MP में सियासी उठापटक के बीच विवेक जौहरी ने संभाली DGP की ज़िम्मेदारी

एमपी में नये डीजीपी विवेक जौहरी ने पदभार संभाला
विवेक जौहरी 1984 बैच के आईपीएस अफसर हैं. वो इससे पहले केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर थे. कमलनाथ सरकार ने उन्हें वापस बुलाया है. वो वी के सिंह की जगह नये डीजीपी बनाए गए हैं
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: March 12, 2020, 2:39 PM IST
भोपाल.मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में चल रही सियासी उठापटक के बीच प्रशासनिक स्तर पर भी बड़ा फेर बदल जारी है. नये डीजीपी (dgp) विवेक चौहरी ने आज भोपाल में अपना पदभार संभाल लिया. कमलनाथ सरकार ने वी के सिंह को हटाकर जौहरी का नया डीजीपी बनाया है.
विवेक जौहरी को नई जिम्मेदारी
विवेक जौहरी 1984 बैच के आईपीएस अफसर हैं. वो इससे पहले केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर थे. कमलनाथ सरकार ने उन्हें वापस बुलाया है. वो वी के सिंह की जगह नये डीजीपी बनाए गए हैं. सिंह को खेल और युवा कल्याण का डायरेक्टर बनाकर भेज दिया गया है. विवेक अभी तक बीएसएफ के डीजी पद पर नियुक्त थे.विवेक जौहरी बीएसएफ के 25वें प्रमुख थे. वो खुफिया एजेंसी रॉ में विशेष सचिव के पद पर भी रह चुके हैं.जौहरी भोपाल के मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं. वो सीबीआई में भी सेवाएं दे चुके हैं. साथ ही मध्यप्रदेश के कई अहम ओहदों पर रह चुके हैं.
सवा साल में दूसरे डीजीपी बदले गएवीके सिंह को खेल और युवा कल्याण संचालक बनाया गया है.तबादलों के दौर में कमलनाथ सरकार के सवा साल के कार्यकाल में वी के सिंह पद से हटाए जाने वाले दूसरे डीजीपी हैं. इससे पहले ऋषि कुमार शुक्ला को हटाया गया था. लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें सीबीआई का प्रमुख बना दिया.
वीके सिंह को हटाने के ये रहे कारण
कमलनाथ सरकार वी के सिंह से खुश नहीं थी. कई कारणों से वो उनसे नाराज़ चल रही थी. राज्य के बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने सहित कई मुद्दों पर राज्य सरकार और डीजीपी के बीच मतभेद थे. इस मसले पर आईएएस और आईपीएस एसोसिएशन में भी एक राय नहीं बन पायी थी.
राजगढ़ कलेक्टर थप्पड़ कांड
राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता के थप्पड़ कांड को लेकर भी राज्य सरकार डीजीपी वीके सिंह से नाराज़ थी. निधि निवेदिता पर सीएए समर्थन में बीजेपी की तिरंगा यात्रा के दौरान पहले बीजेपी कार्यकर्ता और फिर पुलिस कर्मचारी को थप्पड़ मारने का आरोप लगा था. सिंह ने खुद पत्र लिखकर राज्य सरकार से कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी.
हनीट्रैप एसआईटी चीफ नियुक्ति विवाद
मध्यप्रदेश के चर्चा में रहने वाले हनीट्रैप कांड की जांच के लिए सरकार से पूछे बिना एसआईटी बनाने के कारण भी वी के सिंह सरकार के निशाने पर थे. जबलपुर में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़का दंगा भी सिंह की इंटेलिजेंस फेलियर माना गया था.
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विवेक जौहरी को नई जिम्मेदारी
विवेक जौहरी 1984 बैच के आईपीएस अफसर हैं. वो इससे पहले केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर थे. कमलनाथ सरकार ने उन्हें वापस बुलाया है. वो वी के सिंह की जगह नये डीजीपी बनाए गए हैं. सिंह को खेल और युवा कल्याण का डायरेक्टर बनाकर भेज दिया गया है. विवेक अभी तक बीएसएफ के डीजी पद पर नियुक्त थे.विवेक जौहरी बीएसएफ के 25वें प्रमुख थे. वो खुफिया एजेंसी रॉ में विशेष सचिव के पद पर भी रह चुके हैं.जौहरी भोपाल के मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं. वो सीबीआई में भी सेवाएं दे चुके हैं. साथ ही मध्यप्रदेश के कई अहम ओहदों पर रह चुके हैं.
सवा साल में दूसरे डीजीपी बदले गएवीके सिंह को खेल और युवा कल्याण संचालक बनाया गया है.तबादलों के दौर में कमलनाथ सरकार के सवा साल के कार्यकाल में वी के सिंह पद से हटाए जाने वाले दूसरे डीजीपी हैं. इससे पहले ऋषि कुमार शुक्ला को हटाया गया था. लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें सीबीआई का प्रमुख बना दिया.
वीके सिंह को हटाने के ये रहे कारण
कमलनाथ सरकार वी के सिंह से खुश नहीं थी. कई कारणों से वो उनसे नाराज़ चल रही थी. राज्य के बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने सहित कई मुद्दों पर राज्य सरकार और डीजीपी के बीच मतभेद थे. इस मसले पर आईएएस और आईपीएस एसोसिएशन में भी एक राय नहीं बन पायी थी.
राजगढ़ कलेक्टर थप्पड़ कांड
राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता के थप्पड़ कांड को लेकर भी राज्य सरकार डीजीपी वीके सिंह से नाराज़ थी. निधि निवेदिता पर सीएए समर्थन में बीजेपी की तिरंगा यात्रा के दौरान पहले बीजेपी कार्यकर्ता और फिर पुलिस कर्मचारी को थप्पड़ मारने का आरोप लगा था. सिंह ने खुद पत्र लिखकर राज्य सरकार से कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी.
हनीट्रैप एसआईटी चीफ नियुक्ति विवाद
मध्यप्रदेश के चर्चा में रहने वाले हनीट्रैप कांड की जांच के लिए सरकार से पूछे बिना एसआईटी बनाने के कारण भी वी के सिंह सरकार के निशाने पर थे. जबलपुर में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़का दंगा भी सिंह की इंटेलिजेंस फेलियर माना गया था.
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