Nishank Rathore Death Case. एम्स भोपाल की फॉरेंसिक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि ट्रेन से कटकर निशांक की मौत हुई.
भोपाल. संदिग्ध हालात में मृत मिले बीटेक स्टूडेंट निशांक राठौर के शरीर पर 18 जगह चोट थी. भोपाल एम्स के फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कर ली है. इसमें हत्या जैसे सबूत कहीं नहीं मिले हैं. फॉरेंसिक एक्सपर्ट की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह मामला सुसाइड का बताया गया है. ट्रेन के पहियों में फंसकर निशांक 5 से 6 फीट तक घसीटता गया था ज्यादा ब्लीडिंग होने की वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई. एक और बात का खुलासा जांच में हुआ था कि उसने ऑनलाइन लोन लिया था. कर्ज नहीं पटा पाने के कारण उसे प्रताड़ित किया जा रहा था. इस खुलासे के भोपाल साइबर क्राइम ने एडवाइजरी जारी की है.
संदिग्ध हालात में मृत मिले बीटेक स्टूडेंट निशांक राठौर की मौत के रहस्य से धीरे धीरे पर्दा उठता जा रहा है. एम्स भोपाल के फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने निशांक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार कर ली है. इसमें निशांक के शरीर पर 18 जगह चोट मिलने की बात कही गयी है. ट्रेन से पैर कटने के बाद निशांक का काफी खून वह गया था. वो ट्रेन के नीचे आने के बाद पहियों में फंसकर 5 से 7 फीट तक घसीटता हुआ गया था. उसके शरीर के अंदरूनी अंगों में गंभीर चोट थीं. ज्यादा खून बहने के कारण कुछ मिनटों में ही उसकी मौत हो गई थी.
साइबर क्राइम ब्रांच ने जारी की एडवाइजरी
निशांक की मौत में कई पहलू उलझे हुए हैं. ऐसा भी पता चला है कि उसने ऑनलाइन लोन लिया था. जिसे वो चुका नहीं पाया था. मामले की जांच कर रही साइबर क्राइम ब्रांच ने एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि ऑनलाइन फेसबुक इंस्टाग्राम पर फर्जी एड से बचें और सत्यता की जांच कर ही लेनदेन करें.
-लोन दिलाने के लिये बीमा पॉलिसी करवाने की शर्त रखी जाती है.
-बीमा पॉलिसी कराने के बावजूद लोन नहीं दिया जाता.
-कई बार बीमा पॉलिसी कराने के बाद भी जाल में फंसे व्यक्ति को लोन नहीं दिया जाता.
निम्न बातों का हमेशा ध्यान रखें…
-अनावश्यक लोन के झंझट में न पड़ें
-सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लुभावने लोन ऑफर देने वाले ठगों से रहें सावधान
-जरूरत पड़ने पर संबंधित बैंक में जाकर ही लोन की प्रक्रिया करें.
-ठग फर्जी लोन एप्लिकेशन के माध्यम से लोन के ऑफर देते हैं.
-एप्लीकेशन डाउनलोड करने से पहले अपने कॉन्टेक्ट लिस्ट और सोशल मीडिया संबंधी निजी जानकारी न दें. आपकी निजी जानकारी दुरूपयोग का हो सकता है.
-लोन के लिए कोई बीमा पॉलिसी लेना आवश्यक नहीं है.
-कोई भी बीमा पॉलिसी लेने से पहले उसकी नियम और शर्ते अवश्य पढ़ें.
-बीमा अधिकृत एजेंट से ही करवाएं और उसकी जानकारी से संतुष्ट होने के बाद ही पॉलिसी खरीदें.
-भोपाल सायबर क्राइम के हेल्पलाइन नम्बर 9479990636 या राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दे
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