महिला पुलिस कर्मियों का दर्द: भोपाल में 43 थाने, 37 में नहीं है टॉयलेट

File Photo- News18
यह खुलासा मानवाधिकार आयोग को पुलिस मुख्यालय द्वारा दी गई जानकारी से हुआ है. इस मामले में पुलिस मुख्यालय ने स्वीकार किया है कि भोपाल समेत प्रदेश के 673 थानों में टॉयलेट नहीं है
- News18India
- Last Updated: March 19, 2019, 1:52 PM IST
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 43 पुलिस थाने हैं जिनमें करीब 375 महलिा पुलिसकर्मी कार्यरत हैं. लेकिन इनमें सिर्फ छह थानों में ही महिला पुलिसकर्मियों के लिए टॉयलेट हैं. यह खुलासा मानवाधिकार आयोग को पुलिस मुख्यालय द्वारा दी गई जानकारी से हुआ है. इस मामले में पुलिस मुख्यालय ने स्वीकार किया है कि भोपाल समेत प्रदेश के 673 थानों में टॉयलेट नहीं है
महिला सशक्तिकरण और महिलाओं की सुरक्षा के लिए भले ही सभी थानों में महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति कर दी गई हो लेकिन उनके लिए थानों में टॉयलेट बनाने का ध्यान नहीं रखा है. भोपाल में 43 थानों में से केवल छह थानों में टायलेट बनाए गए हैं. इसमें महिला थाना, हबीबगंज, टीटी नगर, तलैया, मंगलवारा और चूनाभट्टी का थाना शामिल है.
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जाना पड़ता है तीन किमी दूर तक: एक महिला पुलिस अधिकारी ने बताया कि संक्रमण होने के डर से वे टॉयलेट जाने से बचती हैं. यदि बहुत जरूरी हुआ तो वे तीन किमी दूर घर लौटना पसंद करती है. पुराना भोपाल स्थित थाने में पदस्थ महिला एसआई ने बताया कि कई बार थाने के बगल में बने घरों का सहारा लेना पड़ता है. हालांकि कई बार शर्मिंदगी उठाना पड़ती है.जिन थानों में जगह, वहां प्राथमिकता से बना रहे: मामले में एडीजी प्लानिंग पवन जैन का कहना है कि हमने शासन से 41 करोड़ का बजट थानों में टॉयलेट और रेस्ट रूम बनाने के लिए मांगा था, जिसमें शासन ने 40 करोड़ स्वीकृत कर दिए हैं. हम पहले उन थानों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिन थानों के पास टॉयलेट बनाने जगह है. उसके बाद दूसरे थानों में टॉयलेट बनाने का काम पुलिस हाउसिंग करेगा.
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महिला सशक्तिकरण और महिलाओं की सुरक्षा के लिए भले ही सभी थानों में महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति कर दी गई हो लेकिन उनके लिए थानों में टॉयलेट बनाने का ध्यान नहीं रखा है. भोपाल में 43 थानों में से केवल छह थानों में टायलेट बनाए गए हैं. इसमें महिला थाना, हबीबगंज, टीटी नगर, तलैया, मंगलवारा और चूनाभट्टी का थाना शामिल है.
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जाना पड़ता है तीन किमी दूर तक: एक महिला पुलिस अधिकारी ने बताया कि संक्रमण होने के डर से वे टॉयलेट जाने से बचती हैं. यदि बहुत जरूरी हुआ तो वे तीन किमी दूर घर लौटना पसंद करती है. पुराना भोपाल स्थित थाने में पदस्थ महिला एसआई ने बताया कि कई बार थाने के बगल में बने घरों का सहारा लेना पड़ता है. हालांकि कई बार शर्मिंदगी उठाना पड़ती है.जिन थानों में जगह, वहां प्राथमिकता से बना रहे: मामले में एडीजी प्लानिंग पवन जैन का कहना है कि हमने शासन से 41 करोड़ का बजट थानों में टॉयलेट और रेस्ट रूम बनाने के लिए मांगा था, जिसमें शासन ने 40 करोड़ स्वीकृत कर दिए हैं. हम पहले उन थानों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिन थानों के पास टॉयलेट बनाने जगह है. उसके बाद दूसरे थानों में टॉयलेट बनाने का काम पुलिस हाउसिंग करेगा.
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