शिवराज का कमलनाथ सरकार पर तंज- 'क्या शराब की होम डिलीवरी की तैयारी है?'

सीएम शिवराज सिंह का प्रदेश की जनता के नाम संदेश
प्रदेश में नई शराब दुकानों को लेकर सीएम कमलनाथ (CM Kamalnath) और पूर्व सीएम में चिट्ठी वॉर (Letter War) शुरू हो गया है. सीएम कमलनाथ की चिट्ठी मिलने पर शिवराज ने कहा कि जवाब बेहद दुभाग्यपूर्ण है. उन्होंने सीएम से पूछा कि कहीं आपकी सरकार शराब ही होम डिलीवरी का तैयारी तो नहीं कर रही है
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: January 11, 2020, 8:08 PM IST
भोपाल. मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने सीएम कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि, 'जिस तरह से जगह-जगह शराब की दुकानें (Liquor Shop) खोलने की अनुमति दी जा रही है, उससे तो अच्छा है कि क्यों ना शराब की होम डिलेवरी करा दो. सीधे शराब घर पहुंच जाए, वहीं पियो आराम से.'
'सरकार का नहीं शराब माफिया का फैसला'
शिवराज ने कहा कि जो इस सरकार ने फैसला किया है कि लाइसेंसधारी चाहे तो अपनी दुकान के साथ एक और दुकान खोल सकते हैं, ये फैसला किसी जनकल्याणकारी सरकार का नहीं है. ये फैसला शराब माफियाओं का है. ये फैसला शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाने वाला है. ये नीति प्रदेश का कबाड़ा कर देगी.
'ये आपका नहीं शराब माफिया का तर्क है'शिवराज ने कहा कि, 'ये महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का वर्ष है. इस साल में मध्य प्रदेश को ऐसा ना बनाएं कि वो शराब के नशे में डूब जाएं. क्यों ना आप हर गांव में शराब दुकानें खोल दो.' पूर्व सीएम ने सीएम कमलनाथ की चिट्ठी को दिखाते हुए कहा कि क्या आपका ये तरीका माफियाओं को खत्म करने का है. संगठित अपराध माफिया इससे खत्म हो जाएंगे, तो फिर आबकारी विभाग का इतना बड़ा अमला क्यों बनाया. क्या उनकी जिम्मेदारी नहीं है कि अवैध शराब बिक रही है तो कार्रवाई करें. आपका तर्क मेरे गले नहीं उतर रहा. ये तर्क आप नहीं दे रहे है. ये तर्क शराब माफिया दे रहे हैं कि कैसे जनता को शराब के नशे में डुबोकर अपनी तिजोरियां भर सकें. क्या सरकार का हित भी उनसे जुड़ा है.

शिवराज का दावा- मेरे रहते एक भी शराब दुकान नहीं खुली
शिवराज ने चिट्ठी में लिखा, "मेरे सीएम रहते एक भी नई शराब दुकान नहीं खुली. मैं 2005 के अंत में मुख्यमंत्री बना था. 2011 में हमने फैसला किया था कि नई शराब दुकान नहीं खुलेगी. विभाग हर साल 300 से 400 नई शराब दुकान खोलने के प्रस्ताव लेकर आया. तर्क बहुत मिले, शराब माफिया ही तर्क देते हैं. 2011 से 2018 तक एक भी नई शराब दुकान नहीं खोली गई. आपके आबकारी आयुक्त खुद बोल रहे हैं कि मैने 78 शराब दुकानें बंद की थीं. मेरे शासन काल में 2011 से प्रदेश में एक भी नई दुकान नहीं खुली थी, बल्कि कम करने की कोशिश की थी."
'क्या शराब दुकान पर मक्खन, पनीर और जूस मिलेगा?'
पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने सीएम कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि सीएम कमलनाथ जी आप एमपी को आदर्श क्यों नहीं बनाते, उन्होंने कहा कि, 'आप शराब दुकान नहीं खोल रहे तो क्या शराब दुकानों पर मक्खन, पनीर और जूस मिलेगा?' शिवराज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी महात्मा गांधी को फॉलो नहीं करती लेकिन फॉलो करने का दम्भ बहुत भरती है. गांधीजी तो शराब के खिलाफ थे, लेकिन आपकी सरकार प्रदेश में जगह-जगह पर नई शराब दुकानें खोलने जा रही है. शिवराज ने कहा कि मैं जनता के हित के लिए केवल नैतिक सवाल उठा रहा हूं.
शराब नीति में नया प्रावधान जोड़ने को लेकर विवाद
शराब नीति में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है, जिसमें कहा गया है कि लाइसेंसधारी की दुकान है तो वो एक और उपदुकान शराब की खोल सकते हैं. शहर में 5 किलोमीटर के दायरे में और गांव में 10 किलोमीटर के दायरे में शराब दुकान खुल सकती है. इसके विरोध में पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने सीएम कमनलाथ को कल चिट्ठी लिखी थी. सीएम कमलनाथ ने भी पूर्व सीएम को कल शाम ही चिट्ठी का जबाव भेज दिया है, जिसके बाद अब तक चिट्ठी पर सियासत गरमाई हुई है.
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'सरकार का नहीं शराब माफिया का फैसला'
शिवराज ने कहा कि जो इस सरकार ने फैसला किया है कि लाइसेंसधारी चाहे तो अपनी दुकान के साथ एक और दुकान खोल सकते हैं, ये फैसला किसी जनकल्याणकारी सरकार का नहीं है. ये फैसला शराब माफियाओं का है. ये फैसला शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाने वाला है. ये नीति प्रदेश का कबाड़ा कर देगी.
'ये आपका नहीं शराब माफिया का तर्क है'शिवराज ने कहा कि, 'ये महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का वर्ष है. इस साल में मध्य प्रदेश को ऐसा ना बनाएं कि वो शराब के नशे में डूब जाएं. क्यों ना आप हर गांव में शराब दुकानें खोल दो.' पूर्व सीएम ने सीएम कमलनाथ की चिट्ठी को दिखाते हुए कहा कि क्या आपका ये तरीका माफियाओं को खत्म करने का है. संगठित अपराध माफिया इससे खत्म हो जाएंगे, तो फिर आबकारी विभाग का इतना बड़ा अमला क्यों बनाया. क्या उनकी जिम्मेदारी नहीं है कि अवैध शराब बिक रही है तो कार्रवाई करें. आपका तर्क मेरे गले नहीं उतर रहा. ये तर्क आप नहीं दे रहे है. ये तर्क शराब माफिया दे रहे हैं कि कैसे जनता को शराब के नशे में डुबोकर अपनी तिजोरियां भर सकें. क्या सरकार का हित भी उनसे जुड़ा है.

शिवराज ने कहा कि शराब दुकानें खोलने का फैसला आपका नहीं शराब माफिया का है
शिवराज का दावा- मेरे रहते एक भी शराब दुकान नहीं खुली
शिवराज ने चिट्ठी में लिखा, "मेरे सीएम रहते एक भी नई शराब दुकान नहीं खुली. मैं 2005 के अंत में मुख्यमंत्री बना था. 2011 में हमने फैसला किया था कि नई शराब दुकान नहीं खुलेगी. विभाग हर साल 300 से 400 नई शराब दुकान खोलने के प्रस्ताव लेकर आया. तर्क बहुत मिले, शराब माफिया ही तर्क देते हैं. 2011 से 2018 तक एक भी नई शराब दुकान नहीं खोली गई. आपके आबकारी आयुक्त खुद बोल रहे हैं कि मैने 78 शराब दुकानें बंद की थीं. मेरे शासन काल में 2011 से प्रदेश में एक भी नई दुकान नहीं खुली थी, बल्कि कम करने की कोशिश की थी."
'क्या शराब दुकान पर मक्खन, पनीर और जूस मिलेगा?'
पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने सीएम कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि सीएम कमलनाथ जी आप एमपी को आदर्श क्यों नहीं बनाते, उन्होंने कहा कि, 'आप शराब दुकान नहीं खोल रहे तो क्या शराब दुकानों पर मक्खन, पनीर और जूस मिलेगा?' शिवराज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी महात्मा गांधी को फॉलो नहीं करती लेकिन फॉलो करने का दम्भ बहुत भरती है. गांधीजी तो शराब के खिलाफ थे, लेकिन आपकी सरकार प्रदेश में जगह-जगह पर नई शराब दुकानें खोलने जा रही है. शिवराज ने कहा कि मैं जनता के हित के लिए केवल नैतिक सवाल उठा रहा हूं.
शराब नीति में नया प्रावधान जोड़ने को लेकर विवाद
शराब नीति में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है, जिसमें कहा गया है कि लाइसेंसधारी की दुकान है तो वो एक और उपदुकान शराब की खोल सकते हैं. शहर में 5 किलोमीटर के दायरे में और गांव में 10 किलोमीटर के दायरे में शराब दुकान खुल सकती है. इसके विरोध में पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने सीएम कमनलाथ को कल चिट्ठी लिखी थी. सीएम कमलनाथ ने भी पूर्व सीएम को कल शाम ही चिट्ठी का जबाव भेज दिया है, जिसके बाद अब तक चिट्ठी पर सियासत गरमाई हुई है.
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