Sidhi Bus Accident: ये 3 गलतियां न होतीं तो बच सकती थी 42 यात्रियों की जान

Sidhi Bus Accident: सीधी बस हादसे पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री दोनों ने शोक व्यक्त किया है.
Sidhi Bus Accident: सीधी-सतना मार्ग पर बस हादसे से पहले की इन तीन गलतियों की ओर अगर ड्राइवर और कंडक्टर ने दिया होता ध्यान तो बच सकती थी यात्रियों की जानें.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: February 16, 2021, 4:46 PM IST
सीधी. सीधी की बाणसागर नहर में एक बस (Sidhi Bus Accident) गिरने से आज सुबह 42 यात्रियों की अकाल मौत हो गई. हर हादसे के पीछे कोई न कोई ठोस वजह रहती है, लेकिन सीधी में हुई दुर्घटना पर गौर करें, तो बस के ड्राइवर और कंडक्टर की लापरवाही साफ तौर पर सामने आती हैं. बस में क्षमता से ज्यादा सवारी को ठूंस-ठूंसकर भरे जाने की गलती हो या फिर बीच रास्ते में अचानक रास्ता बदल लेने का फैसला, कम से कम ऐसे तीन कारण साफ तौर पर सामने आ रहे हैं, जिनकी वजह से यह दर्दनाक हादसा हुआ.
बस हादसे के बाद मध्य प्रदेश के विपक्षी दल बस की फिटनेस और परमिट को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं, इसके बारे में तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा. लेकिन इसके पहले आइए देखते हैं कि वे 3 कौन से प्रमुख कारण रहे, जिसकी वजह से 42 यात्रियों को असमय ही अपनी जान गंवानी पड़ी.
पहला कारण - सीधी से सतना जा रही बस सामान्य न होकर छोटी बस की श्रेणी में आती है, जिसमें 32+2 यात्रियों के बैठने के लिए सीट थीं. इस बस में 32 प्लस 2 सीटें ही थीं. लेकिन कंडक्टर और ड्राइवर की लापरवाही देखें तो इसमें कुल 54 यात्री सवार थे. क्षमता से अधिक यात्रियों के होने के कारण बस के संतुलन खोने का खतरा था, जिसकी अनदेखी हादसे की एक वजह बनी.
दूसरा कारण - बसों की रवानगी का समय हर जगह तय रहता है. सीधी से सतना जाने वाली बस का समय भी तय था, सुबह 5 बजे इसे रवाना होना था. लेकिन यह बस तय समय से पहले यानी सुबह के 3 बजे ही गंतव्य की ओर चल दी. सुबह 3 बजे अंधेरे में ही गंतव्य की ओर चली बस रास्ते में हादसे का शिकार हो गई. हालांकि हादसा करीब 8 बजे सुबह में हुआ, लेकिन संभव है कि ड्राइवर को झपकी आने की वजह से दुर्घटना हुई हो.
तीसरा कारण - सरकार जब किसी बस को परमिट देती है, उसी समय उसका रूट भी तय कर दिया जाता है. परिवहन विभाग के नियमों के मुताबिक तय रूट से अलग रास्ते पर बस संचालन अपराध माना जाता है. सीधी बस दुर्घटना की एक वजह यह भी है कि हादसे का शिकार होने वाली बस के ड्राइवर ने अचानक ही इसका रूट बदल दिया था. ट्रैफिक जाम के कारण ड्राइवर ने रास्ता बदला और 7 किलोमीटर तक नए रूट से बस को ले गया.
बस हादसे के बाद मध्य प्रदेश के विपक्षी दल बस की फिटनेस और परमिट को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं, इसके बारे में तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा. लेकिन इसके पहले आइए देखते हैं कि वे 3 कौन से प्रमुख कारण रहे, जिसकी वजह से 42 यात्रियों को असमय ही अपनी जान गंवानी पड़ी.
पहला कारण - सीधी से सतना जा रही बस सामान्य न होकर छोटी बस की श्रेणी में आती है, जिसमें 32+2 यात्रियों के बैठने के लिए सीट थीं. इस बस में 32 प्लस 2 सीटें ही थीं. लेकिन कंडक्टर और ड्राइवर की लापरवाही देखें तो इसमें कुल 54 यात्री सवार थे. क्षमता से अधिक यात्रियों के होने के कारण बस के संतुलन खोने का खतरा था, जिसकी अनदेखी हादसे की एक वजह बनी.
दूसरा कारण - बसों की रवानगी का समय हर जगह तय रहता है. सीधी से सतना जाने वाली बस का समय भी तय था, सुबह 5 बजे इसे रवाना होना था. लेकिन यह बस तय समय से पहले यानी सुबह के 3 बजे ही गंतव्य की ओर चल दी. सुबह 3 बजे अंधेरे में ही गंतव्य की ओर चली बस रास्ते में हादसे का शिकार हो गई. हालांकि हादसा करीब 8 बजे सुबह में हुआ, लेकिन संभव है कि ड्राइवर को झपकी आने की वजह से दुर्घटना हुई हो.
तीसरा कारण - सरकार जब किसी बस को परमिट देती है, उसी समय उसका रूट भी तय कर दिया जाता है. परिवहन विभाग के नियमों के मुताबिक तय रूट से अलग रास्ते पर बस संचालन अपराध माना जाता है. सीधी बस दुर्घटना की एक वजह यह भी है कि हादसे का शिकार होने वाली बस के ड्राइवर ने अचानक ही इसका रूट बदल दिया था. ट्रैफिक जाम के कारण ड्राइवर ने रास्ता बदला और 7 किलोमीटर तक नए रूट से बस को ले गया.