मध्य प्रदेश: मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड पर छिड़ी सियासत, वचन पत्र को लेकर बीजेपी ने लगाए ये आरोप

वचन पत्र को लेकर बीजेपी ने सरकार पर उठाए सवाल
सूबे की सत्ता पाने वाली कांग्रेस (Congress) ने चुनाव (Election) से पहले जो वचन पत्र जारी किया था, उसको लेकर अब सियासत (Politics) शुरु हो गई है. कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के साल भर का लेखा जोखा पेश करने पर अब बीजेपी ने सरकार से सवाल पूछा है कि कांग्रेस ने एक साल में कितने वचन पूरे किए.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: November 27, 2019, 9:01 PM IST
भोपाल. प्रदेश की कांग्रेस सरकार का एक साल पूरा होने को है. सरकार के मंत्री (Ministers) अपना रिपोर्ट कार्ड (Report Card) लेकर जनता के बीच में हैं लेकिन कांग्रेस के वचन पत्र (Vachan Patra) में शामिल बिंदुओं पर अमल को लेकर अब नई सियासी जंग (Politics) छिड़ गई है. बीजेपी (BJP) का आरोप है कि कांग्रेस (Congress) ने चुनाव से पहले जनता को दिए गए वचन पूरे करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं. बीजेपी ने आरोप लगाया कि सरकार के मंत्री विभागीय रिपोर्ट पेश कर जनता को गुमराह करने में लगे हैं.
बीजेपी के आरोप पर कांग्रेस का पलटवार
बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने कहा है कि अभी तक हम ही कह रहे थे कि ये वायदों वाली सरकार है, लेकिन अब हम ही कह रहे हैं कि ये वादाखिलाफी वाली सरकार है. वहीं बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि सरकार ने अपने वचनों को निभाना शुरु कर दिया है. सरकार के एक साल पूरे होने पर वचनों के पूरा होने का ब्योरा भी पेश किया जाएगा. फिलहाल सरकार के मंत्रियों का दावा है कि उनके विभाग की बागडोर लेने के बाद से न सिर्फ विकास के लिए बड़े कदम उठाए गये हैं बल्कि एक साल में कांग्रेस पार्टी के दिए वचनों पर भी अमल हुआ है.
सीएम ने वचनों को लेकर मांगी जानकारी प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस ने घोषणा पत्र नहीं बनाया है बल्कि वचन पत्र बनाया है. सीएम कमलनाथ ने कहा है कि रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जायें पर वचन ना जायें. सीएम ने सभी विभागों से जानकारी मांगी है कि आखिर किस विभाग ने कितने वचनों को पूरा किया है. और सीएम कमलनाथ बीच सरकार में भी कई वचन देने की तैयारी में हैं, जिन्हें अपने कार्यकाल में सरकार पूरा करेगी.

वचन पत्र पर सुस्त है विभागों की चाल
हालांकि विभागीय समीक्षा में जो रिपोर्ट सामने आई है उसमें सरकार के बड़े विभागों में वचन पत्र पर अमल की चाल बेहद सुस्त है. कई विभाग ऐसे हैं जो कि कांग्रेस के वचन पत्र में फिसड्डी साबित हुए हैं. इनमें स्कूल शिक्षा विभाग सबसे ऊपर है. शिक्षा विभाग में वचन पत्र के 82 बिंदू लंबित हैं. जबकि सामान्य प्रशासन विभाग में 69 बिंदुओं पर अमल होना बाकी है. इसी तरह से गृह विभाग के 67, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के 64, नगरीय प्रशासन विभाग में 59, कृषि विभाग में 54, स्वास्थ्य विभाग में 55 बिंदुओं पर अभी अमल नहीं हुआ है.
वित्तीय भार के कारण टाले कुछ वचन
50 सरकारी महकमों के 1302 में से 345 वचन ऐसे हैं जिन्हें पूरा करने में सरकारी खजाने पर वित्तीय भार आना है इसलिए इन्हें फिलहाल सरकार ने आगे के लिए टाल दिया है. वहीं 244 ऐसे वचन है जिन्हें पूरा करने में कोई वित्तीय भार नहीं आना है और उन पर अब अमल शुरु होगा. कांग्रेस सरकार के एक साल पूरा होने पर अब सीधे मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस के वचन पत्र पर अमल का फीडबैक लेंगे, ताकि सरकार समय अवधि के दौरान वचनों को पूरा कर सके.
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बीजेपी के आरोप पर कांग्रेस का पलटवार
बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने कहा है कि अभी तक हम ही कह रहे थे कि ये वायदों वाली सरकार है, लेकिन अब हम ही कह रहे हैं कि ये वादाखिलाफी वाली सरकार है. वहीं बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि सरकार ने अपने वचनों को निभाना शुरु कर दिया है. सरकार के एक साल पूरे होने पर वचनों के पूरा होने का ब्योरा भी पेश किया जाएगा. फिलहाल सरकार के मंत्रियों का दावा है कि उनके विभाग की बागडोर लेने के बाद से न सिर्फ विकास के लिए बड़े कदम उठाए गये हैं बल्कि एक साल में कांग्रेस पार्टी के दिए वचनों पर भी अमल हुआ है.
सीएम ने वचनों को लेकर मांगी जानकारी प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस ने घोषणा पत्र नहीं बनाया है बल्कि वचन पत्र बनाया है. सीएम कमलनाथ ने कहा है कि रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जायें पर वचन ना जायें. सीएम ने सभी विभागों से जानकारी मांगी है कि आखिर किस विभाग ने कितने वचनों को पूरा किया है. और सीएम कमलनाथ बीच सरकार में भी कई वचन देने की तैयारी में हैं, जिन्हें अपने कार्यकाल में सरकार पूरा करेगी.

वचन पत्र को लेकर कांग्रेस बीजेपी में छिड़ी जंग
वचन पत्र पर सुस्त है विभागों की चाल
हालांकि विभागीय समीक्षा में जो रिपोर्ट सामने आई है उसमें सरकार के बड़े विभागों में वचन पत्र पर अमल की चाल बेहद सुस्त है. कई विभाग ऐसे हैं जो कि कांग्रेस के वचन पत्र में फिसड्डी साबित हुए हैं. इनमें स्कूल शिक्षा विभाग सबसे ऊपर है. शिक्षा विभाग में वचन पत्र के 82 बिंदू लंबित हैं. जबकि सामान्य प्रशासन विभाग में 69 बिंदुओं पर अमल होना बाकी है. इसी तरह से गृह विभाग के 67, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के 64, नगरीय प्रशासन विभाग में 59, कृषि विभाग में 54, स्वास्थ्य विभाग में 55 बिंदुओं पर अभी अमल नहीं हुआ है.
वित्तीय भार के कारण टाले कुछ वचन
50 सरकारी महकमों के 1302 में से 345 वचन ऐसे हैं जिन्हें पूरा करने में सरकारी खजाने पर वित्तीय भार आना है इसलिए इन्हें फिलहाल सरकार ने आगे के लिए टाल दिया है. वहीं 244 ऐसे वचन है जिन्हें पूरा करने में कोई वित्तीय भार नहीं आना है और उन पर अब अमल शुरु होगा. कांग्रेस सरकार के एक साल पूरा होने पर अब सीधे मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस के वचन पत्र पर अमल का फीडबैक लेंगे, ताकि सरकार समय अवधि के दौरान वचनों को पूरा कर सके.
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