होम /न्यूज /मध्य प्रदेश /Sulemani Chai: जानिए भोपाल की 'सुलेमानी चाय' के बारे में जो है बहुत मशहूर, कह उठेंगे वाह क्‍या बात है!

Sulemani Chai: जानिए भोपाल की 'सुलेमानी चाय' के बारे में जो है बहुत मशहूर, कह उठेंगे वाह क्‍या बात है!

भोपाल में बहुत कम जगह मिलती है या चाय

भोपाल में बहुत कम जगह मिलती है या चाय

Sulemani Chai Bhopal: अगर आप चाय के शौकीन हैं, तो आपने अदरक चाय, मसाला चाय, लेमन टी और ब्‍लैक टीम का स्‍वाद जरूर चखा हो ...अधिक पढ़ें

    रिपोर्ट: आदित्य तिवारी

    भोपाल. अगर आप वाकई चाय के शौकीन हैं, तो आपने अदरक वाली चाय का स्वाद जरूर चखा होगा. इसके साथ कई बार लेमन टी, मसाला टी और ब्लैक टी का आनंद उठाया होगा, लेकिन क्या आपने कभी नमक वाली चाय पी है? दरअसल यह नमक वाली चाय मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पुराने शहर में मिलती है.

    यूं तो भोपाल की ख्याति झीलों से भी है, लेकिन आप जब पुराने भोपाल में पहुंचेंगे तो खाने-पीने की ऐसी कई लजीज चीजें आपको मिलेंगी जो आपको बहुत पसंद आएंगी. यही नहीं, यह लजीज चीजें सिर्फ भोपाल में ही खाने को मिलती हैं. उन्हीं में से एक है ‘सुलेमानी चाय’ (नमक वाली चाय). यह चाय खासतौर से पुराने भोपाल में मिलती है, जिसे लोग बेहद पंसद करते हैं. सर्दी के सुहाने मौसम में सुलेमानी चाय की चुस्कियों की बात ही निराली है.

    सुलेमानी चाय का इतिहास
    पुराने भोपाल में सुलेमानी टी-स्टॉल के मालिक गुड्डू भाई बताते हैं कि उनकी शॉप उनके परदादा के जमाने की है, जो कि 100 साल से भी अधिक पुरानी है. गुड्डू भाई के मुताबिक, दुकान इतनी पुरानी है कि उस दौर में भोपाल में बिजली तक नहीं हुआ करती थी. जबकि हमारी दुकान की चाय पीने भोपाल रियासत के नवाब भी आया करते थे. गुड्डू भाई बताते हैं कि इस स्टॉल को हमारी चौथी पीढ़ी चला रही है. हमारे बच्चे भी पुश्तैनी काम को आगे बढ़ा रहे हैं. गुड्डू के बेटे फैजल कहते हैं कि उनके दादा बताया करते थे कि उन्होंने 10 पैसे की चाय बेची थी. हालांकि वर्तमान में चाय का दाम 7 रुपए है और रोजाना लगभग 5 हजार रुपए की चाय सेल होती है. जबकि सर्दी के मौसम में चाय की मांग और भी अधिक बढ़ जाती है.

    कैसे बनती है ये स्पेशल चाय
    सबसे पहले पानी को उबाला जाता है और फिर चाय के ऑर्डर के हिसाब से चायपत्ती, शक्‍कर और खड़ा नमक डाला जाता है. इसे पूरे 1 घंटे तक उबाला जाता है. वहीं, दूध को अलग से उबाला जाता है. इसकी खासियत यह होती है कि गिलास/कप में काली चाय सर्व करने के बाद इसमें दूध को ऊपर से डालते हैं.

    कहां से आया सुलेमानी चाय का फॉर्मूला
    जानकर बताते हैं कि भोपाल रियासत की बेगम सिकंंदर तुर्की से सुलेमानी चाय की रेसिपी लाई थीं. इस चायर को आज भी उसी निराले अंदाज में बनाया जा रहा है. चाय की शौकीन लोगों के मुताबिक, यह चाय सेहत के लिहाज से आम चाय से ज्यादा फायदेमंद है.

    Sulemani Namak Wali

    Tags: Bhopal news, Chaiwala, Mp news

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