Social Viral: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में बकरी पालन केंद्र के 4 बकरों के दूध देने की खबर वायरल है.
बुरहानपुर. बकरी नहीं, बकरा देता है दूध? क्या ये सच है? क्या ऐसा हो सकता है? कहां मिलता है बकरा? बकरों के दूध देने की बात सुनकर आपके दिमाग में भी ऐसे ही सवाल उठ सकते हैं. एकबारगी तो आपको यह खबर फर्जी भी लग सकती है. लेकिन नहीं, यह फेक-न्यूज नहीं है. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में ऐसे बकरे हैं, जो बिल्कुल बकरियों की तरह ही दूध देते हैं. आपको यकीन नहीं होता, तो हम बताते हैं.
दरअसल, बुरहानपुर का निजी बकरी पालन प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केंद्र पिछले दिनों सुर्खियों में था. इसलिए नहीं कि यहां एक दर्जन से अधिक प्रजाति के बकरे व बकरियों का पालन किया जाता है; बल्कि इसलिए कि यहां पाले जा रहे चार अलग-अलग प्रजातियों के बकरे भी बकरियों की तरह दूध देते हैं. सुनने में यह बात अजीब लगती है; लेकिन हकीकत है! बुरहानपुर जिला मुख्यालय पर स्थित 6 साल पहले स्थापित सरताज बकरी पालन प्रशिक्षण केंद्र व अनुसंधान केंद्र में एक दर्जन से अधिक अलग-अलग बकरों की प्रजातियों के करीब 350 से अधिक बकरा-बकरी है. यहां हर महीने बकरी पालन को अपना कारोबार बनाने वाले लोगों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. इस दौरान एक प्रशिक्षणार्थी की नजर यहां के चार बकरों पर गई जो बकरियों की तरह दूध देते हैं.
चार बकरे देते हैं दूध
इस प्रशिक्षणार्थी ने यहां के कर्मचारियों से पूछा तो उन्हें यह कोई नया नहीं लगा. जब इस प्रशिक्षणार्थी ने यह बात सोशल मीडिया में अपलोड की; तो सब हैरान हो गए कि क्या कभी ऐसा भी होता है कि बकरी की जगह बकरा दूध दे? यह बात किसी के गले नहीं उतर रही थी, लेकिन यह सच है कि इस निराले बकरी पालन केंद्र के चार बकरे भी बकरियों की तरह दूध देते हैं.
4 बकरों के नाम जानें
बकरी पालन केंद्र से मैनेजर ने बताया उनके यहां काले रंग का बकरा पंजाबी बिट, जिसका नाम बादशाह रखा गया है. हैदराबादी चाचा, पथिरा प्रजाति का का जिसे शेरू नाम दिया गया है; और हंसा प्रजाति का बकरा, जिसका नाम सुल्तान है. ये बकरे रोजाना औसतन 200 से 300 एमएल दूध देते हैं. इस दूध को सामान्य बकरी के दूध में मिला दिया जाता है.
क्या कहते हैं मैनेजर
बकरी पालन केंद्र के मैनेजर साजिद अख्तर ने बताया कि जब से यह खबर सोशल मीडिया में आई तब से मीडियाकर्मी तो आ ही रहे हैं, साथ ही पर्यटक, किसान और बकरी पालन का कारोबार शुरू करने वाले और रिसर्च करने वाले भी रोजाना यहां पहुंच रहे हैं.
क्या कहते हैं डॉक्टर
इस बकरी पालन की देखरेख करने वाले पशु चिकित्सक डॉ तुषार निमाडे के लिए यह कोई नई बात नहीं है. उन्होंने दस साल पहले बकरों में स्तन और उससे दूध निकलना देखा था. इसके पीछे डॉक्टर हार्मोनल कारण बताते हैं. उनका कहना है कई हजार में एक ऐसा बकरा होता है. दूध की टेस्टिंग कराई गई है और बकरी के दूध और बकरों के स्तन से निकलने वाले दूध में कोई फर्क नहीं है.
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