कमलनाथ सिंधिया
मंत्रियों के पोर्टफोलियो बांटने के लिए गुरुवार को कमलनाथ-दिग्विजय और ज्योतिरादित्य की तीन बार लंबी बैठक हुई. गृह-वित्त और हेल्थ जैसे बड़े विभागों को लेकर तीनों के बीच एक राय नहीं बन पायी. बाकी विभागों की सूची मंज़ूरी के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को भेज दी गयी है.
सीएम कमलनाथ की कोशिश ये है कि दिल्ली से ही सूची को मंज़ूरी मिल जाए ताकि फिर कोई आपत्ति ना उठा सके. तीनों दिग्गजों के बीच युवा मंत्रियों को महत्वपूर्ण विभाग देने पर भी देर तक चर्चा चली. नेताओं के बीच महत्वपूर्ण विभाग अपने समर्थक मंत्री को देने पर रस्साकशी है.
विभाग वितरण की झंझट में फंसे सीएम कमलनाथ के सामने दूसरी समस्या असंतुष्टों की खड़ी हुई है. मंत्री पद ना मिलने से कई विधायक नाराज़ हैं.सुमावली विधायक ऐदल सिंह कंसाना दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. मुरैना में उनके समर्थक ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मदन शर्मा गुरुवार को इस्तीफा दे चुके हैं. इनकी शिकायत ये है कि ऐदल चार बार से लगातार विधायक हैं. इस बार मुरैना-श्योपुर की 8 में से 7 सीटें कांग्रेस ने जीतीं फिर भी उन्हें विधायक क्यों नहीं बनाया गया. पिछोर विधायक के पी सिंह समर्थक भी चक्काजाम और विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं.
दूसरे असंतुष्ट बुरहानपुर विधायक सुरेन्द्र सिंह उर्फ शेरा हैं. वो टिकट ना मिलने के कारण इस बार बाग़ी हो गए थे. शिवराज सरकार में मंत्री रही अर्चना चिटनिस को हरा कर आए हैं और कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं. वो भी कांग्रेस को चेता चुके हैं कि बिना निर्दलीय के सरकार नहीं चल पाएगी.
असंतुष्टों की सूची में नया नाम बदनावर विधायक राजवर्धन सिंह का है. उन्होंने आरोप लगाया है कि वंशवाद की राजनीति ने मेरा हक़ छीन लिया है. वो भी पार्टी को धमका रहे हैं कि इसका जवाब इस्तीफ़े से देंगे.
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