किसानों को खेती के लिए एजुकेट करेगी शिवराज सरकार, 30 मंडियां होंगी हाईटेक

mp-cm शिवराज ने प्रदेश में FPO बनाने का निर्देश दिया है.
पहले चरण में प्रदेश की 30 कृषि उपज मंडियों (Mandi) को हाइटेक (hi tech) बनाया जाएगा. इनमें गोदाम, भंडारण, मूल्य संवर्धन, कोल्ड स्टोरेज और एग्री क्लीनिक की सुविधाएं होंगी. इनमें ग्रेडिंग मशीनें भी लगाई जाएंगी.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: December 22, 2020, 12:53 PM IST
भोपाल. नये कृषि बिल (New agriculture Law) पर किसानों के साथ जारी तकरार के बीच मध्य प्रदेश सरकार (MP governmant) ने एक अहम फैसला किया है. मध्य प्रदेश सरकार अब किसानों को न केवल सरकारी योजनाओं का फायदा देगी, बल्कि उसके साथ-साथ किसानों को फसलों के लिहाज से एजुकेट भी किया जाएगा. किसान यह जान सकेंगे कि कब-किस मौसम में उन्हें कौन सी फसल लगानी चाहिए?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने कृषि विभाग से कहा है कि वो किसानों को "एजुकेट" करे. उन्हें समझाया जाए कि रबी और खरीफ में से कौन सी फसल और कितनी मात्रा में लगाई जाए. कैसी जमीन में किस फसल की खेती की जाए, ताकि किसान को उनकी उपज अच्छी मिले और उसके अच्छे दाम मिल सकें. प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्र में रबी और खरीफ फसलों की बुआई से पहले इन फसलों की सूची दिखाई जाए. इस संबंध में प्रदेश के दोनों कृषि विश्वविद्यालय भी सक्रिय भूमिका निभाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि से संबंधित विभिन्न योजनाएं सैद्धांतिक न होकर व्यावहारिक हों, जिनका लाभ किसानों को मिल सके.
30 कृषि मंडियों को हाइटेक बनाया जाएगा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश की सभी कृषि उपज मंडियों का विकास किया जा रहा है. पहले चरण में प्रदेश की 30 कृषि उपज मंडियों को हाइटेक बनाया जाएगा.इनमें गोदाम, भंडारण, मूल्य संवर्धन, कोल्ड स्टोरेज और एग्री क्लीनिक की सुविधाएं होंगी. इनमें ग्रेडिंग मशीनें भी लगाई जाएंगी.एफपीओ करेंगे मिशन मोड में काम
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि किसानों को उनकी फसलों का बेहतर दाम दिलाने के लिए प्रदेश में अधिक से अधिक एफ.पी.ओ. (किसान उत्पादक समूह) बनाए जाएं. वर्तमान एफ.पी.ओ. को अधिक सक्रिय किया जाए. इससे किसान अपनी फसल सीधे बाजार में बेच पाएगा. बिचौलिए कम होंगे. फिलहाल प्रदेश में 394 एफ.पी.ओ. हैं. एक एफ.पी.ओ. में कम से कम 03 व्यक्ति हो सकते हैं.

एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर में एमपी अव्वल
कृषि अधोसंरचना विकास के लिए ऋण दिए जाने की केन्द्र सरकार की कृषि अधोसंरचना (AIF) योजना के अमल में मध्यप्रदेश पूरे देश में पहले स्थान पर है. मध्यप्रदेश से 231 करोड़ रुपए के कुल 222 मामले अब तक एप्रूव किए जा चुके हैं. इनमें से 23 प्रकरण में 21 करोड़ का लोन दिया गया. 98 करोड़ के 87 प्रकरण बैंकों के पास पेंडिंग हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने कृषि विभाग से कहा है कि वो किसानों को "एजुकेट" करे. उन्हें समझाया जाए कि रबी और खरीफ में से कौन सी फसल और कितनी मात्रा में लगाई जाए. कैसी जमीन में किस फसल की खेती की जाए, ताकि किसान को उनकी उपज अच्छी मिले और उसके अच्छे दाम मिल सकें. प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्र में रबी और खरीफ फसलों की बुआई से पहले इन फसलों की सूची दिखाई जाए. इस संबंध में प्रदेश के दोनों कृषि विश्वविद्यालय भी सक्रिय भूमिका निभाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि से संबंधित विभिन्न योजनाएं सैद्धांतिक न होकर व्यावहारिक हों, जिनका लाभ किसानों को मिल सके.
30 कृषि मंडियों को हाइटेक बनाया जाएगा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश की सभी कृषि उपज मंडियों का विकास किया जा रहा है. पहले चरण में प्रदेश की 30 कृषि उपज मंडियों को हाइटेक बनाया जाएगा.इनमें गोदाम, भंडारण, मूल्य संवर्धन, कोल्ड स्टोरेज और एग्री क्लीनिक की सुविधाएं होंगी. इनमें ग्रेडिंग मशीनें भी लगाई जाएंगी.एफपीओ करेंगे मिशन मोड में काम
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि किसानों को उनकी फसलों का बेहतर दाम दिलाने के लिए प्रदेश में अधिक से अधिक एफ.पी.ओ. (किसान उत्पादक समूह) बनाए जाएं. वर्तमान एफ.पी.ओ. को अधिक सक्रिय किया जाए. इससे किसान अपनी फसल सीधे बाजार में बेच पाएगा. बिचौलिए कम होंगे. फिलहाल प्रदेश में 394 एफ.पी.ओ. हैं. एक एफ.पी.ओ. में कम से कम 03 व्यक्ति हो सकते हैं.
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर में एमपी अव्वल
कृषि अधोसंरचना विकास के लिए ऋण दिए जाने की केन्द्र सरकार की कृषि अधोसंरचना (AIF) योजना के अमल में मध्यप्रदेश पूरे देश में पहले स्थान पर है. मध्यप्रदेश से 231 करोड़ रुपए के कुल 222 मामले अब तक एप्रूव किए जा चुके हैं. इनमें से 23 प्रकरण में 21 करोड़ का लोन दिया गया. 98 करोड़ के 87 प्रकरण बैंकों के पास पेंडिंग हैं.