कमलनाथ सरकार के फैसलों की जांच करेंगे शिवराज के मंत्री, ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन

कमलनाथ सरकार के फैसलों की जांच करेगी शिवराज सरकार
जरूरत पड़ी तो सरकार पुरानी सरकार(kamalnath government) के फैसलों को रद्द या बदल भी सकती है. प्रदेश सरकार का फोकस पुरानी सरकार के आखिरी समय में लिए गए फैसलों पर है.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: May 14, 2020, 5:22 AM IST
भोपाल.शिवराज सरकार (shivraj government), कमलनाथ सरकार (kamalnath government) के फैसलों की जांच करेगी. सरकार ने इसके लिए मंत्रियों की एक समिति-ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स बना दी है.ये समिति कमलनाथ सरकार के आखिरी 6 महीने के दौरान हुए काम की जांच करेगी.समिति में 3 मंत्री (ministers) शामिल किए गए हैं. मज़ेदार बात ये है कि इसमें से एक सदस्य जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट हैं, जो खुद कमलनाथ सरकार में मंत्री थे और सरकार के तमाम फैसलों में शामिल थे.
एमपी की शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार के कामकाज की जांच का ऐलान कर दिया है. इसके लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स बना दिया है. यह समिति बीते 6 महीनों में हुए फैसलों की समीक्षा करेगी. समिति इस बात की भी जांच करेगी कि आखिरी छह महीनों में लिए गए फैसलों में कितना भ्रष्टाचार और गड़बड़ी हुई है. गड़बड़ी वाले मामलों में तथ्य मिलने पर संबंधित के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी. इसके अलावा जनविरोधी फैसलों की भी समीक्षा की जाएगी. जरूरत पड़ी तो सरकार पुरानी सरकार के फैसलों को रद्द या बदल भी सकती है. प्रदेश सरकार का फोकस पुरानी सरकार के आखिरी समय में लिए गए फैसलों पर है.
ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स
राज्य सरकार को अंदेशा है कि कांग्रेस सरकार में आखिरी समय में लिए गए फैसलों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं. कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए फैसले लिए गए. ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स में तीन मंत्रियों को शामिल किया गया है. प्रदेश के गृह और स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और कृषि मंत्री कमल पटेल इसके सदस्य हैं. यह समिति पुराने फैसलों की समीक्षा कर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी. ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की रिपोर्ट पर सरकार फैसला लेगी.तबादलों पर नजर
शिवराज सरकार की नज़र कमलनाथ के शासन में हुए तबादलों राजनीतिक नियुक्ति, किसान कर्ज माफी पर है.इसमें सरकार को गड़बड़ी होने का अंदेशा है. अब उन तमाम फैसलों की जांच कर शिवराज सरकार पुरानी कमलनाथ सरकार को घेरने की तैयारी में है. सरकार की कोशिश है कि आगामी उपचुनाव से पहले गड़बड़ियों की जांच कर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया जा सके और इसके लिए अभी से मिशन इन्वेस्टिगेशन पर प्रदेश सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है.
कांग्रेस की सलाह
जांच समिति बनाने पर कांग्रेस ने बीजेपी को सलाह दी है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा बीजेपी सरकार को उन मामलों की जांच भी करना चाहिए, जिनके भ्रष्टाचार की जांच कांग्रेस शासन में शुरू हुई थी. कांग्रेस पार्टी हर तरह की जांच के लिए तैयार है.
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एमपी की शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार के कामकाज की जांच का ऐलान कर दिया है. इसके लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स बना दिया है. यह समिति बीते 6 महीनों में हुए फैसलों की समीक्षा करेगी. समिति इस बात की भी जांच करेगी कि आखिरी छह महीनों में लिए गए फैसलों में कितना भ्रष्टाचार और गड़बड़ी हुई है. गड़बड़ी वाले मामलों में तथ्य मिलने पर संबंधित के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी. इसके अलावा जनविरोधी फैसलों की भी समीक्षा की जाएगी. जरूरत पड़ी तो सरकार पुरानी सरकार के फैसलों को रद्द या बदल भी सकती है. प्रदेश सरकार का फोकस पुरानी सरकार के आखिरी समय में लिए गए फैसलों पर है.
ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स
राज्य सरकार को अंदेशा है कि कांग्रेस सरकार में आखिरी समय में लिए गए फैसलों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं. कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए फैसले लिए गए. ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स में तीन मंत्रियों को शामिल किया गया है. प्रदेश के गृह और स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और कृषि मंत्री कमल पटेल इसके सदस्य हैं. यह समिति पुराने फैसलों की समीक्षा कर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी. ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की रिपोर्ट पर सरकार फैसला लेगी.तबादलों पर नजर
शिवराज सरकार की नज़र कमलनाथ के शासन में हुए तबादलों राजनीतिक नियुक्ति, किसान कर्ज माफी पर है.इसमें सरकार को गड़बड़ी होने का अंदेशा है. अब उन तमाम फैसलों की जांच कर शिवराज सरकार पुरानी कमलनाथ सरकार को घेरने की तैयारी में है. सरकार की कोशिश है कि आगामी उपचुनाव से पहले गड़बड़ियों की जांच कर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया जा सके और इसके लिए अभी से मिशन इन्वेस्टिगेशन पर प्रदेश सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है.
कांग्रेस की सलाह
जांच समिति बनाने पर कांग्रेस ने बीजेपी को सलाह दी है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा बीजेपी सरकार को उन मामलों की जांच भी करना चाहिए, जिनके भ्रष्टाचार की जांच कांग्रेस शासन में शुरू हुई थी. कांग्रेस पार्टी हर तरह की जांच के लिए तैयार है.
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