भोपाल. नगर निगम की पानी सप्लाई व्यवस्था के काम के कारण शहर की बड़ी आबादी पानी को तरस गई. क्या अधिकारी, क्या आम लोग सब इससे प्रभावित रहे. दरअसल पाइप लाइन के लिए निगम ने जो शट डाउन लिया था उससे ज्यादा वक्त लगने के कारण लोग परेशान हो गए. यह शहर का वो इलाका है जिसमें भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र के हजारों मकान हैं. चार दिन तक लोगों को पानी के लिए परेशान होने के बाद अब कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने सरकार से नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.
विधायक मसूद ने कहा कि मैंने 10 मई को मंत्री भूपेंद्र सिंह, कलेक्टर को पत्र लिखकर जल संकट के बारे में बताया था. भीषण गर्मी में लोगों को पानी नहीं मिलने के दोषी नगर निगम के अफसर हैं. उन्होंने कहा कि निगम अधिकारी एके पवार पर कार्रवाई होना चाहिए. भ्रष्ट अफसरों को नहीं छोड़ना चाहिए. उनकी गलत कार्यप्रणाली की वजह से जनता परेशान हो रही है. उन्होंने कहा कि मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कार्रवाई के लिए आश्वासन दिया है. कार्रवाई नहीं हुई तो हम आंदोलन करेंगे.
नलों से आ रहा गंदा पानी
शहर में पानी के संकट से तकरीबन 15 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. निगम ने पानी सप्लाई शुरू की तो नलों से गंदा पानी आ रहा है. अब लोग इसका इस्तेमाल करें भी तो कैसे? गौरतलब है कि नगर निगम के जल कार्य विभाग ने एमएस और डीआई पाइप लाइन की कमिशीनिंग का काम 12 मई को सुबह 10 बजे शुरू किया था. यह कार्य 60 घंटे में पूरा करना था, लेकिन 4 दिन बीत जाने के बाद भी यह काम पूरा नहीं हो पाया. शहर की 15 लाख आबादी को पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में जानकारी दी थी. इसमें मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आयुक्त नगर निगम को पर्याप्त पानी के टैंकर करने के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद भी पीने के पानी की व्यवस्था नहीं की गई. उन्होंने कहा कि इस जल संकट के लिए जिम्मेदार निगम के जल कार्य विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि समय रहते काम को पूरा कर लिया जाता तो जल संकट नहीं होता.
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