नाम पर ऐसे लोगों ने कर्ज़ ले लिया जो उसके हक़दार ही नहीं थे. ऐसे नामों पर कर्ज़ लिया गया जिस नाम का कोई व्यक्ति है ही नहीं. किसानों को इसका पता तब चला जब उनके पास बैंकों से लोन रिकवरी के नोटिस पहुंचे.
जय किसान ऋण माफी योजना के तहत पंचायत दफ़्तरों पर उन किसानों के नाम की लिस्ट लगायी जा रही है जिनका लोन माफ किया जा रहा है. लिस्ट लगते ही किसान शिकायत और आपत्ति कर रहे हैं. लिस्ट में फर्ज़ी नाम हैं. ये सारा लोन शिवराज सरकार के दौरान बांटा गया था.
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