मास्टरस्ट्रोक: नगरीय चुनाव में नैया पार लगाने को भगवान राम के सहारे कमलनाथ सरकार, ये है प्लान

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नगरीय निकाय चुनावों से पहले बीजेपी के हिंदुत्व एजेंडे के मुकाबले अपनी हिंदूवादी छवि को पेश करेगी कांग्रेस. कमलनाथ सरकार प्रदेश के सभी 378 नगरीय निकायों में रामलीलाओं (Ramleela) के लिए पक्के मंच (Stage) तैयाकर करेगी. बीजेपी के राम के मुकाबले कांग्रेस ने अपने राम की ब्रांडिंग कर एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश करेगी.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: December 2, 2019, 11:21 PM IST
भोपाल. अयोध्या (Ayodhya) में भगवान राम (Ram) के भव्य मंदिर के उलट प्रदेश की कमलनाथ सरकार अपने राम नाम के सहारे आगे बढ़ रही है. कांग्रेस सरकार ने अब सभी छोटे बड़े शहरों में रामलीला के आयोजन को बढ़ावा देने के लिए पक्के रामलीला मंच बनाने के लिए राशि देने का ऐलान किया है. भगवान राम से जुड़े कई आयोजनों का ऐलान कर चुकी सरकार अब 378 नगरीय निकायों में रामलीला के आयोजन के लिए पक्के मंच तैयार करके देगी. प्रदेश के नगरीय निकाय मंत्री जयवर्धन सिंह ने सोमवार को रायसेन में आयोजित एक कार्यक्रम में इसकी घोषणा की है कि सरकार प्रदेश में मौजूद दशहरा और रामलीला के मैदानों में पक्के रामलीला मंच बनाने के लिए पैसा देगी, ताकि गुम होती रामलीलाओं का आयोजन हो सके और लोग भगवान राम के व्यक्तित्व को समझ सकें.
राम की शरण में सरकार
नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि हर साल नगरीय निकायों में रामलीलाओं का आयोजन हो, इसके लिए सरकार रामलीला मंच के लिए राशि देने का काम करेगी. पहले राम के वनवास के प्रदेश से जुड़े स्थान चित्रकूट से अमरकंटक तक रामपथ वन गमन बनाने का ऐलान किया. इसके बाद सरकार ने ओरछा में रामराजा मंदिर के विस्तार का प्लान बनाने की बात कही और अब राम के दर्शन से लोगों को जोड़ने के लिए रामलीला के मंच बनाने का फैसला कर बीजेपी के राम नाम के उलट कमलनाथ सरकार अपने राम नाम की ब्रांडिंग करने में जुटी है.
बीजेपी ने लगाए आरोप
वहीं बीजेपी ने कमलनाथ सरकार के भगवान राम के नाम को लेकर किए जा रहे ऐलानों पर सवाल खड़े किए हैं तो कांग्रेस ने इसे रामराज्य की स्थापना की ओर एक कदम बताया है. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि भजन-कीर्तन-मंडली का पैसा कांग्रेस ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया था और अब भगवान राम के नाम पर सरकार शिगूफेबाजी करने में लगी है.
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राम की शरण में सरकार
नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि हर साल नगरीय निकायों में रामलीलाओं का आयोजन हो, इसके लिए सरकार रामलीला मंच के लिए राशि देने का काम करेगी. पहले राम के वनवास के प्रदेश से जुड़े स्थान चित्रकूट से अमरकंटक तक रामपथ वन गमन बनाने का ऐलान किया. इसके बाद सरकार ने ओरछा में रामराजा मंदिर के विस्तार का प्लान बनाने की बात कही और अब राम के दर्शन से लोगों को जोड़ने के लिए रामलीला के मंच बनाने का फैसला कर बीजेपी के राम नाम के उलट कमलनाथ सरकार अपने राम नाम की ब्रांडिंग करने में जुटी है.

मंत्री जयवर्धन सिंह ने रायसेन में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार प्रदेश के मौजूदा रामलीला के मैदानों में पक्के मंच बनाएगी
वहीं बीजेपी ने कमलनाथ सरकार के भगवान राम के नाम को लेकर किए जा रहे ऐलानों पर सवाल खड़े किए हैं तो कांग्रेस ने इसे रामराज्य की स्थापना की ओर एक कदम बताया है. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि भजन-कीर्तन-मंडली का पैसा कांग्रेस ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया था और अब भगवान राम के नाम पर सरकार शिगूफेबाजी करने में लगी है.
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