MP में आदिवासी की जमीन नहीं खरीद सकते गैर आदिवासी, सीएम कमलनाथ ने किया TWEET

सीएम कमलनाथ ने कहा कि आदिवासियों की ज़मीनों को लेकर नियम नहीं बदले हैं.
मध्य प्रदेश में आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को नहीं बेची जा सकती. सीएम कमलनाथ (CM Kamalnath) ने ट्वीट कर इस मामले पर फैलाई जा रही खबरों को भ्रामक बताया है. उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेचने की अनुमति देने की खबरें गलत हैं.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: November 30, 2019, 11:26 AM IST
भोपाल. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने द्वीट कर कहा है, सरकार ने आदिवासी इलाकों में उनकी ज़मीनों को गैर आदिवासियों को बेचने का कोई फैसला नहीं लिया है. उन्होंने लिखा कि प्रदेश में आदिवासी (tribal) की जमीन गैर आदिवासी को बेचना प्रतिबंधित है. आदिवासियों के हितों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है. सीएम कमलनाथ ने साफ कहा है कि आदिवासियों की जमीन बेचे जाने को लेकर सरकार ने किसी भी तरह के नियम में कोई बदलाव नहीं किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि सरकार ने अनुसूचित क्षेत्रों में गैर आदिवासी के गैर आदिवासी की जमीन (Land) खरीदने के बाद डायवर्सन के लिए जो समय-सीमा थी, उसे खत्म करने का फैसला लिया है.
आदिवासी संगठनों ने जताई थी नाराज़गी
दरअसल प्रदेश में ऐसी खबरें चल रही थीं कि प्रदेश के अनुसूचित आदिवासी क्षेत्रों में भू-राजस्व की संहिता की धारा 165 के तहत सरकार ने आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासी को बेचे जाने की अनुमति दी है. इसको लेकर आदिवासी संगठनों ने नाराजगी जताई थी.
मध्य प्रदेश सरकार आदिवासियों के समस्त हितों का संरक्षण करने के लिए कटिबद्ध है और ऐसा कोई कदम कभी नहीं उठायेगी, जो प्रदेश के आदिवासियों के हित में न हो.
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आदिवासी संगठनों ने जताई थी नाराज़गी
दरअसल प्रदेश में ऐसी खबरें चल रही थीं कि प्रदेश के अनुसूचित आदिवासी क्षेत्रों में भू-राजस्व की संहिता की धारा 165 के तहत सरकार ने आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासी को बेचे जाने की अनुमति दी है. इसको लेकर आदिवासी संगठनों ने नाराजगी जताई थी.
सीएम कमलनाथ ने कहा- नहीं बदले नियमसीएम कमलनाथ की सफाई के बाद साफ हो गया है कि प्रदेश में आदिवासियों की जमीन को गैर आदिवासी को बेचे जाने या फिर लीज पर दिए जाने को लेकर पूर्व के नियम यथावत रहेंगे. आदिवासी की जमीन किसी गैर आदिवासी को बेचना प्रतिबंधित रहेगा. जिले के कलेक्टर भी इसकी अनुमति नहीं दे सकते.प्रदेश के अनुसूचित आदिवासी क्षेत्रों में भू राजस्व की संहिता की धारा 165 के अनुसार किसी भी आदिवासी भाई की जमीन गैर आदिवासी को बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध है और जिले के कलेक्टर भी इसकी अनुमति नहीं दे सकते हैं।2/4
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 29, 2019
राज्य सरकार ने जो सामान्य सा बदलाव किया है वह यह है कि अनुसूचित क्षेत्रों में गैर आदिवासी द्वारा गैर आदिवासी की जमीन खरीदने के बाद डायवर्सन के लिए जो समय सीमा थी बस उसे समाप्त कर दिया है।यह कदम भी इन क्षेत्रों के विकास की दृष्टि से व आदिवासी भाइयों के हित में उठाया गया है।4/4
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 29, 2019
मध्य प्रदेश सरकार आदिवासियों के समस्त हितों का संरक्षण करने के लिए कटिबद्ध है और ऐसा कोई कदम कभी नहीं उठायेगी, जो प्रदेश के आदिवासियों के हित में न हो.
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