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कूनो पालपुर नेशनल पार्क : अफ्रीका से लायी गयी मादा चीता साशा की मौत, किडनी में था संक्रमण

Wildlife News. अफ्रीका से लायी गयी साशा की देखरेख विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम कर रही थी.

Wildlife News. अफ्रीका से लायी गयी साशा की देखरेख विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम कर रही थी.

Kuno News. वन विभाग की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक साशा को इलाज के लिए क्वॉरेंटाइन बाड़े में रखा गया था. इस दौर ...अधिक पढ़ें

भोपाल. कूनो नेशनल पार्क से एक बुरी खबर. सितंबर में अफ्रीका से लायी गयी एक मादा चीता साशा नहीं रही. 5 साल की साशा की मौत हो गई है. आज सुबह करीब 8:00 बजे उसने दम तोड़ दिया. साशा की किडनी खराब हो गयी थी. विशेषज्ञों की टीम लगातार उसकी देखभाल कर रही थी.

नामीबिया से लाए गए सभी चीतों को हाल ही में खुले में छोड़ दिया गया था. लेकिन 22 मार्च को साशा की तबीयत बिगड़ने के कारण उसे रेस्क्यू कर डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था. डॉक्टरों की टीम लगातार उस पर नजर रख रही थी. लेकिन किडनी की बीमारी से पीड़ित साशा को बचाया नहीं जा सका. उसने आज सुबह पार्क में दम तोड़ दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन 17 सितंबर को साशा के साथ दूसरे 8 चीतों को भी बाड़े में रिलीज किया था.

पीसीसीएफ ने की पुष्टि
हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों की दूसरी खेप बुलाई गई थी. लेकिन पहली खेप में उन्होंने पार्क पहुंची साशा इससे ज्यादा दिन चल नहीं पाई. वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ जे एसचौहान के मुताबिक नामीबिया से ही साशा किडनी की बीमारी से पीड़ित थी. उसके हाव-भाव बर्ताव में भी बदलाव नजर आ रहा था. डॉक्टरों की कड़ी मेहनत के बाद भी उसे बचाया न जा सका. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हुई है कि किडनी की बीमारी के कारण उसकी मौत हुई है.

अब रह गए 19 चीते
साशा की मौत के बाद अब कूनो में चीतों की संख्या घटकर 19 हो गई है. 17 सितंबर को कूनो में 8 चीते छोड़े गए थे. इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते लाए गए थे. जिन्हें 18 फरवरी को सीएम शिवराज ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव की मौजूदगी में कूनो में छोड़ा था. राज्य सरकार ने मादा चीता की मौत के बाद बाकी चीतों की सुरक्षा बढ़ाने की तैयारी कर ली है. शाम को मंत्री विजय शाह ने मंत्रालय में अफसरों की बैठक बुलाई और बाकी बचे चीतों के रखरखाव और सुरक्षा को लेकर चर्चा की.

भारत आने से पहले ही किडनी खराब थी
वन विभाग की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक साशा को इलाज के लिए क्वॉरेंटाइन बाड़े में रखा गया था. इस दौरान साशा का ब्लड सैंपल भी लिया गया जिसका परीक्षण आधुनिक मशीनों से हुआ. खून के नमूनों की जांच से किडनी में संक्रमण पाया गया. इसके बाद डॉक्टरों की टीम कूनो पालपुर में साशा की निगरानी में लगी रही. भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के वैज्ञानिक और कूनो राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन और चीता कंजर्वेशन फाउंडेशन नामीबिया ने साशा की ट्रीटमेंट हिस्ट्री देखी. इससे पता चला कि 15 अगस्त 2022 को नामीबिया में लिए गए अंतिम खून के सैंपल की जांच में क्रिएटिनिन का स्तर 400 से ज्यादा पाया गया था. इससे पुष्टि हुई कि भारत आने से पहले से ही साशा को किडनी की बीमारी थी.

Tags: Asiatic Cheetah, Madhya pradesh latest news, Wildlife news in hindi

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