हर बार भ्रष्टाचार से जुड़े विवादों की वजह से सरकार ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को हटा देती है. उनके हटाए जाने के बाद परिवहन विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर अब सवाल भी खड़े होने लगे हैं
भोपाल. मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग का नाता विवादों से जुड़ गया है. विवाद का कनेक्शन भी भ्रष्टाचार से है. हर बार विवाद की वजह से ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को हटाया गया. सीनियर आईपीएस अफसर वी मधु कुमार बाबू हों या फिर मुकेश जैन, इन दोनों को विवादित परिस्थितियों की वजह से हटाया गया. विवादित परिस्थितियां भ्रष्टाचार के आरोप से जुड़ी हुई हैं. कांग्रेस परिवहन विभाग को भ्रष्टाचार का अड्डा करार दे रही है. वो अपनी सरकार गिरने के पीछे भी इस विभाग को जिम्मेदार ठहरा रही है. वहीं बीजेपी सवाल खड़े कर रही है.
मध्य प्रदेश का परिवहन विभाग सबसे ज्यादा शासन को राजस्व देता है. लेकिन यह विभाग हर बार अपने भ्रष्टाचार की वजह से चर्चा में रहा. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि जब भ्रष्टाचार के आरोप के मामलों में ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को हटाया गया.
पहला मामला…
पहला मामला ट्रांसपोर्ट कमिश्नर वी मधु कुमार बाबू से जुड़ा है. मधु कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. उनका लिफाफे लेते हुए एक वीडियो भी वायरल हुआ था. इस वीडियो पर एक्शन लेते हुए सरकार ने उन्हें पुलिस मुख्यालय अटैच कर दिया था.
दूसरा मामला..
दूसरा केस ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश जैन से जुड़ा हुआ है. मुकेश जैन पर उनके ही पीए ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कई जगह शिकायत की थी. इस शिकायत में प्रदेश के टोल नाके से 50 करोड़ की अवैध वसूली का आरोप था. इस मामले में शिकायत को फर्जी बता कर पीए और उसके ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया था. इस विवादित मामले के बाद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश जैन को हटाया गया था.
हर बार भ्रष्टाचार ने बदला कमिश्नर
हर बार भ्रष्टाचार से जुड़े विवादों की वजह से सरकार ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को हटा देती है. उनके हटाए जाने के बाद परिवहन विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर अब सवाल भी खड़े होने लगे हैं. अफसर और राजनेताओं के साथ गांठ को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. मामला ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से ही नहीं बल्कि परिवहन विभाग से भी जुड़ा हुआ है. आरोप यह भी लगता है कि परिवहन विभाग में बिना दलाली लिए कोई काम नहीं होता. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुदेश शर्मा ने कहा परिवहन विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा है. यहां पर सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार होता है और सांठगांठ की वजह से बंदरबांट हो रहा है. उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार इसी विभाग की वजह से गिरी. सरकार को इस पर लगाम कसनी चाहिए ताकि आम जनता को राहत मिल सके.
बीजेपी की नसीहत
बीजेपी प्रवक्ता दुर्गेश केसरवानी ने कहा कांग्रेस आरोप लगाने की राजनीति करती है. उसके शासनकाल में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ. आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांककर कांग्रेस को देखना चाहिए. कमलनाथ उद्योगपति थे लेकिन सीएम बनने के बाद मध्यप्रदेश में एक भी उद्योग नहीं लगा.
क्यों बदनाम है विभाग
परिवहन विभाग वैसे ही बदनाम विभागों में गिना जाता है. ऐसे में ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को बार-बार हटाए जाने को लेकर कांग्रेस बीजेपी सरकार पर सवाल खड़े कर रही है. ये सियासत है और आगामी विधानसभा चुनाव से पहले और ज्यादा गर्म हो गई है.
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