इंदौर में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में लाखों का घोटाला उजागर होने के बाद आरोपियों पर एनएसए में कार्रवाई की गई है. कोरोना काल में करीब 80 लाख रुपए कीमत के राशन की बंदरबांट की गई थी. इस घोटाले की वजह से 51,000 से ज़्यादा वाजिब हितग्राहियों को राशन नहीं मिल पाया था. अब इस मामले में सरकार ने राशन माफिया भरत दवे और प्रमोद दहीगुड़े पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की है.
प्रभारी फूड कंट्रोलर आरसी मीणा समेत 31 लोगों पर आईपीसी की धारा 420,409,120 बी के तहत एफआईआऱ की गई है और आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत भी कार्रवाई हुई है.आरोपियों ने सांठ-गांठ कर ढाई लाख क़िलों से ज़्यादा गेहूं-चावल बाजार में बेच दिया था. साथ ही केरोसिन,शक्कर,नमक,चना,चना दाल और तुवरदाल की भी बंदरबांट की गयी थी.