मध्य प्रदेश में चिटफंड कंपनियों की शामत, सरकार चलाएगी उनके खिलाफ अभियान

चिट फंड कंपनियों के खिलाफ कमलनाथ सरकार लेगी एक्शन
कमलनाथ सरकार (kamalnath government) के इस फैसले के बाद जल्द ही अभियान की रूपरेखा तैयार की जा रही है.ऐसी एजेंसियों को चुना जा रहा है जो फर्ज़ीवाड़ा करने वाली चिटफंड कंपनियों (chitfund company) के खिलाफ कार्रवाई कर सकें.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: November 29, 2019, 11:42 AM IST
भोपाल. मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में चल रही चिटफंड कंपनियों (chit fund company) पर सरकार जल्द ही शिकंजा कसने जा रही है. कमलनाथ सरकार (kamalnath government) एक विशेष अभियान चलाकर इन कंपनियों पर कार्रवाई करेगी. मंत्रालय में मुख्य सचिव एस आर मोहंती की मौजूदगी में हुई बैठक में प्रदेश में अवैध तरीके से धन संग्रहण करने वाली कंपनियों के खिलाफ अभियान चलाने का फैसला लिया गया है.
चिटफंड कंपनियों पर शिकंजा
मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, अनिगमित निकाय, बहुराज्यीय सहकारी समितियां सक्रिय हैं. प्रदेश भर से इनकी गतिविधियों की जानकारी शासन को मिल रही है. सरकार अब इनकी गैर-कानूनी गतिविधियों के खिलाफ अभियान चलाने वाली है. साथ ही इनकी अवैध गतिविधियों और वैधता की जानकारी भी जनता तक पहुंचायी जाएगी. मुख्य सचिव एस आर मोहंती ने मंत्रालय में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और अनिगमित निकायों से संबंधित राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक ली. उसमें ये विचार किया गया.
बैठक में पता चला...यह पहला मौका है, जब कमलनाथ सरकार इन फर्जी कंपनियों के खिलाफ अभियान चलाएगी.इस अभियान में कौन-कौन सी एजेंसियां शामिल होंगी और कब इसे शुरू किया जाएगा,इसका प्लान तैयार की जा रहा है.बैठक में जानकारी दी गयी कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के विरूद्ध पुलिस में 187 शिकायतें दर्ज हैं. उनमें से 45 में एफआईआर दर्ज हो चुकी है और 52 मामलों की जांच चल रही है.भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से सहारा ग्रुप के खिलाफ रतलाम और सीहोर जिलों से संबंधित 52 शिकायतें मिलीं. इनमें 18 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और सात प्रकरण में जांच जारी है.
ऐसे होगी कार्रवाई
सरकार के इस फैसले के बाद जल्द ही अभियान की रूपरेखा तैयार की जा रही है.ऐसी एजेंसियों को चुना जा रहा है जो फर्ज़ीवाड़ा करने वाली चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकें. पुलिस भी कार्रवाई कर सकती है, लेकिन उसकी अपनी स्थानीय व्यवस्थाओं की वजह से बात सिर्फ जांच तक सिमट कर रह जाती है. इसलिए चिटफंड कंपनियों से सख़्ती से निपटने के लिए इस बार विशेष टीम बनायी जाएगी. यही टीम चिटफंड कंपनियों के खिलाफ डाटा जुटाएगी. सबूत मिलने पर इन कंपनियों को बंद करने के साथ कानूनी कार्रवाई भी करेगी.ये भी पढ़ें-बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर को कांग्रेस विधायक ने दी धमकी, बाद में मांगी माफ़ी
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चिटफंड कंपनियों पर शिकंजा
मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, अनिगमित निकाय, बहुराज्यीय सहकारी समितियां सक्रिय हैं. प्रदेश भर से इनकी गतिविधियों की जानकारी शासन को मिल रही है. सरकार अब इनकी गैर-कानूनी गतिविधियों के खिलाफ अभियान चलाने वाली है. साथ ही इनकी अवैध गतिविधियों और वैधता की जानकारी भी जनता तक पहुंचायी जाएगी. मुख्य सचिव एस आर मोहंती ने मंत्रालय में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और अनिगमित निकायों से संबंधित राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक ली. उसमें ये विचार किया गया.
बैठक में पता चला...यह पहला मौका है, जब कमलनाथ सरकार इन फर्जी कंपनियों के खिलाफ अभियान चलाएगी.इस अभियान में कौन-कौन सी एजेंसियां शामिल होंगी और कब इसे शुरू किया जाएगा,इसका प्लान तैयार की जा रहा है.बैठक में जानकारी दी गयी कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के विरूद्ध पुलिस में 187 शिकायतें दर्ज हैं. उनमें से 45 में एफआईआर दर्ज हो चुकी है और 52 मामलों की जांच चल रही है.भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से सहारा ग्रुप के खिलाफ रतलाम और सीहोर जिलों से संबंधित 52 शिकायतें मिलीं. इनमें 18 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और सात प्रकरण में जांच जारी है.
ऐसे होगी कार्रवाई
सरकार के इस फैसले के बाद जल्द ही अभियान की रूपरेखा तैयार की जा रही है.ऐसी एजेंसियों को चुना जा रहा है जो फर्ज़ीवाड़ा करने वाली चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकें. पुलिस भी कार्रवाई कर सकती है, लेकिन उसकी अपनी स्थानीय व्यवस्थाओं की वजह से बात सिर्फ जांच तक सिमट कर रह जाती है. इसलिए चिटफंड कंपनियों से सख़्ती से निपटने के लिए इस बार विशेष टीम बनायी जाएगी. यही टीम चिटफंड कंपनियों के खिलाफ डाटा जुटाएगी. सबूत मिलने पर इन कंपनियों को बंद करने के साथ कानूनी कार्रवाई भी करेगी.
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First published: November 29, 2019, 11:42 AM IST
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