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MP : चुनाव का अता-पता नहीं, कांग्रेस में मची है कुर्सी की दौड़, एक हो रहे हैं असंतुष्ट

कांग्रेस के अंदर मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सवाल उठाने पर पार्टी के अंदर ही हंगामा मचा हुआ है.

कांग्रेस के अंदर मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सवाल उठाने पर पार्टी के अंदर ही हंगामा मचा हुआ है.

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भोपाल. मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के अंदर कुर्सी की लड़ाई तेज होती नजर आ रही है. पार्टी सत्ता में आएगी या नहीं ये तय नहीं. लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर हर क्षत्रप की नजर और दावा है. भावी मुख्यमंत्री को लेकर नेताओं के अलग-अलग सुर सुनाई दे रहे हैं. एमपी कांग्रेस का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री बता रहा है. लेकिन दिग्विजय सिंह समर्थक औऱ कमलनाथ विरोधियों को ये बात रास नहीं आ रही है. इसके विरोध में धीरे धीरे नेता इकट्ठे होते जा रहे हैं.

अगर कांग्रेस एमपी में विधानसभा चुनाव जीती तो मुख्यमंत्री कौन होगा. इस पर कांग्रेस में मारामारी की स्थिति होने लगी है.नेता अरुण याद के बाद अजय सिंह के बयानों ने पार्टी के अंदर के सियासी पारे को उछाल दे दी है. कांग्रेस नेता अरुण यादव ने सबसे पहले कहा पार्टी में मुख्यमंत्री का चेहरा अभी तय नहीं है. चुनाव में नंबर आने के बाद पार्टी तय करेगी कि मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा.

एक हो रहे हैं असंतुष्ट
अरुण यादव के सुर  में सुर कांग्रेस नेता अजय सिंह ने भी मिलाए हैं. पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कांग्रेस की परंपरा रही है कि सीएम का चेहरा घोषित नहीं होता है. केंद्रीय नेतृत्व और विधायक  सीएम चुनते हैं. कोई अपने आप को मुख्यमंत्री नहीं बताता है.पूर्व मंत्री मुकेश नायक कमलनाथ के समर्थन में खड़े नजर आए हैं. नायक ने कहा कमलनाथ निर्विवाद नेता हैं. कमलनाथ अनुभवी नेता हैं पूरी कांग्रेस एकजुट है.

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कमलनाथ कर चुके हैं किनारा
कांग्रेस के अंदर मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सवाल उठाने पर पार्टी के अंदर ही हंगामा मचा हुआ है. हालांकि 2 दिन पहले ही कमलनाथ का बयान भी सामने आया था. कमलनाथ ने कहा था कि मैं किसी पद का आकांक्षी नहीं हूं. मेरा लक्ष्य सिर्फ मध्यप्रदेश के भविष्य को सुरक्षित रखना है. भले ही कमलनाथ खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं बता रहे हों लेकिन कांग्रेस के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री के तौर पर प्रचारित किया जा रहा है. यही वजह है कि अरुण यादव, अजय सिंह जैसे नेताओं ने सोशल मीडिया पर हो रहे प्रचार पर सवाल उठाते उठाकर अपनी ही पार्टी की मुश्किलें बढ़ाना शुरू कर दिया है. विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की अंतर कलह क्या असर दिखाती है अब यह भी देखना दिलचस्प होगा.

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