मध्य प्रदेश सरकार द्वारा विधान परिषद (Legislative Council) का गठन करने की बात लेकर भाजपा हमलावर हो गई है. जबकि इस विरोध को लेकर कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी (Higher Education Minister Jitu Patwari) ने भाजपा पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि ये विधान परिषद का विरोध नहीं करते हैं, बल्कि ये लोकतंत्र के उस वोट का अपमान करते हैं जिसको जनता ने दिया है. हमने सरकार में आने से पहले ही अपने 'वचनपत्र' में जिक्र था कि विधान परिषद का गठन करेंगे. जनता ने हमारे वचनपत्र के आधार पर हमें मत दिया है. अब भाजपा में इसका भी विरोध शुरू हो गया है.
उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने भाजपा नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा में इन दिनों प्रतिस्पर्धा चल रही है. भाजपा में शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan), मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह (Rakesh Singh) और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही है. तीनों ये सोच रहे है कि कि मैं सबसे आगे हूं. तीनों ये समझाने में लगे हैं कि पद हमारे पास हैं. राकेश सिंह कहते है कि मैं भाजपा का मुखिया हूं, तो वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव कहते हैं कि मैं विधायकों का मुखिया हूं. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कहते है कि मैं 12 साल से इस प्रदेश का मुख्यमंत्री था तुम दोनों कौन हो. भाजपा में बस यही चल रहा है.
उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि निगम के बंटवारे के विरोध में भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की. बड़ा दुख होता है भाजपा की सोच पर और दया भी आती है. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान अपने कार्यकाल में घोषणा तो ऐसे करते थे किसी भी चौराहे पर खड़े होकर. कोई नियम नहीं, कोई कानून नहीं और ना ही किसी से पूछना. यही नहीं किसी विभाग से कोई प्रतिक्रिया नहीं. केवल वो बोलते थे और निर्णय़ होते थे. हैरानी की बात है कि वो व्यक्ति हमें निगम के बंटवारे पर नसीहत देता है कि आप एक से दो नगर निगम नहीं करोंगे. छत्तीसगढ़ और प्रदेश का बंटवारा अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में हुआ. क्यों हुआ ताकि आम आदमी की पहुंच तक सरकार का हर फायदा पहुंच सकें.
बहरहाल, हमारी सरकार कोई फैसला ले रही है तो जनता के प्रति जवाबदेही होगी. कांग्रेस पार्टी जो भी करती है, जनता के हितों को ध्यान में रखकर ही करती है. हम सकारात्मक सोच के साथ ही जनता के विकास के प्रति तत्पर हैं.
भाजपा ने नगर निगम बंटवारे के विरोध में राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की थी. राज्यपाल को हस्ताक्षर अभियान की सूची भी सौंपी थी. भाजपा हस्ताक्षर अभियान चला रही थी. अलग-अलग संभागों से हस्ताक्षर की सूची आज भाजपा के सभी नेताओं ने लालजी टंडन को सौंपी है.
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FIRST PUBLISHED : October 30, 2019, 22:34 IST