भोपाल. पंचायत चुनाव में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी ने पूरा ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ दिया है. उधर कांग्रेस ने बीजेपी को पिछड़ा वर्ग विरोधी बताया है. बीजेपी ने कहा कांग्रेस ने आरक्षण में व्यवधान डाला. कांग्रेस बोली हम चुप नहीं बैठेंगे.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा हमारी मंशा पहले दिन से पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ कराने की रही लेकिन कांग्रेस ने योजनाबद्ध तरीके से चुनाव में व्यवधान डाला. जो प्रक्रिया आसानी से चल रही थी उसमें कांग्रेस ने व्यवधान डाला. कांग्रेस के लोग जो लीगल तौर पर काम कर रहे थे उन्होंने चुनाव यहां लाकर खड़ा कर दिया. वी डी शर्मा ने कहा निकायों का कार्यकाल तो कांग्रेस की सरकार के वक्त ही खत्म हो गया था. फिर ट्रिपल टेस्ट कराने का प्रयास उस वक्त क्यों नहीं कराया ? कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए चुनाव नहीं कराए. निहित स्वार्थ के लिए कांग्रेस ने जो किया उसका दुष्परिणाम आज सामने है. झूठ छल कपट कांग्रेस ने ओबीसी के साथ किया. हमारी सरकार पुनर्विचार याचिका लगाएगी. मध्य प्रदेश की जनता कांग्रेस का षड्यंत्र समझ गई है.
MPCC चीफ कमलनाथ ने क्या कहा ?
कोर्ट के फैसले के बाद पीसीसी चीफ कमल नाथ ने भी बयान जारी किया. उन्होंने लिखा- शिवराज सरकार का ओबीसी वर्ग विरोधी चेहरा आज एक बार फिर सामने आ गया है. शिवराज सरकार शुरू से ही नहीं चाहती थी कि ओबीसी वर्ग को किसी भी आरक्षण का लाभ कभी भी मिले. इसके लिए उसने तमाम हथकंडे और तमाम साजिशें रचीं. हमारी 15 माह की सरकार ने ओबीसी वर्ग के हित और कल्याण के लिए उनके आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% किया था. हमारी सरकार जाने के बाद शिवराज सरकार ने एक ग़लत अभिमत देकर इस निर्णय को भी कई माह तक रोके रखा. बाद में जब हमने इसकी लड़ाई लड़ी तो सरकार ने अपनी गलती सुधार कर हमारी सरकार के निर्णय को लागू किया. पंचायत चुनाव, नगरीय निकाय चुनाव में भी शिवराज सरकार नहीं चाहती है कि ओबीसी वर्ग को बड़े हुए आरक्षण का लाभ मिले , इसलिए पूर्व में भी पंचायत चुनाव में इस तरह की पेचिदिगियाँ डाली गयी कि ओबीसी वर्ग को बढ़े हुए आरक्षण का लाभ नहीं मिले. लेकिन हमने लंबी लड़ाई लड़ भाजपा सरकर की इस साज़िश को फेल कर दिया था.
हम चुप नहीं बैठेंगे
पीसीसी चीफ और पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा – शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत समय रहते ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया. आधी-अधूरी रिपोर्ट और ग़लत तरीक़े से आधे-अधूरे आंकड़े पेश किये. उसके बाद भी और समय मांगने पर, सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की थी कि आपने समय रहते जब कार्रवाई पूरी नहीं की तो अब आगे आप क्या करेंगे. उसके बाद आज यह फैसला आया है. यदि भाजपा की शिवराज सरकार मजबूती से न्यायालय में ओबीसी वर्ग का पक्ष रखती, मजबूती से ओबीसी वर्ग के आंकड़ों को रखती तो निश्चित तौर पर आज ओबीसी वर्ग को उनके बढ़े हुए आरक्षण का लाभ मिलता. लेकिन शिवराज सरकार तो चाहती ही नहीं थी इसलिए उसने कोई गंभीर प्रयास नहीं किए. कांग्रेस आज भी दृढ़ संकल्पित है कि ओबीसी वर्ग को बढ़े हुए आरक्षण का लाभ हर हाल में मिलना चाहिए. बगैर ओबीसी आरक्षण के मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव नहीं होना चाहिए. हम ओबीसी वर्ग के साथ हैं, हम चुप नहीं बैठेंगे. हम आज आये फ़ैसले का अध्ययन करेंगे, विधि विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे. इसे लेकर हम सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेंगे.
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