मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कैबिनेट (Shivraj Singh Chauhan Cabinet) का मंगलवार को गठन हुआ है. राज्यपाल लालजी टंडन (Lalji Tandon) ने मंत्रियों को शपथ दिलाई. जिन पांच चेहरों को कैबिनेट में शामिल किया गया उनमें बीजेपी के कद्दावर नेता नरोत्तम मिश्रा का नाम सबसे ऊपर रहा. ऑपरेशन लोटस में नरोत्तम मिश्रा की अहम भूमिका मानी जाती है. पॉलिटिकल करियर की बात करें तो डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कॉलेज के दिनों से कर दी थी. साल 1977-78 में उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ राजनीति में दिलचस्पी दिखाई और जीवाजी विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के सचिव बने.
डॉ. मिश्रा मिलनसार होने की वजह से लोगों के बीच आसानी से घुलमिल गए. उन्होंने राजनीति के मैदान में वर्चस्व कायम करते हुए अलग ही स्थान बनाया. छात्रसंघ के सचिव बनने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वे साल 1978-80 में मध्य प्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रान्तीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे. इसके बाद साल 1985-87 में एमपी भाजपा की प्रान्तीय कार्यकारिणी के सदस्य बने.
साल 1990 में नवम विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा लोक लेखा समिति के सदस्य रहे. इसके बाद डॉ. मिश्रा साल 1990 में विधासभा में सचेतक भी रहे. वे साल 1998 में दूसरी बार, 2003 में तीसरी बार, 2008 में चौथी और साल 2013 में पांचवीं बार मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए. डॉ. मिश्रा को एक जून 2005 को तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया था. इसके बाद 4 दिसंबर 2005 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भरोसा जताते हुए मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में उन्हें शामिल किया.
डॉ. मिश्रा को 28 अक्टूबर 2009 को फिर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलवाई गई. इसके बाद उन्होंने डबरा विधाानसभा अरक्षित होने की वजह से दतिया विधानसभा क्षेत्र से साल 2013 में चुनाव लड़ा. जीत हासिल कर चतुर्दश विधानसभा के सदस्य चुने जाने के बाद 21 दिसंबर, 2013 को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. डॉ. मिश्रा का जन्म 15 अप्रैल 1960 को ग्वालियर में हुआ. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में एमए के बाद पीएचडी की उपाधि हासिल की है. साहित्य, कला में उनकी विशेष रूचि है.
पर जब भी संकट आए आए नरोत्तम मिश्रा संकटमोचक के रूप में नजर आए हैं. 2018 के चुनाव में संख्या बल में कांग्रेस से पिछड़ने के बाद विपक्ष में बैठने वाली बीजेपी को सत्ता दिलाने में नरोत्तम मिश्रा का अहम किरदार रहा है. प्रदेश में चले मिशन लोटस में नरोत्तम मिश्रा का अहम किरदार रहा है जिसके चलते उन्हें शिवराज मंत्रिमंडल में मंत्री पद से नवाज कर उसका इनाम दिया गया है. हालांकि नरोत्तम मिश्रा का पार्टी में कद इतना बढ़ गया है कि उनका नाम इससे पहले डिप्टी सीएम के लिए भी तेजी के साथ चला. मंगलवार को राजभवन में हुए शपथ समारोह में राज्यपाल ने सबसे पहले नरोत्तम मिश्रा को मंत्री पद की शपथ दिलाई है.
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FIRST PUBLISHED : April 21, 2020, 14:33 IST