'व्हिसल-ब्लोअर' की शिकायत के बाद MPPSC में मचा बवाल, 2 संभागीय पर्यवेक्षक हटाए

हटाए गए दोनों पर्यवेक्षकों को व्यापमं घोटाले से संबंध रहा है.
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (Madhyapradesh Public Service Commission) की विवादित नियुक्तियों को लेकर जमकर बवाल हुआ. ये हंगामा 'व्हिसल-ब्लोअर' की शिकायत के बाद हुआ और अब आयोग ने नियुक्त किए गए दो रिटायर्ड आईएएस पर्यवेक्षकों को हटा दिया है.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: January 10, 2020, 10:08 AM IST
भोपाल. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग MPPSC (Madhyapradesh Public Service Commission) की विवादित नियुक्तियों को लेकर जमकर बवाल हुआ. आयोग ने आनन-फानन में नियुक्त किए गए दो रिटायर्ड आईएएस पर्यवेक्षकों को हटा दिया. अब उनकी जगह पर नए संभागीय पर्यवेक्षक बनाए गए हैं. आरोप था कि आयोग ने जिन रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों (Retired IAS Officers) को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था. वह किसी न किसी वजह से व्यापमं घोटाले की जांच में घिरे हुए हैं. यही कारण था कि व्हिसल ब्लोअर ने इस मामले की शिकायत हर स्तर पर की थी. इनकी शिकायत का ही असर रहा कि लोक सेवा आयोग को अपनी नियुक्ति आदेश को निरस्त करना पड़ा.
इनकी शिकायत पर हुई कार्रवाई
आयोग ने राज्य सेवा एवं राज्य वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए जो पर्यवेक्षक नियुक्त किए थे, उन्हें लेकर व्हिसल ब्लोअर डॉ. आनंद राय और पारस सकलेजा ने कई स्तर पर अपनी बात को पहुंचाने के साथ शिकायत भी दर्ज कराई थी. यह विवादित नियुक्तियां सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रही थीं. जब मामला सामान प्रशासन विभाग के पास पहुंचा तो इस पूरे मामले की तहकीकात की गई और इसके बाद आयोग ने दोनों पर्यवेक्षकों की नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया. जनसंपर्क विभाग की तरफ से भी ट्वीट के जरिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति निरस्त करने की जानकारी साझा की गई.
ये हैं आरोपपर्यवेक्षक बनाए गए रिटायर्ड आईएएस अधिकारी केसी जैन का बेटा व्यापमं का आरोपी रहा है. इसी प्रकार मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी आरके शिवहरे भी व्यापमं में आरोपी बनाए गए थे. आयोग ने उनके भाई अशोक शिवहरे को पर्यवेक्षक बनाया था. इन दोनों नामों पर विवाद बढ़ने पर आयोग को दोनों को हटाना पड़ा.
मिली थी ये जिम्मेदारी
लोक सेवा आयोग ने विज्ञापन देकर ग्वालियर संभाग के लिए अशोक कुमार शिवहरे और उज्जैन संभाग के लिए केसी जैन को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था. आरोप था कि व्यापमं के आरोपियों के निकट रिश्तेदारों को महत्वपूर्ण परीक्षा का पर्यवेक्षक बनाना उचित नहीं होगा. 2012-13 में लोक सेवा आयोग की परीक्षा के पेपर आउट हो चुके हैं.
ये भी पढ़ें-
मध्य प्रदेश में बनेंगी 10 नई जेल- मंत्री बाला बच्चन
कांग्रेस सरकार को शिवराज की चेतावनी- कैलाश विजयवर्गीय की गिरफ्तारी हुई तो...
इनकी शिकायत पर हुई कार्रवाई
आयोग ने राज्य सेवा एवं राज्य वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए जो पर्यवेक्षक नियुक्त किए थे, उन्हें लेकर व्हिसल ब्लोअर डॉ. आनंद राय और पारस सकलेजा ने कई स्तर पर अपनी बात को पहुंचाने के साथ शिकायत भी दर्ज कराई थी. यह विवादित नियुक्तियां सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रही थीं. जब मामला सामान प्रशासन विभाग के पास पहुंचा तो इस पूरे मामले की तहकीकात की गई और इसके बाद आयोग ने दोनों पर्यवेक्षकों की नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया. जनसंपर्क विभाग की तरफ से भी ट्वीट के जरिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति निरस्त करने की जानकारी साझा की गई.
ये हैं आरोपपर्यवेक्षक बनाए गए रिटायर्ड आईएएस अधिकारी केसी जैन का बेटा व्यापमं का आरोपी रहा है. इसी प्रकार मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी आरके शिवहरे भी व्यापमं में आरोपी बनाए गए थे. आयोग ने उनके भाई अशोक शिवहरे को पर्यवेक्षक बनाया था. इन दोनों नामों पर विवाद बढ़ने पर आयोग को दोनों को हटाना पड़ा.
मिली थी ये जिम्मेदारी
लोक सेवा आयोग ने विज्ञापन देकर ग्वालियर संभाग के लिए अशोक कुमार शिवहरे और उज्जैन संभाग के लिए केसी जैन को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था. आरोप था कि व्यापमं के आरोपियों के निकट रिश्तेदारों को महत्वपूर्ण परीक्षा का पर्यवेक्षक बनाना उचित नहीं होगा. 2012-13 में लोक सेवा आयोग की परीक्षा के पेपर आउट हो चुके हैं.
ये भी पढ़ें-
मध्य प्रदेश में बनेंगी 10 नई जेल- मंत्री बाला बच्चन
कांग्रेस सरकार को शिवराज की चेतावनी- कैलाश विजयवर्गीय की गिरफ्तारी हुई तो...