मध्यप्रदेश में डिफाल्टर किसानों की संख्या 12 लाख है.बैंकों का किसानों पर कुल 19417 करोड़ रुपए बकाया है
भोपाल. मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव की तरफ सियासी दलों के कदम बढ़ रहे हैं, वैसे ही हर वर्ग को साधने की कवायद भी तेज होती नजर आ रही है. प्रदेश की बड़ी आबादी किसानों की है और किसान वोटरों को साधने के लिए बीजेपी और कांग्रेस पूरा दम लगा रही हैं. सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद प्रदेश में अभी भी डिफाल्टर किसानों की संख्या 12 लाख के लगभग है और ऐसे में यह किसान किसके पक्ष में जाएंगे इस पर भी सबकी नजर है.
2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने किसान कर्ज माफी का ऐलान कर 40 लाख किसानों को साधने की कोशिश की थी, लेकिन सरकार गिरने के बाद शिवराज सरकार ने किसान कर्ज माफी को शिगूफा करार दिया. फिर किसानों के लिए कई तरह की योजनाएं लागू कर दीं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में ऐलान किया है, कि राज्य सरकार डिफाल्टर किसानों की कर्ज की राशि का ब्याज चुकाएगी
. शिवराज सरकार प्रधानमंत्री सम्मान किसान निधि से 6000 के साथ मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के 4000 रुपए भी किसानों को दे रही है, लेकिन सबसे बड़ा दांव मुख्यमंत्री ने डिफाल्टर किसानों के कर्ज माफी का ब्याज भरने का ऐलान कर चला है. आलम यह है कि प्रदेश में डिफाल्टर किसानों की संख्या साल दर साल बढ़ रही है इसमें कोई कमी नहीं आ रही है. कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वह अपने वचन पत्र में किसान कर्ज माफी का ऐलान करेगी. जिन किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ है उनका माफ किया जाएगा. ॉ
कर्जमाफी के हेरफेर में उलझे किसान
कांग्रेस किसान का 3 लाख तक का कर्जा माफ करने का ऐलान करने की तैयारी में है. कांग्रेस के किसान कर्ज माफी के ऐलान के कारण डिफाल्टर किसान कर्जा नहीं चुका रहे हैं, हालांकि सरकार ऐसे डिफाल्टर किसानों को भी सहूलियत देने में पीछे नहीं है. लेकिन बीजेपी और कांग्रेस के राडार पर आए किसान कर्ज माफी के हेरफेर में उलझे हुए हैं. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा तत्कालीन कमलनाथ सरकार के समय किसानों का कर्जा माफ हुआ था. 28 लाख किसान को फायदा हुआ था और अब सरकार में आने पर पुराना वचन निभाने का काम सरकार पूरा करेगी. वहीं प्रदेश के सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया का कहना है कि राज्य सरकार डिफाल्टर किसानों को सभी तरह की सुविधाएं दे रही हैं. किसान अपना कर्जा चुकाते हैं तो उनके ब्याज की राशि भी सरकार भरेगी. सरकार ने किसानों को कई तरह की सुविधाएं दी हैं डिफाल्टर किसानों को सरकार हर संभव मदद दे रही है और जो किसान डिफाल्टर हुए हैं वह कांग्रेस की देन हैं.
प्रदेश में डिफाल्टर किसानों की संख्या लगभग 12 लाख
2018 के विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक किसान कर्ज माफी का मुद्दा हावी है. प्रदेश में डिफाल्टर किसानों की संख्या लगभग 12 लाख है. किसान प्रदेश सरकार की ब्याज मुक्त अल्पावधि ऋण योजना का फायदा लेते हैं. यह लोन खरीफ और रबी फसलों के लिए दिया जाता है, लेकिन जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की रिकवरी उतनी नहीं जितनी होना चाहिए. बैंकों का किसानों पर कुल 19417 करोड़ रुपए बकाया है और यही राशि चुकाने नहीं वाले किसान डिफाल्टर की श्रेणी में आते हैं. अब देखना यह होगा कि 2023 के चुनाव में बीजेपी सरकार की किसान हितैषी योजनाओं और डिफाल्टर किसानों को कर्ज की राशि देने पर चुकाने पर ब्याज नहीं देने की सुविधा देने वाली सरकार असर डालती है या फिर अगले साल के चुनाव में कांग्रेस का किसान कर्ज माफी के असर दिखाता है.
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