मप्र : पार्टी मुख्यालय में बैठने से मंत्रियों ने किया इनकार

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित भारतीय जनता पार्टी का मुख्यालय.
मध्यप्रदेश में भाजपा संगठन के फैसले को सरकार के मंत्री ही पलीता लगाते नजर आ रहे हैं. मामला पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में मंत्रियों के बैठने का है. लेकिन अब तक किसी भी मंत्री ने एक भी दिन पार्टी मुख्यालय में बैठने की जहमत नहीं उठाई.
- ETV MP/Chhattisgarh
- Last Updated: June 3, 2017, 5:35 PM IST
मध्यप्रदेश में भाजपा संगठन के फैसले को सरकार के मंत्री ही पलीता लगाते नजर आ रहे हैं. मामला पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में मंत्रियों के बैठने का है. करीब एक वर्ष पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के निर्देशों के तहत प्रदेश संगठन ने मंत्रियों को हफ्ते में एक दिन पार्टी मुख्यालय में बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की थी. इसके समन्वय की जिम्मेदारी सहयोग विभाग के अध्यक्ष भोपाल सांसद आलोक संजर को सौंपी गई थी. लेकिन अब तक किसी भी मंत्री ने एक भी दिन पार्टी मुख्यालय में बैठने की जहमत नहीं उठाई.
सूत्रों के मुताबिक कई मंत्री पार्टी मुख्यालय में बैठकर कार्यकर्ताओं और आम लोगों की समस्याएं सुनने और उनका समाधान करने के पक्ष में नहीं हैं. सांसद आलोक संजर ने बैठक को लेकर मंत्रियों से बात की तो कुछ ही मंत्रियों ने सहमति दी. सांसद आलोक संजर ने कहा कि अनेक मंत्री जनसमस्याओं और कार्यकर्ताओं की लगभग रोज ही सुनवाई करते हैं. फिर भी कुछ मंत्रियों ने पार्टी मुख्यालय में बैठने के लिए हामी भरी है और जल्द ही वे बैठने लगेंगे.
उल्लेखनीय है कि देश में भाजपा का मध्यप्रदेश संगठन सबसे सशक्त और दूसरे राज्यों के लिए मॉडल माना जाता है. लेकिन आलम यह है कि प्रदेश में 13 वर्ष से राज कर रही भाजपा सरकार के मंत्री संगठन की सुनना तो दूर पार्टी की राष्ट्रीय ईकाई का फरमान भी नहीं मान रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक कई मंत्री पार्टी मुख्यालय में बैठकर कार्यकर्ताओं और आम लोगों की समस्याएं सुनने और उनका समाधान करने के पक्ष में नहीं हैं. सांसद आलोक संजर ने बैठक को लेकर मंत्रियों से बात की तो कुछ ही मंत्रियों ने सहमति दी. सांसद आलोक संजर ने कहा कि अनेक मंत्री जनसमस्याओं और कार्यकर्ताओं की लगभग रोज ही सुनवाई करते हैं. फिर भी कुछ मंत्रियों ने पार्टी मुख्यालय में बैठने के लिए हामी भरी है और जल्द ही वे बैठने लगेंगे.
उल्लेखनीय है कि देश में भाजपा का मध्यप्रदेश संगठन सबसे सशक्त और दूसरे राज्यों के लिए मॉडल माना जाता है. लेकिन आलम यह है कि प्रदेश में 13 वर्ष से राज कर रही भाजपा सरकार के मंत्री संगठन की सुनना तो दूर पार्टी की राष्ट्रीय ईकाई का फरमान भी नहीं मान रहे हैं.