भोपाल. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने नगरीय निकाय चुनाव को लेकर कमर कस ली है. इस बार कांग्रेस रणनीति बदलकर चुनाव लड़ेगी. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने नेताओं से कहा है कि ये चुनाव महत्वपूर्ण हैं. इसलिए पंचायत और निकाय चुनाव को एकजुटता के साथ लड़ें. उन्होंने चुनाव को लेकर विधायकों को कई जिम्मेदारियां सौंपी. खास बात यह है कि कांग्रेस ने बैठक कर तय किया है कि इस बार प्रत्याशी का चयन सभी की रायशुमारी से तय किया जाए, ताकि कार्यकर्ताओं के बीच सही संदेश जाए.
बताया जा रहा है कि कांग्रेस के विधायकों ने बैठक कर यह रणनीति भी बनाई है कि चुनाव के दौरान जनता के बीच मुद्दे क्या उठाए जाएं. कांग्रेस चुनाव में ओबीसी आरक्षण, बेरोजगारी और महंगाई को जोर-शोर से मुद्दा बनाएगी. इसके अलावा प्रदेश में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव और मॉब लिचिंग की घटनाओं को भी मुद्दों में शामिल किया जाएगा. नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, वरिष्ठ नेता अरुण यादव, अजय सिंह, विवेक तंखा और सुरेश पचौरी जैसे नेताओं ने कार्यकर्ताओं को मिलकर काम करने की नसीहत दी.
बता दें, मध्य प्रदेश के आदिवासियों पर हुए अत्याचार को लेकर प्रदेश कांग्रस अध्यक्ष कमलनाथ ने अदिवासी विधायकों की बैठक बुलाई. इसमें सिवनी, मंडला और नेमावर की घटनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई. बैठक में इस बात पर मंथन किया गया कि आदिवासियों की रक्षा कैसे की जाए. इस दौरान इस मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी के लिए भी रणनीति तैयार की गई. बैठक में फैसला लिया गया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष 23 मई को सिवनी जाएंगे और मृतक आदिवासी परिवार से मुलाकात करेंगे. कमलनाथ के सिवनी जाने से आदिवासियों के मुद्दे पर सियासत गर्मा सकती है. बता दें, कि सिवनी में गौकशी के शक में दो आदिवासियों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी.
दूसरी ओर, पेट्रोल-डीजल की कीमत कम होने पर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि पहले तो पेट्रोल-डीजल के दाम इतने ज्यादा बढ़ा दिए और फिर जब चारों तरफ असंतोष हो गया, तब थोड़े दाम कम कर दिए. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले तमाम टैक्स को कम करके जनता को राहत देनी चाहिए.
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