मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप केस के मानव तस्करी (Human trafficing) से जुड़े मामले में एसआईटी को भोपाल कोर्ट (Bhopal Court) से आदेश की प्रमाणित कॉपी मिलने का इंतजार है. माना जा रहा है कि इसके बाद एसआईटी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देगी. आपको बता दें कि हाईप्रोफाइल हनीट्रैप केस में भोपाल कोर्ट ने आरोपी श्वेता स्वप्निल जैन को बरी कर दिया है जबकि श्वेता विजय जैन, आरती दयाल और अभिषेक पर मानव तस्करी मामले में आरोप तय हुए हैं.
कोर्ट ने श्वेता स्वप्निल जैन को दोषमुक्त किए जाने वाले अपने आदेश में लिखा है कि फरियादी मोनिका यादव और अन्य गवाहों के बयानों में श्वेता स्वप्निल जैन के संबंध में कोई तथ्य सामने नहीं आए. इसके साथ ही सीआईडी ने जिन ऑडियो वीडियो की सीडी और गैजेट्स के आधार पर उसे आरोपी बनाया, उन्हें भी कोर्ट में पेश नहीं किया गया. श्वेता स्वप्निल जैन पर आपराधिक षड्यंत्र की धाराएं लगाई गई थीं लेकिन वो प्रमाणित नहीं हुईं. नियम के मुताबिक एसआईटी 90 दिनों के अंदर पुनरीक्षण याचिका पेश कर सकती है.
हाई प्रोफाइल हनीट्रैप मामले में आरोपी श्वेता स्वप्निल जैन को मानव तस्करी मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया है. वहीं अन्य आरोपी श्वेता विजय जैन, आरती दयाल और अभिषेक पर मानव तस्करी मामले में आरोप तय हुए हैं. भोपाल कोर्ट में जज भरत कुमार व्यास की कोर्ट में सुनवाई के बाद इन आरोपियों पर आरोप तय हुए हैं. एक आरोपी को मानव तस्करी मामले में राहत मिल गई है. श्वेता विजय जैन, आरती दयाल और अभिषेक पर धारा 370, 370 ए और 120 बी के तहत आरोप तय किए गए हैं.
दरअसल हनीट्रैप मामला उजागर होने के बाद मोनिका यादव के पिता हीरालाल की शिकायत पर सीआईडी ने 4 लोगों पर मानव तस्करी का मामला दर्ज किया था. करीब 3 घंटे सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोप तय किए थे. बहुचर्चित हनीट्रैप केस में अनेक राजनेताओं के साथ नौकरशाहों के शामिल होने की बात आ रही थी. इस मामले में अनेक पहलुओं से जांच की जा रही है.
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FIRST PUBLISHED : February 15, 2020, 16:42 IST