नगरीय निकाय चुनाव से पहले MP में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की आहट, इन ज़िलों के बदले जा सकते हैं कलेक्टर

9 तारीख को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस में वो अधिकारियों को चेता चुके हैं.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: December 11, 2020, 1:11 AM IST
भोपाल.नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले मध्य प्रदेश (MP) में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की संभावना है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) ने सभी जिलों से इस सिलसिले में रिपोर्ट तलब की है. निकाय चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले ही यह प्रशासनिक सर्जरी की जा सकती है. बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादले किए जाने के आसार हैं. इनमें 8 से 10 जिलों के कलेक्टर भी बदले जा सकते हैं.
नगरीय निकाय के लिए बुधवार को ही महापौर और अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हुई है. अब यह माना जा रहा है कि 15 दिसंबर के बाद कभी भी निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. जबकि चुनाव जनवरी के महीने में कराए जा सकते हैं. निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आचार संहिता प्रभावी हो जाएगी. लिहाजा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उससे पहले ही बड़ा प्रशासनिक फेरबदल कर सकते हैं.
कहां-कहां बदले जा सकते हैं अधिकारी ?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रशासनिक सर्जरी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 8 से 10 जिलों के कलेक्टर बदल सकते हैं. इन जिलों का फीडबैक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मांगा है. जिन जिलों में कलेक्टर बदले जाने की संभावना है उनमें रायसेन, छतरपुर, सीहोर, शहडोल, सीधी, बालाघाट और ग्वालियर शामिल हैं. इसके साथ ही होशंगाबाद जिले के कलेक्टर को भी बदला जा सकता है.उप चुनाव के नतीजों का असर
जानकारी के मुताबिक प्रशासनिक सर्जरी में उपचुनाव के नतीजों की भी झलक मिल सकती है. जिन जिलों में उपचुनाव के नतीजे बीजेपी के पक्ष में नहीं आए थे वहां भी प्रशासनिक फेरबदल किया जा सकता है.

सीएम के सख्त तेवर
शिवराज सिंह चौहान प्रशासनिक कसावट के मूड में हैं. बुधवार को हुई मैराथन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान वो सभी कमिश्नर-कलेक्टर, आईजी-एसपी को साफ कह चुके हैं जिलों में पोस्टिंग अब सिर्फ मेरिट के आधार पर होगी. अधिकारियों की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान ही कलेक्टर कटनी और एसपी नीमच से नाराजगी जाहिर की थी. देर शाम उनके तबादले के आदेश भी जारी कर दिए गए. इससे संकेत साफ हैं कि सीएम प्रशासनिक कसावट को लेकर गंभीर हैं.
नगरीय निकाय के लिए बुधवार को ही महापौर और अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हुई है. अब यह माना जा रहा है कि 15 दिसंबर के बाद कभी भी निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. जबकि चुनाव जनवरी के महीने में कराए जा सकते हैं. निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आचार संहिता प्रभावी हो जाएगी. लिहाजा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उससे पहले ही बड़ा प्रशासनिक फेरबदल कर सकते हैं.
कहां-कहां बदले जा सकते हैं अधिकारी ?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रशासनिक सर्जरी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 8 से 10 जिलों के कलेक्टर बदल सकते हैं. इन जिलों का फीडबैक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मांगा है. जिन जिलों में कलेक्टर बदले जाने की संभावना है उनमें रायसेन, छतरपुर, सीहोर, शहडोल, सीधी, बालाघाट और ग्वालियर शामिल हैं. इसके साथ ही होशंगाबाद जिले के कलेक्टर को भी बदला जा सकता है.उप चुनाव के नतीजों का असर
जानकारी के मुताबिक प्रशासनिक सर्जरी में उपचुनाव के नतीजों की भी झलक मिल सकती है. जिन जिलों में उपचुनाव के नतीजे बीजेपी के पक्ष में नहीं आए थे वहां भी प्रशासनिक फेरबदल किया जा सकता है.
सीएम के सख्त तेवर
शिवराज सिंह चौहान प्रशासनिक कसावट के मूड में हैं. बुधवार को हुई मैराथन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान वो सभी कमिश्नर-कलेक्टर, आईजी-एसपी को साफ कह चुके हैं जिलों में पोस्टिंग अब सिर्फ मेरिट के आधार पर होगी. अधिकारियों की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान ही कलेक्टर कटनी और एसपी नीमच से नाराजगी जाहिर की थी. देर शाम उनके तबादले के आदेश भी जारी कर दिए गए. इससे संकेत साफ हैं कि सीएम प्रशासनिक कसावट को लेकर गंभीर हैं.