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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि युवाओं के महत्व को ध्यान में रखते हुए विदेश मंत्रालय द्वारा सभी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के साथ युवा सम्मेलन भी कराने का निर्णय लिया गया है. इसके तहत प्रवासी भारतीय दिवस के साथ युवा सम्मेलन भी आयोजित किया जाता है, ताकि प्रवासी भारतीय युवक भारत से जुड़ें और भारत को जान सकें.
14 अगस्त से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शुरू हुए पांच दिवसीय भारत-आसियान युवा सम्मेलन के समापन दिवस पर 11 देशों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए सुषमा ने कहा, विदेश मंत्रालय ने यह तय किया है कि कोई भी अंतराष्ट्रीय सम्मेलन करेंगे तो उसमें एक सम्मेलन युवाओं का भी जरूर करेंगे.
इसके तहत प्रत्येक वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन में एक दिन युवा सम्मेलन भी किया गया. इसमें भारतीय मूल के बच्चों को बुलाया गया, जिनके परिजन 100-150 साल पहले नौकरी की खातिर विदेशों में जा बसे थे. ताकि प्रवासी युवा भारत से जुड़ें और भारत को जान सकें.
उन्होंने कहा कि युवा बदलाव के वाहक हैं और टकराव दूर करने और शांति कायम करने में अहम भूमिका अदा करते हैं लेकिन यदि युवा राजनीति, आर्थकि और सामाजिक क्षेत्रों एवं प्रकिया से अलग रहते हैं तो इससे हिंसा और टकराव पैदा होने का गंभीर खतरा उत्पन्न हो जाता है.
उन्होंने कहा कि आसियान देशों के लोगों को भारत की दो चीजें जोड़ती है, एक बौद्ध धर्म और दूसरा रामायण. इंडोनेशिया में जगह-जगह रामायण, महाभारत के प्रसंग मौजूद हैं. वहां गीता के उपदेश चौराहों पर लगे हैं.
विदेश मंत्री ने भारतीय प्रतिनिधियों से कहा कि वे इस सम्मेलन का उपयोग करें और आसियान देशों के प्रतिनिधियों के पते और मोबाइल नंबर लेकर इनसे जुड़े रहें तथा यहां जो रिश्ता कायम हो उसे हमेशा बनाये रखें.
भारत-आसियान युवा सम्मेलन भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और युवा मामलों के मंत्रालय के साथ मध्यप्रदेश सरकार एवं इंडिया फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से आयोजित किया है.
इस सम्मेलन में 35 वर्ष से कम उम्र के 200 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें आसियान देशों के प्रतिनिधियों के साथ ही भारत के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, व्यवसायी, शासकीय सेवा, मीडिया, कला, संस्कृति, लेखन क्षेत्र के लोग शामिल हैं.
इस सम्मेलन में भारत सहित थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, वियतनाम, फिलिपींस, ब्रुनेई, कंबोडिया और लाओस के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है.
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