MP में गिद्धों और घड़ियालों की तादाद बढ़ी, सरकार बोली- जल्द ही देश में होंगे नंबर वन

घड़ियाल के अण्डों को हैचरी की रेत में 30 से 36 डिग्री तापमान पर रखा जाता है. (सांकेतिक फोटो)
MP News: वर्ष 2019 में पक्षी गणना के मुताबिक 8,397 गिद्ध प्रदेश में थे. वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (Wildlife Trust Of India) की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे अधिक 1,859 घड़ियाल चम्बल अभ्यारण्य में हैं.
- Last Updated: January 27, 2021, 7:22 AM IST
भोपाल. बाघों और तेंदुओं की सबसे अधिक संख्या के साथ ‘‘टाईगर और लेपर्ड स्टेट’’ (Tiger And Leopard State) बनने के बाद मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) अब घड़ियाल और गिद्धों की संख्या के मामले में भी देश में पहले नंबर पर आने की दहलीज पर आ पहुंच चुका है. जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि वर्ष 2019 में पक्षी गणना के मुताबिक 8,397 गिद्ध प्रदेश में थे, जो भारत के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक हैं. भोपाल के केरवा इलाके में वर्ष 2013 से गिद्ध संरक्षण और प्रजनन केन्द्र स्थापित है. इसे बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जा रहा है. गिद्धों (Vultures) की संख्या के मामले में मध्य प्रदेश जल्द नम्बर वन की पायदान पर आने वाला है.
वहीं, वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे अधिक 1,859 घड़ियाल चम्बल अभ्यारण्य में हैं. चार दशक पहले घड़ियालों की संख्या खत्म होने के कगार पर थी. तब दुनिया भर में केवल 200 घड़ियाल ही बचे थे. इनमें से भारत में 96 और चम्बल नदी में 46 घड़ियाल थे. उन्होंने बताया, ‘‘प्रदेश में मुरैना जिले के देवरी में घड़ियाल प्रजनन केन्द्र की स्थापना की गई है. यहां घड़ियाल के अण्डों की सुरक्षित तरीके से हैंचिंग की जाती है. घड़ियाल के अण्डों को हैचरी की रेत में 30 से 36 डिग्री तापमान पर रखा जाता है. इस दौरान अण्डों से कॉलिंग आती है और अण्डों से बच्चे निकलना शुरू हो जाते हैं. बड़े होने पर इन्हें उचित रहवास जल क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से छोड़ दिया जाता है.’’
तेंदुआ स्टेट का दर्जा हासिल किया
उन्होंने बताया कि देश में सबसे अधिक बाघ मध्य प्रदेश में हैं. पिछले साल बाघों की संख्या 526 होने के साथ प्रदेश को एक बार पुन: टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है. अधिकारी ने बताया कि आधिकारिक गणना के अनुसार देशभर में तेंदुओं की संख्या 12, 852 और मध्य प्रदेश में 3, 421 संख्या थी. इस प्रकार देश में उपलब्ध तेंदुओं की संख्या में से 25 प्रतिशत अकेले मध्य प्रदेश में पाए गए हैं. इसी के साथ मध्य प्रदेश ने देश में अन्य राज्यों को पीछे छोड़कर ’तेंदुआ स्टेट’ का दर्जा हासिल किया है.
वहीं, वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे अधिक 1,859 घड़ियाल चम्बल अभ्यारण्य में हैं. चार दशक पहले घड़ियालों की संख्या खत्म होने के कगार पर थी. तब दुनिया भर में केवल 200 घड़ियाल ही बचे थे. इनमें से भारत में 96 और चम्बल नदी में 46 घड़ियाल थे. उन्होंने बताया, ‘‘प्रदेश में मुरैना जिले के देवरी में घड़ियाल प्रजनन केन्द्र की स्थापना की गई है. यहां घड़ियाल के अण्डों की सुरक्षित तरीके से हैंचिंग की जाती है. घड़ियाल के अण्डों को हैचरी की रेत में 30 से 36 डिग्री तापमान पर रखा जाता है. इस दौरान अण्डों से कॉलिंग आती है और अण्डों से बच्चे निकलना शुरू हो जाते हैं. बड़े होने पर इन्हें उचित रहवास जल क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से छोड़ दिया जाता है.’’
तेंदुआ स्टेट का दर्जा हासिल किया
उन्होंने बताया कि देश में सबसे अधिक बाघ मध्य प्रदेश में हैं. पिछले साल बाघों की संख्या 526 होने के साथ प्रदेश को एक बार पुन: टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है. अधिकारी ने बताया कि आधिकारिक गणना के अनुसार देशभर में तेंदुओं की संख्या 12, 852 और मध्य प्रदेश में 3, 421 संख्या थी. इस प्रकार देश में उपलब्ध तेंदुओं की संख्या में से 25 प्रतिशत अकेले मध्य प्रदेश में पाए गए हैं. इसी के साथ मध्य प्रदेश ने देश में अन्य राज्यों को पीछे छोड़कर ’तेंदुआ स्टेट’ का दर्जा हासिल किया है.